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CEPA: भारत और यूएई समझौते से ज्वैलरी क्षेत्र को मिलेगा फायदा, वाणिज्य सचिव बोले- 10 लाख रोजगार होंगे सृजित

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 19 Feb 2022 05:06 PM IST

सार

Gems And Jewellery Sector To Benefit From CEPA: भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शुक्रवार को सीईपीए पर हस्ताक्षर किए थे, जो कई प्रमुख भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क को कम करेगा। वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि यह रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देगा और दस लाख से अधिक रोजगार सृजित करने में मदद करेगा।
 

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वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देगा और दस लाख से अधिक रोजगार सृजित करने में मदद करेगा।

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि हम सोने के एक प्रमुख आयातक हैं। भारत हर साल 800 टन सोना आयात करता है, इस समझौते में हमने उन्हें 200 टन का टैरिफ कोटा दर दिया है। इसके साथ ही दुनिया के बाकी हिस्सों से आयात शुल्क 1 प्रतिशत कम रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, भारत के लिए दुनिया के बाकी हिस्सों में प्रवेश करने के लिए एक बहुत बड़ा प्रवेश बिंदु बन गया है, तो ऐसे में मुझे लगता है कि यह समझौता आभूषण क्षेत्र के लिए बहुत अच्छा है।

गौरतलब है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शुक्रवार को सीईपीए पर हस्ताक्षर किए थे, जो कई प्रमुख भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क को कम करेगा। दोनों देशों ने यह समझौता अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए किया है। 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से यह पहला प्रमुख कारोबारी समझौता है। इसके तहत मुख्य रूप से यूएई ने आभूषणों पर और भारत ने सोने पर आयात शुल्क कम किया है। 

यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबूधाबी के प्रिंस व यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच हुई डिजिटल बैठक के बाद हुआ। समझौते पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयव और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने दस्तखत किए। मोदी और शेख मोहम्मद ने एक संयुक्त दृष्टि पत्र ‘भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति: नए मोर्चे, नया मील का पत्थर’ जारी किया।

जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि यूएई के साथ सीईपीए खाड़ी क्षेत्र में भारत के आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विस्तार

वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देगा और दस लाख से अधिक रोजगार सृजित करने में मदद करेगा।

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि हम सोने के एक प्रमुख आयातक हैं। भारत हर साल 800 टन सोना आयात करता है, इस समझौते में हमने उन्हें 200 टन का टैरिफ कोटा दर दिया है। इसके साथ ही दुनिया के बाकी हिस्सों से आयात शुल्क 1 प्रतिशत कम रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, भारत के लिए दुनिया के बाकी हिस्सों में प्रवेश करने के लिए एक बहुत बड़ा प्रवेश बिंदु बन गया है, तो ऐसे में मुझे लगता है कि यह समझौता आभूषण क्षेत्र के लिए बहुत अच्छा है।

गौरतलब है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शुक्रवार को सीईपीए पर हस्ताक्षर किए थे, जो कई प्रमुख भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क को कम करेगा। दोनों देशों ने यह समझौता अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए किया है। 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से यह पहला प्रमुख कारोबारी समझौता है। इसके तहत मुख्य रूप से यूएई ने आभूषणों पर और भारत ने सोने पर आयात शुल्क कम किया है। 

यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबूधाबी के प्रिंस व यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच हुई डिजिटल बैठक के बाद हुआ। समझौते पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयव और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने दस्तखत किए। मोदी और शेख मोहम्मद ने एक संयुक्त दृष्टि पत्र ‘भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति: नए मोर्चे, नया मील का पत्थर’ जारी किया।

जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि यूएई के साथ सीईपीए खाड़ी क्षेत्र में भारत के आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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