वीडियो डेस्क,अमर उजाला.कॉम Published by: प्रतीक्षा पांडे Updated Sat, 29 Jan 2022 06:46 PM IST
देश के हर राज्य और हर मंत्रालय को ध्यान में रखकर साल भर का खर्च का ब्यौरा बनाना कोई साधारण काम नहीं होता है । यह सतत चलने वाली प्रक्रिया होती है जो वर्ष पर्यंत की जाती है और तब जाकर बजट तैयार होता है और इसे सदन में पेश किया जाता है। एक लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजर कर बजट देश के सामने होता है।
भारत का वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक में काम करता है और यही से साल का बजट बनाया जाता है। बजट बनाने में अर्थशास्त्री, वित्त मामलों के जानकार और दूसरे विशेषज्ञों की अहम भूमिका होती है लेकिन इसे पेश वित्तमंत्री करते हैं लेकिन इसका पूरा श्रेय वित्त मंत्री को ही मिलता है।
बजट बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होती है। बजट बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारी गोपनीयता के साथ रात दिन मेहनत करके बजट का प्रारूप तैयार करते हैं। शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि बजट को जब अंतिम रूप दिया जाता है तो इन अधिकारियों के पास उनके मोबाइल रखने की भी अनुमति नहीं होती।पहले बजट फरवरी के तीसरे सप्ताह तक बनके तैयार होता था लेकिन अब इससे पहले बनाया जाता है क्योंकि पिछले कुछ सालों से इसे 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा ।
बजट बनाने के लिए विभिन्न चेंबर, संस्थाओं और संगठनों से भी राय ली जाती है इसके अलावा सचिव व्यय, नीति आयोग के सदस्य सचिव, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद भी बजट का प्रारूप बनाने में मदद करता है और बजट बनाने वाली टीम को प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और आर्थिक सलाहकार परिषद का सहयोग मिलता है। आम बजट में देश के सभी विभागों और मंत्रालयों के साल भर के खर्च और राजस्व प्राप्ति का ब्यौरा लिखा होता है। किन किन मदों पर कितना खर्च करना है और कितना राजस्व प्राप्त करना है यह सब लिखा जाता है।
