न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 07 Feb 2022 10:25 PM IST
सार
विशेष अदालत ने पिछले साल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा था कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वोहरा और गांगुली की जोड़ी ने रवींद्र प्रकाश के साथ आपराधिक साजिश कर वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया।
केंद्र सरकार ने भारतीय राजनयिक मिशनों में कथित वित्तीय गड़बड़ी के लिए सुडान के पूर्व राजदूत दीपक वोहरा और अवर सचिव अजय गांगुली के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को दे दी। विशेष कोर्ट ने गांगुली के खिलाफ सीबीआई की दो क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दीं थीं। जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने सरकार से मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।
विशेष अदालत ने पिछले साल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा था कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वोहरा और गांगुली की जोड़ी ने रवींद्र प्रकाश के साथ आपराधिक साजिश कर वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया। गांगुली अक्तूबर 2007 से 6 मई 2009 तक दक्षिण सुडान के जूबा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे थे।
कोर्ट ने सीबीआई को गांगुली पर आपराधिक साजिश और फर्जी दस्तावेजों को सही बताकर इस्तेमाल करने व भ्रष्टाचार रोधी धाराओं में जांच करने की अनुमति लेने का निर्देश दिया था। वहीं वोहरा के खिलाफ उकसाने के साथ भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत जांच की अनुमति सरकार से मांगने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने विदेश मंत्रालय के सतर्कता विभाग की शिकायत पर 2011 में गांगुली व वोहरा के खिलाफ जांच शुरू की थी। गांगुली पर बाजार मूल्य से ऊंचे दामों में डीजल खरीद व टीए के फर्जी बिल लगाकर 7 लाख रुपये की गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे।
बैंक का शाखा प्रबंधक गिरफ्तार
विशाखापत्तनम में इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के एक शाखा प्रबंधक को एक व्यवसायी से 1.30 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, व्यवसायी ने 20 लाख रुपए का ऋण मांगा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
विस्तार
केंद्र सरकार ने भारतीय राजनयिक मिशनों में कथित वित्तीय गड़बड़ी के लिए सुडान के पूर्व राजदूत दीपक वोहरा और अवर सचिव अजय गांगुली के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को दे दी। विशेष कोर्ट ने गांगुली के खिलाफ सीबीआई की दो क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दीं थीं। जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने सरकार से मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।
विशेष अदालत ने पिछले साल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा था कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वोहरा और गांगुली की जोड़ी ने रवींद्र प्रकाश के साथ आपराधिक साजिश कर वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया। गांगुली अक्तूबर 2007 से 6 मई 2009 तक दक्षिण सुडान के जूबा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे थे।
कोर्ट ने सीबीआई को गांगुली पर आपराधिक साजिश और फर्जी दस्तावेजों को सही बताकर इस्तेमाल करने व भ्रष्टाचार रोधी धाराओं में जांच करने की अनुमति लेने का निर्देश दिया था। वहीं वोहरा के खिलाफ उकसाने के साथ भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत जांच की अनुमति सरकार से मांगने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने विदेश मंत्रालय के सतर्कता विभाग की शिकायत पर 2011 में गांगुली व वोहरा के खिलाफ जांच शुरू की थी। गांगुली पर बाजार मूल्य से ऊंचे दामों में डीजल खरीद व टीए के फर्जी बिल लगाकर 7 लाख रुपये की गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे।
बैंक का शाखा प्रबंधक गिरफ्तार
विशाखापत्तनम में इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के एक शाखा प्रबंधक को एक व्यवसायी से 1.30 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, व्यवसायी ने 20 लाख रुपए का ऋण मांगा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
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