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Employees Pension Scheme: ईपीएफओ यूजर्स को मिल सकता है बड़ा तोहफा, न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये करने की तैयारी में सरकार

Employees Pension Scheme: ईपीएफओ यूजर्स को मिल सकता है बड़ा तोहफा, न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये करने की तैयारी में सरकार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 01 Jan 2022 05:15 PM IST

सार

Employees Pension Scheme : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ग्राहकों को नए साल में बड़ा फायदा हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब न्यूनतम मासिक पेंशन 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की जा सकती है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
– फोटो : सोशल मीडिया

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ग्राहकों को नए साल में बड़ा फायदा हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब न्यूनतम मासिक पेंशन 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की जा सकती है।

पेंशनभोगी अर्से से कर रहे इसकी मांग
गौरतलब है कि पेंशनभोगी अर्से से इस बात की मांग करते चले आ रहे हैं। अब बस ईपीएफओ को इस बात पर फैसला करना बाकी है। रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फरवरी 2022 में श्रम मंत्रालय की एक अहम बैठक होने वाली है। संसद की स्टैंडिंग कमिटी की सिफारिशों के मद्देनजर इस पर जल्द फैसला लिया जा सकता है। 

पेंशन स्कीम को इस तरह समझें 
ईपीएफओ के तहत प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पाने पर सभी यूजर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 58 की उम्र के बाद 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन दी जाती है। इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। स्कीम में विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन की सुविधा मिलती है।

बैठक में इन दो अहम मुद्दों पर चर्चा 
सूत्रों के मुताबिक, फरवरी में होने वाली श्रम मंत्रालय की बैठक में दो अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। पहला न्यू वेज कोड को लागू करने पर फैसला लिया जा सकता है, जबकि दूसरा अहम मुद्दा न्यूनतम पेंशन है। उम्मीद की जा रही है कि बैठक में इसपर भी सहमति बन सकती है। यानी लंबे समय से चल रही न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग पर फैसला संभव है। बता दें कि सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही है। 

मार्च 2021 में की गई थी यह सिफारिश
गौरतलब है कि बीते साल मार्च 2021 में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने न्यूनतम पेंशन की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये तक करने की सिफारिश की थी। जबकि, पेंशनभोगियों की मांग यह है कि इसे 1000 से बढ़ाकर कम से कम 9,000 रुपये किया जाना चाहिए। बता दें कि पांच राज्यों के हाई कोर्ट ने पेंशन को मौलिक अधिकार करार दिया है।

विस्तार

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ग्राहकों को नए साल में बड़ा फायदा हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब न्यूनतम मासिक पेंशन 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की जा सकती है।

पेंशनभोगी अर्से से कर रहे इसकी मांग

गौरतलब है कि पेंशनभोगी अर्से से इस बात की मांग करते चले आ रहे हैं। अब बस ईपीएफओ को इस बात पर फैसला करना बाकी है। रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फरवरी 2022 में श्रम मंत्रालय की एक अहम बैठक होने वाली है। संसद की स्टैंडिंग कमिटी की सिफारिशों के मद्देनजर इस पर जल्द फैसला लिया जा सकता है। 

पेंशन स्कीम को इस तरह समझें 

ईपीएफओ के तहत प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पाने पर सभी यूजर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है। संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 58 की उम्र के बाद 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन दी जाती है। इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। स्कीम में विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन की सुविधा मिलती है।

बैठक में इन दो अहम मुद्दों पर चर्चा 

सूत्रों के मुताबिक, फरवरी में होने वाली श्रम मंत्रालय की बैठक में दो अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। पहला न्यू वेज कोड को लागू करने पर फैसला लिया जा सकता है, जबकि दूसरा अहम मुद्दा न्यूनतम पेंशन है। उम्मीद की जा रही है कि बैठक में इसपर भी सहमति बन सकती है। यानी लंबे समय से चल रही न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग पर फैसला संभव है। बता दें कि सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही है। 

मार्च 2021 में की गई थी यह सिफारिश

गौरतलब है कि बीते साल मार्च 2021 में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने न्यूनतम पेंशन की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये तक करने की सिफारिश की थी। जबकि, पेंशनभोगियों की मांग यह है कि इसे 1000 से बढ़ाकर कम से कम 9,000 रुपये किया जाना चाहिए। बता दें कि पांच राज्यों के हाई कोर्ट ने पेंशन को मौलिक अधिकार करार दिया है।

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