Entertainment

Death Anniversary: सालों इंतजार के बाद फारुख शेख को मिला था नेशनल अवॉर्ड, वकालत छोड़कर शुरू की थी अदाकारी

फारुख शेख
– फोटो : Twitter

हिंदी सिनेमा के बहुमुखी अभिनेता फारुख शेख का फिल्मों में अभिनय का अलग ही अंदाज था। वह अपने किरदार में अपने अभिनय से जान डालने के बाद ही दम लेते थे। 2013 में आज ही के दिल दिल का दौरा पड़ने से उनका दुबई में निधन हो गया था। आज अभिनेता की पुण्यतिथि है। फारुख तो अब इस दुनिया का हिस्सा नहीं हैं लेकिन फिल्मों में उनके किरदार लोगों को हमेशा याद रहेंगे। फारुख ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्में दीं। उन्होंने बाजार, उमराव जान, कथा, गरम हवा और चश्मेबद्दूर जैसी फिल्मों में काम करके अपने बेमिसाल अभिनय की छाप छोड़ी। चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें….

फारुख शेख
– फोटो : Twitter- @BombayBasanti

सुनील गावस्कर से थी गहरी दोस्ती

फारुख के पिता मुस्तफा शेख मुंबई के एक जाने माने वकील थे। फारुख ने अपनी पढ़ाई मुंबई के सेंट मैरी स्कूल में की। पढ़ाई के साथ-साथ वह तमाम नाटकों और खेलकूद की गतिविधियों में हिस्सा लेते थे। फारुख स्कूली दिनों से न केवल क्रिकेट के दीवाने थे बल्कि अच्छे क्रिकेटर भी थे। सुनील गावस्कर फारुख के अच्छे दोस्तों में से एक थे।

फारुख शेख
– फोटो : सोशल मीडिया

फारुख के जीवन पर उनके पिता का गहरा प्रभाव था और यही कारण था कि उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। कॉलेज के दिनों से ही फारुख शेख थिएटर से जुड़ गए थे। थिएटर्स में ही अपनी नायाब एक्टिंग पेश करने के कारण उन्हें 1973 में रिलीज हुई फिल्म ‘गर्म हवा’ में ब्रेक मिला। फारुख ने इसमें एक जवान छात्र का किरदार निभाया है। वह अपने उन अधिकारों के लिए लड़ता है, जो कभी उसके हुआ करते थे। इस फिल्म के लिए फारुख शेख को 750 रुपये मिले।

 

फारुख शेख
– फोटो : सोशल मीडिया

फारुख शेख एक बार में 2 से ज्यादा फिल्मों में काम नहीं करते थे। कॉलेज के दिनों में ही फारुख की मुलाकात रूपा जैन से हुई, जो आगे चलकर उनकी पत्नी बनीं। फारुख शेख का नाम कभी किसी विवाद में नहीं आया। न ही किसी कोस्टार या हीरोइन से उनका नाम जुड़ा। वह पूरी तरह से पारिवारिक इंसान थे। उनकी दो बेटियां हैं।

 

FAROOQ SHEIKH
– फोटो : Social Media

फिल्म इंडस्ट्री में दीप्ति नवल और फारुख शेख की जोड़ी काफी लोकप्रिय थी। दोनों ने ‘चश्मेबद्दूर’, ‘किसी से न कहना’, ‘रंग बिरंगी’, ‘कथा’, ‘साथ साथ’ और ‘एक बार चले आओ’ जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया था।फारुख शेख ने सत्यजीत रे, ऋषिकेश मुखर्जी और केतन मेहता जैसे निर्देशकों के साथ काम किया था। हिंदी सिनेमा को बेहतरीन फिल्में देने के बाद फारुख ने 15 साल तक फिल्मों से दूरी बनाए रखी। जब वह फिर से वापस आए तो उन्होंने वर्ष 2009 में आई फिल्म ‘लाहौर’ में अभिनय करके राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया। 

 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: