सतोशी नाकामोतो का संक्षिप्त परिचय
31 अक्तूबर, 2008 को सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा था। इस पेपर में बिटक्वाइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से कोई लेना-देना नहीं था। उस समय ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था। रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वे सभी कई तरह के कारणों के चलते इसमें नाकाम रहे।
2009 में लॉन्च हुआ बिटक्वाइन नेटवर्क
9 जनवरी 2009 को, नाकामोतो ने बिटकॉइन नेटवर्क लॉन्च किया। फिन्नी उन कुछ लोगों में से एक थे, जो इसे लेकर उत्सुक थे और शुरुआती हफ्तों में दोनों ने नेटवर्क को चलाने के लिए दूर से काम किया। पहला बिटकॉइन ट्रांजैक्शन नाकामोतो से मिस्टर फिन्नी के पास ही गया था। लगभग दो वर्षों तक, जैसे-जैसे बिटकॉइन धीरे-धीरे बढ़ता गया, नाकामोतो ने मैसेज बोर्ड्स पर लिखा और डेवलपर्स के साथ निजी तौर पर ईमेल के जरिए बातचीत की। दिसंबर 2010 में, नाकामोतो ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना बंद कर दिया और 2011 में डेवलपर्स के साथ बातचीत भी बंद कर दी। नाकामोतो ने एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गेविन एंड्रेसन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी थी।
आज के समय में एक रहस्य है नाकामोता
इस सवाल का जवाब है वास्तव में नहीं! पब्लिक मैसेज में और यहां तक कि बाद में जारी किए गए पर्सनल मैसेज में भी, नाकामोतो ने कभी भी किसी व्यक्तिगत बात के बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया। नाकामोतो ने न कभी अपने बारे में, न कभी मौसम के बारे में या स्थानीय स्तर पर होने वाली बातों या घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा। जो भी बातचीत हुई, सिर्फ बिटकॉइन और उसके कोड लेकर ही की गई। नाकामोतो ने बातचीन के लिए दो ईमेल एड्रेस और एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया। उन्हें रजिस्टर करने वाले की पहचान भी ब्लॉक कर दी गई थी। इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिस युग में गुमनाम रहना बेहद मुश्किल है, नाकामोतो अब भी एक रहस्य बना हुआ है।
क्या नाकामोतो अमीर नहीं है?
बिटकॉइन के पहले वर्ष में लगभग दस लाख बिटकॉइन माइन किए गए थे, जिन्हें कभी किसी को न तो ट्रांसफर किया गया और न ही मूव किया गया था। आज उन बिटक्वाइन की कीमत करीब 55 अरब डॉलर का आंकड़ा तक छू चुकी है। फोर्ब्स की रीयल-टाइम अरबपतियों की लिस्ट के अनुसार, इस हिसाब से नाकामोतो दुनिया के 30 सबसे अमीर लोगों में से एक रहा होगा। यह माना जाता है कि उन दस लाख बिटक्वाइन को नाकामोतो और केवल नाकामोतो द्वारा ही नियंत्रित किया जाता रहा।
डर के कारण नहीं बेचे गए शुरुआती बिटक्वाइन
शुरुआती सालों में, क्रिप्टोकरेंसी संगठन ने यह माना कि नाकामोतो गुमनाम रहा और उन बिटक्वाइन को डर के कारण अछूता छोड़ दिया। यह अटपटा नहीं लगता कि बिटक्वाइन के आविष्कारक को गिरफ्तार किया जा सकता है। हाल के सालों में कई सरकारों ने बिटक्वाइन को अलग-अलग तरह से स्वीकार किया है। चीन इसमें एक बड़ा अपवाद है। नाकामोतो को गायब हुए एक दशक हो गया है। यह भी संभव है कि प्राइवेट की दिए बिना ही बिटक्वाइन के निर्माता की मौत हो गई हो। यह भी संभव है कि नाकामोतो से वो की गुम हो गई हों, इसलिए वो बिटक्वाइन को मूव नहीं कर सका।
नाकामोतो की पहचान पर संशय
पिछले कुछ सालों में नाकामोतो की पहचान को लेकर कई अटकलें लगाई गईं। इनमें मिस्टर फिन्नी, जिनकी 2014 में मौत हो गई और मिस्टर एंड्रेसन दोनों को ही नाकामोतो माना गया है। हालांकि, दोनों ने ही इससे साफ इनकार कर दिया। इस बीच 2014 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में एस्टन विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह ने एक भाषाविज्ञान विश्लेषण किया और नतीजा निकाला कि मिस्टर स्जाबो ही नाकामोतो हैं, लेकिन उन्होंने भी इसका खंडन कर दिया।
क्रेग राइट ने खुद को बताया नाकामोतो
एक ओर जहां सतोशी नाकामोतो की पहचान को लेकर जद्दोजहद जारी थी वहीं दूसरी ओर लंदन में रहने वाले एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोग्रामर क्रेग राइट ने 2016 में नाकामोतो होने का दावा किया था। मगर बिटकॉइन कम्यूनिटी में उनके दावों को जल्द ही खारिज कर दिया गया था। उन्होंने उन शुरुआती बिटकॉइनों में से कुछ को मूव करके, ये साबित करने की कोशिश की थी कि वे ही नाकामोतो हैं। यही नहीं उन्होंने बिटक्वाइन के सॉफ़्टवेयर पर पेटेंट के लिए भी दायर किया है। लेकिन उन पर एक मृतक साथी डेव क्लेमेन के परिवार द्वारा मुकदमा चलाया जा रहा है। इसका दावा है कि मेसर्स राइट और क्लेमन ने एक बिजनेस पार्टनरशिप के हिस्से के रूप में बिटकॉइन को एक साथ डेवलप किया और राइट ने क्लेमन के परिवार को उन दस लाख बिटकॉइन का आधा हिस्सा दिया।
जूरी को नहीं मिला कोई सबूत
हालांकि जूरी को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि दोनों ने मिलकर बिटक्वाइन बनाया। अगर वे होते तो राइट को कानूनी तौर पर उनमें से कुछ बिटकॉइन बेचने के लिए मजबूर किया जा सकता है, लेकिन जब तक वह ऐसा नहीं करते, तब तक बिटक्वाइन की दुनिया में ज्यादातर लोग उनके दावों को खारिज करते रहेंगे। जब तक कोई उन बिटक्वाइन को मूव नहीं करता है, तब तक यह संभावना नहीं है कि किसी को बिटक्वाइन के सही क्रिएटर के रूप में स्वीकार किया जाएगा।