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Deal: एचएसबीसी एएमसी करेगी एलएंडटी फाइनेंस के म्युचुअल फंड करोबार का अधिग्रहण, जानें कितनी रकम में हुआ सौदा

Deal: एचएसबीसी एएमसी करेगी एलएंडटी फाइनेंस के म्युचुअल फंड करोबार का अधिग्रहण, जानें कितनी रकम में हुआ सौदा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 24 Dec 2021 10:18 AM IST

सार

HSBC Buys L&T Mutual Fund: वैश्विक स्तर की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी एचएसबीसी ने लार्सन एंड ट्रूबो (एलएंडटी) म्यूचुअल फंड को खरीदने का एलान कर दिया है। कंपनी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह डील 3,200 करोड़ रुपये में हुई है।

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वैश्विक स्तर की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी एचएसबीसी ने लार्सन एंड ट्रूबो (एलएंडटी) म्यूचुअल फंड को खरीदने का एलान कर दिया है। कंपनी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह डील 3,200 करोड़ रुपये में हुई है। गौरतलब है कि भारतीय फंड इंडस्ट्री में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। 

100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी एचएसबीसी
रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग अपना म्युचुअल फंड कारोबार बेचने जा रही है। बता दें कि एलएंडटी एमएफ फिलहाल देश का 13वां सबसे बड़ा फंड हाउस है। शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक एचएसबीसी एएमसी, एलएंडटी इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। 

गुरुवार रात को कंपनी ने की घोषणा 
एचएसबीसी ने इस सौदे की घोषणा गुरुवार देर रात की। इस सौदे के बाद एचएसबीसी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 13वें नंबर की कंपनी बन जाएगी। बता दें कि देश में कुल 43 फंड हाउस हैं। सितंबर तिमाही के अंत तक एल एंड टी म्यूचुअल फंड के पास कुल 80,300 करोड़ रुपये का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) था। एयूएम का मतलब निवेशकों की जितनी रकम फंड हाउस के पास होती है।

92 हजार करोड़ का होगा एयूएम
गौरतलब है कि एचएसबीसी का एयूएम 11,300 करोड़ रुपये था। वहीं अब एलएंडटी के एयूएम के जुड़ने के बाद एयूएम कुल मिलाकर 92 हजार करोड़ रुपये के पार हो जाएगा। एसएचबीसी ने एलएंडटी को कुल एयूएम की तुलना में 4 फीसदी की रकम चुकाकर खरीदा है। 

एलएंडटी की एमएफ स्कीम पर असर
एलएंडटी के म्यूचुअल फंड कारोबार की बिक्री के बाद कंपनी की सभी स्कीम को आगे एचएसबीसी एएमसी के द्वारा मैनेज किया जाएगा। एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज को एलएंडटी म्यूचुअल फंड की योजनाओं के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया जाएगा और इसकी कुछ योजनाओं का एचएसबीसी के साथ विलय कर दिया जाएगा।

कारोबार बढ़ाने में मिलेगी मदद
इस सौदे के बारे में जानकारी देते हुए एचएसबीसी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हितेंद्र दवे ने कहा कि इस सौदे से उसे भारत में अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी और कंपनी लगातार अपनी ग्रोथ को बढ़ाएगी।

 

विस्तार

वैश्विक स्तर की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी एचएसबीसी ने लार्सन एंड ट्रूबो (एलएंडटी) म्यूचुअल फंड को खरीदने का एलान कर दिया है। कंपनी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह डील 3,200 करोड़ रुपये में हुई है। गौरतलब है कि भारतीय फंड इंडस्ट्री में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। 

100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी एचएसबीसी

रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग अपना म्युचुअल फंड कारोबार बेचने जा रही है। बता दें कि एलएंडटी एमएफ फिलहाल देश का 13वां सबसे बड़ा फंड हाउस है। शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक एचएसबीसी एएमसी, एलएंडटी इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। 

गुरुवार रात को कंपनी ने की घोषणा 

एचएसबीसी ने इस सौदे की घोषणा गुरुवार देर रात की। इस सौदे के बाद एचएसबीसी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 13वें नंबर की कंपनी बन जाएगी। बता दें कि देश में कुल 43 फंड हाउस हैं। सितंबर तिमाही के अंत तक एल एंड टी म्यूचुअल फंड के पास कुल 80,300 करोड़ रुपये का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) था। एयूएम का मतलब निवेशकों की जितनी रकम फंड हाउस के पास होती है।

92 हजार करोड़ का होगा एयूएम

गौरतलब है कि एचएसबीसी का एयूएम 11,300 करोड़ रुपये था। वहीं अब एलएंडटी के एयूएम के जुड़ने के बाद एयूएम कुल मिलाकर 92 हजार करोड़ रुपये के पार हो जाएगा। एसएचबीसी ने एलएंडटी को कुल एयूएम की तुलना में 4 फीसदी की रकम चुकाकर खरीदा है। 

एलएंडटी की एमएफ स्कीम पर असर

एलएंडटी के म्यूचुअल फंड कारोबार की बिक्री के बाद कंपनी की सभी स्कीम को आगे एचएसबीसी एएमसी के द्वारा मैनेज किया जाएगा। एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज को एलएंडटी म्यूचुअल फंड की योजनाओं के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया जाएगा और इसकी कुछ योजनाओं का एचएसबीसी के साथ विलय कर दिया जाएगा।

कारोबार बढ़ाने में मिलेगी मदद

इस सौदे के बारे में जानकारी देते हुए एचएसबीसी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हितेंद्र दवे ने कहा कि इस सौदे से उसे भारत में अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी और कंपनी लगातार अपनी ग्रोथ को बढ़ाएगी।

 

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