दीपिका पादुकोण की शख्सीयत की सबसे खास बात जो है वह है उनकी गर्मजोशी। सामने किसी परिचित को देखकर तो उनका चेहरा खिल ही उठता है, अनजान लोगों के साथ भी वह काफी मिलनसार रहती हैं। दीपिका की दमक को सिनेमा में दिखे 16 साल हो रहे हैं। कन्नड़ फिल्म ‘ऐश्वर्या’ से बड़े परदे पर डेब्यू करने वाली दीपिका 36 साल की हो चुकी हैं। उनकी बातों में उनके करियर की कामयाबी और एक प्रौढ़ महिला की झलक मिलती है। वह लाखों युवतियों के लिए कामयाबी की मिसाल हैं, ये बात दीपिका खुद भी जानती हैं। इसीलिए वह बार बार सामाजिक तौर पर ऐसी बहसों को हिस्सा भी बनती हैं जो युवा पीढ़ी को सीधे प्रभावित करती है। शादी के बाद वह अपने पति रणवीर सिंह के साथ बीते महीने रिलीज हुई फिल्म ‘83’ में नजर आईं। और, इस अगले महीने वैलेंटाइंस डे से तीन दिन पहले सीधे ओटीटी पर रिलीज हो रही फिल्म ‘गहराइयां’ की भी वह लीड कलाकार हैं।
फिल्म ‘गहराइयां’ के बारे में दीपिका कहती हैं, ‘मेरी अगली फिल्म वैसी ही है जैसी मैं बहुत दिनों से करना चाह रही थी। हल्की फुल्की और दिल के काफी करीब। भारी भरकम कॉस्ट्यूम ड्रामा से बाहर आने के फैसले के समय ही ये फिल्म मैंने साइन की। बहुत दिनों से मैं ‘लव आजकल’ जैसी फिल्म करना चाह रही थी। निर्देशक शकुन बत्रा की इस फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी हैं। अनन्या पांडे भी हैं। इस फिल्म में आपको वैसी ही दीपिका दिखेगी, जैसी लोग देखना चाह रहे हैं। ‘गहराइयां’ में दर्शकों को ‘कॉकटेल’ और ‘लव आजकल’ वाली दीपिका फिर दिखेगी।’
दीपिका को सीधे संवाद का आनंद भाता है। वह मैसेज, व्हाट्सऐप या सोशल मीडिया के जरिये संवाद को एक सीमित अर्थ में ही ठीक समझती हैं। वह कहती हैं, ‘बातचीत के तरीको को हम जितना पारंपरिक रख सकें, करना चाहिए। सोशल मीडिया पर सबको सब पता है। महसूस होता है कि हम सबसे जुड़े हुए हैं पर होते नहीं हैं। रेस्तरां में, खाने की मेज पर सब फोन पर लगे रहते हैं। अगर फोन पर ही लगे रहना है तो बाहर जाते ही क्यों हैं? हमारे घर में फोन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। खाने की मेज पर फोन प्रतिबंधित है। इसके लिए स्व अनुशासन बहुत जरूरी है। रिश्तों का रखरखाव हमारी जिम्मेदारी है।’
कामयाबी के सबसे ऊंचे मुकाम को दीपिका ने देख लिया है। वह देश में सबसे ज्यादा फीस पाने वाली अभिनेत्री बन चुकी हैं। और, ये सब उन्होंने फिल्म जगत से किसी भी तरह का रिश्ता हुए बिना हासिल किया है। दीपिका का मानना है कि मेहनत का मुकाबला किसी भी क्षेत्र में कोई नहीं कर सकता। वह कहती हैं, ‘कामयाबी का शिखर देखने में जितना सुहाना होता है, वहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए लगातार कोशिश, दिन रात की मेहनत और धैर्य जरूरी है। रत्ती रत्ती मेहनत करके हम यहां तक पहुंचे हैं। आप ऑफिस में हो, फिल्म जगत में हो, स्कूल में हो चाहे कहीं भी हो। लगातार मेहनत करना और उसकी प्रक्रिया से गुजरना बहुत जरूरी है। मैं आज के तमाम युवाओं को देखती हूं कि वे हर चीज तुरंत चाहते हैं। मैं कहती हूं थोड़ा सब्र करो।’
और, दीपिका के मुताबिक युवाओं को ये भी समझना जरूरी है कि शादी दो दिलों का संबल है। एक दूसरे पर निर्भर होने की बजाय ये संयुक्त प्रयास की नई शुरुआत है। वह कहती हैं, ‘हम दोनों ने एक दूसरे का बहुत साथ दिया है, एक दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। कभी दबाव नहीं डालते दूसरे पर, नहीं तो हमारी एकाग्रता हमारे काम को लेकर कम हो जाएगी। रिश्तों का समय देना चाहिए। ऐसा नहीं है कि हम एक दूसरे से सिर्फ काम के बारे में ही बात करते हैं। पूरे हफ्ते काम के बाद सप्ताहांत में एक दूसरे के बारे में सोचना, दोस्तों के बारे में सोचना, परिवार के बारे में सोचना बहुत जरूरी है।’
![](/wp-content/uploads/2020/04/logo-news.jpg)