Apples Value More Than GDP Of 190 Countries: आईफोन बनाने वाली दिग्गज टेक कंपनी एपल ने सोमवार को 3 लाख करोड़ डॉलर यानी लगभग 225 लाख करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण वाली पहली कंपनी बनकर एक नया इतिहास रचा दिया। इस जादुई आंकड़े को छूकर एपल ने दुनिया के 190 देशों की जीडीपी को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है।
आईफोन बनाने वाली दिग्गज टेक कंपनी एपल ने सोमवार को 3 लाख करोड़ डॉलर यानी लगभग 225 लाख करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण वाली पहली कंपनी बनकर एक नया इतिहास रचा दिया। यह अब तक किसी भी कंपनी का सबसे ज्यादा वैल्यूएशन है। यही नहीं इस जादुई आंकड़े को छूकर एपल ने दुनिया के कई देशों की जीडीपी को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है।
सैकड़ों देशों की जीडीपी से ज्यादा हैसियत
इस मुकाम पर पहुंचने के साथ ही एक और बड़ी उपलब्धि एपल के नाम पर दर्ज हुई है। दरअसल, तीन ट्रिलियन डॉलर (करीब 225 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) मूल्य की कंपनी बनकर एपल ने दुनियाभर के सैकड़ों देशों की जीडीपी को भी पीछे छोड़ दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एपल की हैसियत लगभग 190 देशों की जीडीपी से भी कहीं ज्यादा है। इस सूची में कई बड़े देश भी शामिल हैं।
इस तरह तय किया सफर
1976 में शुरू हुई एपल ने अगस्त 2018 में एक लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छुआ था। उसे यह उपलब्धि हासिल करने में 42 साल का लंबा सफर तय करना पड़ा था। दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने में इसे करीब दो साल का समय लगा, जबकि तीन लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा इसने बेहद तेजी से छुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन लाख करोड़ डॉलर की मार्केट वैल्यू हासिल करने में कंपनी को सिर्फ 16 महीने और 15 दिन का समय लगा है।
अमेरिका समेत इन देशों की जीडीपी एपल के मार्केट कैप से ज्यादा
दुनियाभर के देशों की जीडीपी के आंकड़े को देखें तो अब महज चार देश ही ऐसे हैं, जिनकी जीडीपी एपल की बाजार हैसियत से ज्यादा है। इनमें अमेरिका और चीन शामिल हैं। अमेरिका की नॉमिनल जीडीपी का आकार 20.49 ट्रिलियन डॉलर है। दूसरे नंबर पर चीन (13.4 ट्रिलियन डॉलर), तीसरे नंबर पर जापान (4.97 ट्रिलियन डॉलर) और चौथे नंबर पर जर्मनी (4.00 ट्रिलियन डॉलर) है। इसके अलावा बाकी सभी देशों की जीडीपी एपल से पीछे है।
भारत और ब्रिटेन को भी पछाड़ा
वैल्यू के हिसाब से देखें तो एपल अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुकी है। इसने भारत, ब्रिटेन और फ्रांस को भी पछाड़ दिया है। दरअसल, अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद ब्रिटेन 2.83 ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवें, फ्रांस 2.78 ट्रिलियन डॉलर के साथ छठे और भारत 2.72 ट्रिलियन डॉलर के साथ सातवें नंबर पर आता है। एपल के मार्केट कैप ने इस सभी को पीछे छोड़ दिया है।
दिग्गज कंपनियों से निकली आगे
इस कीर्तिमान को हासिल करने के बाद वॉलमार्ट, डिज़्नी, नेटफ्लिक्स, नाइकी, एक्सॉन मोबिल, कोका-कोला, कॉमकास्ट, मॉर्गन स्टेनली, मैकडॉनल्ड्स, एटीएंडटी, गोल्डमैन सैक्स, बोइंग, आईबीएम और फोर्ड की तुलना में एपल का बाजार मूल्यांकन बढ़कर कहीं ज्यादा हो गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों इसके शेयरों में उछाल के साथ इस जादूई आंकड़े तक पहुंचने के लिए एपल को थोड़ी बढ़त की जरूरत थी, जिसे सोमवार को कंपनी ने हासिल कर लिया।
इस तरह हासिल की ये उपलब्धि
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में एपल का राजस्व तेजी से बढ़ा और इसमें 54 फीसदी की हिस्सेदारी आईफोन की रही। इसके साथ ही सोमवार को कंपनी के शेयरों में आए उछाल के साथ इसका बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया और एपल दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई। सोमवार को एपल के शेयरों ने तीन फीसदी उछाल के साथ 182.88 डॉलर के उच्चतम स्तर को छू लिया था।
दूसरों से अलग सोच रही फायदेमंद
3 लाख करोड़ डॉलर मूल्य की पहली कंपनी बनने में कंपनी की दूसरों से अलग सोच का सबसे बड़ा योगदान है। दरअसल, एपल की सबसे खास बात यह है कि कंपनी कभी भी बाजार के मौजूदा दूसरे उत्पादों से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं करती, बल्कि खुद का अलग प्रोडक्ट लाने में यकीन रखती है। इस बात को एपल ने आईफोन, टैबलेट, स्मार्टफोन, ईयरपॉड, स्मार्ट वॉच या फिर कम्प्यूटर और अन्य उत्पादों के जरिए साबित भी किया है। इसके अलावा कंपनी एक केंद्रीय कार्यकारी समिति ही प्रोडक्ट के डिजाइन और उसके निर्माण के तमाम निर्णय लेती है, जबकि दूसरी कंपनियों में फैसला लेने के लिए अलग-अलग कमेटियां होती हैं।
विस्तार
आईफोन बनाने वाली दिग्गज टेक कंपनी एपल ने सोमवार को 3 लाख करोड़ डॉलर यानी लगभग 225 लाख करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण वाली पहली कंपनी बनकर एक नया इतिहास रचा दिया। यह अब तक किसी भी कंपनी का सबसे ज्यादा वैल्यूएशन है। यही नहीं इस जादुई आंकड़े को छूकर एपल ने दुनिया के कई देशों की जीडीपी को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है।
सैकड़ों देशों की जीडीपी से ज्यादा हैसियत
इस मुकाम पर पहुंचने के साथ ही एक और बड़ी उपलब्धि एपल के नाम पर दर्ज हुई है। दरअसल, तीन ट्रिलियन डॉलर (करीब 225 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) मूल्य की कंपनी बनकर एपल ने दुनियाभर के सैकड़ों देशों की जीडीपी को भी पीछे छोड़ दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एपल की हैसियत लगभग 190 देशों की जीडीपी से भी कहीं ज्यादा है। इस सूची में कई बड़े देश भी शामिल हैं।
इस तरह तय किया सफर
1976 में शुरू हुई एपल ने अगस्त 2018 में एक लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छुआ था। उसे यह उपलब्धि हासिल करने में 42 साल का लंबा सफर तय करना पड़ा था। दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने में इसे करीब दो साल का समय लगा, जबकि तीन लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा इसने बेहद तेजी से छुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन लाख करोड़ डॉलर की मार्केट वैल्यू हासिल करने में कंपनी को सिर्फ 16 महीने और 15 दिन का समय लगा है।