खेसारी लाल यादव आज के समय में भोजपुरी सिनेमा के एक बड़े सितारे हैं। उनकी गिनती भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार्स में होती है। सिंगिंग के साथ-साथ उनके अभिनय को भी लोग बहुत ही पसंद करते हैं। यूपी बिहार में उनकी एक अच्छी खासी प्रशंसकों की लिस्ट है। लेकिन आज से कई साल पहले तक खेसारी लाल यादव की स्थिति नहीं थी। उन्हें अपना घर चलाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता था। शुरुआत के दिनों में खेसारी लाल यादव ने लिट्टी चोखा बेचने तक भैंस का दूध निकालने तक का सब काम किया।
10 रुपये के लिए किया था ये काम
खेसारी लाल यादव ने कपिल शर्मा के शो में अपनी इस चोरी के बारे में खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि मैं एक समय में दिल्ली में लिट्टी-चोखा बेचा करते थे, लेकिन उससे भी पहले वह अपने गांव में दूध बेचा करते थे। इस दौरान उन्हें चोरी भी करनी पड़ती थी। दरअसल खेसारी लाल यादव किसी की भैस चराया करते थे और उनका काम दूध निकालकर घर-घर जाकर बेचना पड़ता था।
दूध में मिलाया करते थे पानी
खेसारी लाल यादव ने कपिल शर्मा के सामने खुलासा करते हुए बताया कि जब वो भैंस का दूध बेचने के लिए जाते थे तो वो उसमें चोरी से पानी मिला दिया करते थे। इस काम के लिए खेसारी लाल यादव को 10 रुपये मिल जाया करते थे। अपने इस 10 रूपये से वो अक्सर जलेबी खाया करते थे। यही नहीं कई बार वह खेतों से सरसों भी चुराया करते थे।
आज जीते हैं लग्जरी लाइफ
कभी संघर्ष भरी लाइफ जीने वाले खेसारी लाल यादव आज के समय में लग्जरी लाइफ जीते हैं। वो आज के समय में सिर्फ भोजपुरी सिनेमा में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके गाने और उनकी फिल्में पर्दे पर जब भी आती हैं तो वो सुपरहिट हो जाती हैं। उनके गानों को लाखों में व्यूज मिलते हैं।
इस चीज से है खेसारी लाल यादव को लगाव
हालांकि खेसारी लाल यादव की जिंदगी में एक ऐसी चीज है, जिससे उन्हें बहुत ही लगाव है और वो चीज है सोने के गहने। खेसारी लाल यादव का सोने के प्रति लगाव किसी से छुपा नहीं है। अपनी कई फिल्मों में भी खेसारी लाल यादव ने सोने के गले ही भारी-भारी गहने पहने हैं। एक मीडिया से खास बातचीत के दौरान उनकी बेटी ने ये बताया था कि आखिर खेसारी लाल यादव इतना सोना कहां से लाते हैं।
खेसारी लाल यादव ने देखा संघर्ष भरा समय
खेसारी लाल की शादी गरीबी के दिनों में ही गई थी। घर का खर्च चलाने के लिए खेसारी पत्नी के साथ दिल्ली आ गए थे। इस दौरान खेसारी ने लिट्टी-चोखे की दुकान खोली, जहां उनकी पत्नी उनकी हेल्प किया करती थीं। पत्नी लिट्टी में सत्तू भरती थी और वो उसे सेंकते थे। गरीबी का आलम ये था कि उनकी पत्नी चंदा ने एक ही साड़ी में कई महीने गुजार दिए थे।