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1st Yoga Festival In Saudi Arabia: कौन है नौफ मारवाई, जिनकी सऊदी अरब में योग फेस्टिवल कराने में भूमिका रही

सार

सऊदी योग समिति की कोशिश समाज में योग को बढ़ावा देना और लोगों को योग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

नौफ अलमारवाई, सऊदी अरब की योगा प्रशिक्षक पद्मश्री सम्मान लेते हुए
– फोटो : Twitter: @NoufMarwaai

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बीते शनिवार यानी 29 जनवरी को सऊदी अरब में हुए योगा फेस्टिवल की चर्चा भारत में खूब हो रही है। इस फेस्टिवल में करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया और योग किया। किंग अब्दुल्ला इकोनॉमिक सिटी के जुमन पार्क में देश के पहले योग फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यह आयोजन एक फरवरी तक चला। 

कार्यक्रम का आयोजन किसने किया? 
यह कार्यक्रम सऊदी योग समिति ने आयोजित की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें पूरे सऊदी अरब से योग शिक्षकों की भागीदारी देखी गई। रियाद में भारतीय दूतावास और जेद्दा में वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर युवा योगी, आरव प्रदिशा को भी सम्मानित किया, जिन्होंने सऊदी अरब द्वारा आयोजित एशियाई खेलों में पदक जीता था। वह सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय हैं और सऊदी योग समिति की टीम के सदस्य हैं। इस फेस्टिवल के सफलतापूर्वक आयोजन का श्रेय नौफ अलमारवाई को दिया जा रहा है और सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा हो रही है।
क्या है सऊदी योग समिति
सऊदी योग समिति एक सरकारी निकाय है। लोगों में योग को बढ़ावा देने के लिए सऊदी अरब खेल मंत्रालय की ओलंपिक समिति की ओर से 16 मई, 2021 को यह गठित की गई। यह एक छोटे संघ की तरह काम करता है। 2021 में योग दिवस पर सऊदी योग समिति ने भारत के आयुष मंत्रालय और खेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में योग पर सऊदी अरब और भारत के बीच यह पहला समझौता था। 

कौन है नौफ मारवाई
नौफ मारवाई सऊदी योगा समिति की अध्यक्ष हैं। आयोजन के सफलतापूर्व संपन्न हो जाने पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा ‘वो भाग लेने वाले लोगों की संख्या, उनका उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया देखकर हैरान थीं।’

नौफ सऊदी अरब में पहली मान्यता प्राप्त योगा प्रशिक्षक हैं। उन्होंने सऊदी अरब में योग को वैध और लोकप्रिय बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। वे  ल्यूपस (प्रतिरक्षा तंत्र से जुड़ी बीमारी) से पीड़ित थीं, जिसे उन्होंने योगा और आयुर्वेद से ठीक कर लिया। तब से वे योग के प्रचार-प्रसार की दिशा में काम कर रही हैं।  2018 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था।
जब 10 साल की थीं तो पहली बार योग का नाम  सुना
नौफ मारवाई जब दस साल की थीं, तब उन्होंने पहली बार ‘योग’ शब्द का नाम सुना था। तभी से  प्राचीन भारतीय संस्कृति में निहित इस ध्यान और शारीरिक कला की तरफ उनका ध्यान गया। उनके पिता, मोहम्मद अलमारवाई सऊदी सेना में थे और अपने प्रशिक्षण के एक भाग के लिए वे मार्शल आर्ट सीखने जापान गए थे। अपने प्रवास के दौरान, उन्हें दक्षिण भारतीय योग गुरु  अयंगर की योग पर लिखी एक पुस्तक मिली। वे इस किताब को यह सोचकर अपने घर लेकर आए परिवार के अन्य सदस्य भी इस किताब को पढ़ेंगें।

योग मुद्रा आजमाने की कोशिश की
कुछ साल बाद, नौफ ने वह किताब पढ़ी जो उनके पिता ने जापान में खरीदी थी। किताब पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए कुछ योग मुद्राएं आजमाने का फैसला किया। चूंकि उन्हें इसका अभ्यास नहीं था, इसलिए शुरू में कामयाबी नहीं मिली। बाद में उन्हें योग की एक दूसरी पुस्तक मिली, जिससे उन्हें खुद को ठीक करने का एक रास्ता दिखाई मिला और वे धीरे-धीरे अपनी बीमारी से पीछा छुड़ाने लगीं। 

1998 में, वे कॉलेज पहुंची, ग्रेजुएशन किया और एक मनोवैज्ञानिक बन गई। तब तक वह अपने परिवार को भी योग सिखाने लगी थी। धीरे-धीरे, उन्होंने योग को लेकर अपने समुदाय के बीच के पुराने मिथकों को तोड़ना शुरू कर दिया। आज वे सऊदी अरब ही नहीं बल्कि दुनिया भर में योग प्रशिक्षक के तौर पर जानी जाती हैं।

 

विस्तार

बीते शनिवार यानी 29 जनवरी को सऊदी अरब में हुए योगा फेस्टिवल की चर्चा भारत में खूब हो रही है। इस फेस्टिवल में करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया और योग किया। किंग अब्दुल्ला इकोनॉमिक सिटी के जुमन पार्क में देश के पहले योग फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यह आयोजन एक फरवरी तक चला। 

कार्यक्रम का आयोजन किसने किया? 

यह कार्यक्रम सऊदी योग समिति ने आयोजित की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें पूरे सऊदी अरब से योग शिक्षकों की भागीदारी देखी गई। रियाद में भारतीय दूतावास और जेद्दा में वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर युवा योगी, आरव प्रदिशा को भी सम्मानित किया, जिन्होंने सऊदी अरब द्वारा आयोजित एशियाई खेलों में पदक जीता था। वह सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय हैं और सऊदी योग समिति की टीम के सदस्य हैं। इस फेस्टिवल के सफलतापूर्वक आयोजन का श्रेय नौफ अलमारवाई को दिया जा रहा है और सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा हो रही है।

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