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COVID-19: जिस देश ने किया नए वैरिएंट का खुलासा, वहां एक दिन में 93% बढ़ी संक्रमण दर, जानें क्या है एड्स से नए स्वरूप का कनेक्शन?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जोहानिसबर्ग
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Fri, 26 Nov 2021 07:47 PM IST

सार

अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला कोरोना का नया B.1.1.529 वैरिएंट कितना खतरनाक होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेटेड वैरिएंट है।

इन मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवाया जाएगा।
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी का खतरा जारी है। जहां अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन कोरोना की चौथी-पांचवीं लहर का सामना कर रहे हैं, वहीं कुछ और देश संक्रमण के केस बढ़ने से पहले ही ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण कराकर महामारी को रोकने की तैयारी में जुटे हैं। इस बीच दक्षिण अफ्रीका से एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। यहां बोत्सवाना से फैले कोरोना के एक नए वैरिएंट के मामले पाए गए हैं। इस वैरिएंट का जेनेटिक नाम B.1.1.529 दिया गया है और यह अब तक का सबसे खतरनाक कोरोना स्वरूप बताया गया है। यानी भारत और अमेरिका समेत लगभग पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक। अब इसे लेकर अलग-अलग देशों ने अपने बॉर्डर बंद करने के साथ अलर्ट जारी करने शुरू कर दिए हैं। 

कितना परिष्कृत है कोरोना का यह स्वरूप?

अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला कोरोना का नया B.1.1.529 वैरिएंट कितना खतरनाक होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेटेड वैरिएंट है। यानी यह चीन में पाए गए कोरोना के आधारभूत स्वरूप का सबसे परिष्कृत रूप है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वैरिएंट में 30 म्यूटेशन पाए गए हैं। यह डेल्टा के मुकाबले करीब दो गुना म्यूटेशन हैं। इसी कारण वैज्ञानिकों में डर फैला है कि म्यूटेंट स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक हो सकती है और यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले काफी आसानी से वैक्सीन द्वारा पैदा की गई इम्युनिटी को चकमा दे सकती है। 

नए वैरिएंट से अफ्रीका में क्या हाल?

दक्षिण अफ्रीका में इसके पहले कुछ केस सामने आने के बाद एक दिन के अंदर ही यहां संक्रमण दर 93 फीसदी तक बढ़ गई है। स्थानीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का यह वैरिएंट अब तक दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में फैल चुका है और इसके ज्यादातर शिकार युवा हैं। 

हालांकि, एक चौंकाने वाली बात यह है कि डॉक्टरों को अब तक इस वैरिएंट के केंद्र जोहानिसबर्ग से संक्रमित लोगों के गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने के केस नहीं मिले हैं। यानी फिलहाल इस स्वरूप से होने वाली मौतों पर रिसर्च लायक डेटा नहीं मिल पाया है। डॉक्टरों का कहना है कि B.1.1.529 से संक्रमित लोगों में कोई अलग लक्षण भी नहीं मिल रहे हैं और ज्यादातर लोग बिना किसी लक्षण के हैं। 

एड्स से क्या है नए वैरिएंट का कनेक्शन?

वैज्ञानिकों का मानना है कि नया वैरिएंट किसी एचआईवी-एड्स से पीड़ित व्यक्ति से उभरा है। दरअसल, कोरोनावायरस की एक खास बात यह है कि यह किसी गंभीर बीमार व्यक्ति के शरीर को संक्रमित कर उसके जरिए और खतरनाक रूप में उभर सकता है। इसकी वजह यह है कि एड्स पीड़ित व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पहले ही स्वस्थ लोगों के मुकाबले काफी कमजोर होती है और ऐसे में यह वायरस एड्स संक्रमित के शरीर में लंबे समय तक रहकर इंसानी प्रतिरोधक क्षमता के खिलाफ मजबूत होकर उभरता है।

कब तक जारी रहेगा कोरोनावायरस का विकसित रहना?

माना जा रहा है कि कोरोनावायरस का विकसित होना और लगातार खतरनाक रूप में उभरना जारी रहेगा। चूंकि, कोरोना टीके दुनिया की लगभग 60 फीसदी आबादी की पहुंच से दूर हैं, इसलिए यह वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को संक्रमित करना जारी रखेगा। इसके अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित लोगों के शरीर में प्राकृतिक तौर पर म्यूटेट होकर और ताकतवर बनने का खतरा भी बरकरार रहेगा।

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