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CAA: पूर्वी पाकिस्तान से भारत में शरण लेने आए लोगों को सीएए लेनी होगी नागरिकता, गुवाहाटी हाईकोर्ट का आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 10 Jan 2022 07:39 PM IST

सार

गुवाहाटी हाईकोर्ट की जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और मलाश्री नंदी की बेंच की तरफ से यह आदेश असम के करीमगंज के रहने वाले बब्लू पॉल उर्फ सुजीत पॉल की ओर से दायर रिट याचिका पर दिया गया।

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विस्तार

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए शरणार्थियों से जुड़ा एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए। इसी के साथ अदालत ने असम के विदेशी अधिकरण के उस आदेश को किनारे कर दिया है, जिसके तहत 1971 से पहले भारत आए लोगों की पहचान विदेशी के तौर पर की जानी थी।  

गुवाहाटी हाईकोर्ट की जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और मलाश्री नंदी की बेंच की तरफ से यह आदेश असम के करीमगंज के रहने वाले बब्लू पॉल उर्फ सुजीत पॉल की ओर से दायर रिट याचिका पर दिया गया। गौरतलब है कि करीमगंज के ही विदेशी अधिकरण ने मई 2017 में पॉल को विदेशी घोषित किया था और कहा था कि वह 25 मार्च 1971 को या इसके बाद अवैध तरीके से भारत में घुसा था। 

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 30 सितंबर 1964 को सुजीत पॉल करीब दो साल का ही रहा होगा, जब उसके पिता बोलोराम पॉल और दादा चिंताहरण पॉल पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए थे। अदालत ने कहा कि उन्हें शरणार्थी का दर्जा भारत सरकार ने दिया और पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पूर्वी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को दिए गए प्रमाणपत्रों से यह बात काफी स्पष्ट है। 

याचिकाकर्ता के मुताबिक, उसके दादा पश्चिम बंगाल के जरिए भारत आए और फिर असम में बस गए। उनका नाम 1966 से ही राज्य की वोटर लिस्ट में भी आता था। बाद में उनकी मृत्यु हो गई। 

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