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'हराम' है क्रिप्टोकरेंसी: बिटकॉइन वाजिब मुद्रा है या जुआ, इस पर गरमा रहा है विवाद

'हराम' है क्रिप्टोकरेंसी: बिटकॉइन वाजिब मुद्रा है या जुआ, इस पर गरमा रहा है विवाद

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जकार्ता
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 13 Nov 2021 04:04 PM IST

सार

इंडोनेशिया में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2020 लगभग 40 लाख देशवासियों ने क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाया था। इस साल ये संख्या 65 लाख हो चुकी है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के मुताबिक मई के आखिर तक इंडोनेशियाई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 26 अरब डॉलर का कुल निवेश कर रखा था…

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एक तरफ क्रिप्टो करेंसियों को औपचारिक लेन-देन में भी मान्यता मिलने लगी है, वहीं उसके खिलाफ माहौल गरमा रहा है। इसी हफ्ते ये खबर आई कि क्रेडिट कार्ड संचालित करने वाली कंपनी मास्टरकार्ड ने क्रिप्टो से जुड़े भुगतान कार्ड जारी किए हैं। इन कार्डों का इस्तेमाल अभी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किया जा सकेगा। इसी बीच इसी क्षेत्र के एक प्रमुख देश इंडोनेशिया में इस्लामी अधिकारियों ने क्रिप्टोकरेंसी को ‘हराम’ घोषित कर दिया है।

मास्टरकार्ड की घोषणा के मुताबिक उसने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने क्रेडिट कार्ड्स को इस रूप में सक्षम बना देगा, जिससे वह क्रिप्टोकरेंसी को तुरंत स्थानीय मुद्रा में बदल देगा। ये सुविधा उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों के लिए साथ एक साथ चालू होगी। मास्टरकार्ड ने इस हफ्ते बताया कि वह क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की सुविधा अमेरिका में देने की भी तैयारी में जुटा हुआ है।

उलेमा बोले- शरिया कानून का उल्लंघन

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को पहले चीन में प्रतिबंधित किया गया था। अब इंडोनेशिया की उलेमा काउंसिल ने देशवासियों से कहा है कि वे बिटकॉइन या किसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि ऐसा करना शरिया कानून का उल्लंघन है। उलेमा काउंसिल ने कहा कि इस मुद्रा में जिस तरह की अनिश्चितता है, उससे यह साफ है कि इसमें पैसा लगाना जुआ खेलने जैसा है। जुआ खेलना इस्लाम में हराम है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 23 करोड़ की आबादी वाले मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में उलेमा काउंसिल के निर्देशों का पालन कानूनन बाध्यकारी नहीं है। लेकिन धार्मिक संस्था होने की वजह से उसकी बातों को वहां बड़ी संख्या में लोग महत्त्व देते हैँ।

इंडोनेशिया में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2020 लगभग 40 लाख देशवासियों ने क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाया था। इस साल ये संख्या 65 लाख हो चुकी है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के मुताबिक मई के आखिर तक इंडोनेशियाई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 26 अरब डॉलर का कुल निवेश कर रखा था।

इलेक्ट्रॉनिक संपत्तियों का वायदा कारोबार भी ‘हराम’

इंडोनेशिया सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में मान्यता नहीं दी है। लेकिन उसने वायदा और कमोडिटी कारोबार में डिजिटल सिक्कों के जरिए निवेश की इजाजत दे रखी है। जानकारों के मुताबिक उलेमा काउंसिल ने इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक संपत्तियों के वायदा कारोबार को भी हराम घोषित किया था। लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उसके निर्देश से भी इंडोनेशनिया में मौजूदा ट्रेंड में ज्यादा फर्क पड़ेगा, इसकी संभावना कम मानी जा रही है।

इस साल अक्टूबर से क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के भाव में तेज उछाल आया हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले महीने दुनिया भर में लोगों ने इस डिजिटल मुद्रा में एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया। क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर नजर रखने वाली एजेंसी कॉइन मार्केटकैप के मुताबिक अक्तूबर में क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार भाव तीन ट्रिलियन डॉलर हो गया। क्रिप्टोकरेंसियों को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से चलाया जाता है। इस टेक्नोलॉजी के आंकड़ों का अध्ययन करने वाली एजेंसी ग्लासनोड के मुताबिक बिटकॉइन वॉलेट्स की संख्या मई में लगभग 39 लाख हो चुकी थी। उसके बाद उसमें और बढ़ोतरी हुई है।

विस्तार

एक तरफ क्रिप्टो करेंसियों को औपचारिक लेन-देन में भी मान्यता मिलने लगी है, वहीं उसके खिलाफ माहौल गरमा रहा है। इसी हफ्ते ये खबर आई कि क्रेडिट कार्ड संचालित करने वाली कंपनी मास्टरकार्ड ने क्रिप्टो से जुड़े भुगतान कार्ड जारी किए हैं। इन कार्डों का इस्तेमाल अभी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किया जा सकेगा। इसी बीच इसी क्षेत्र के एक प्रमुख देश इंडोनेशिया में इस्लामी अधिकारियों ने क्रिप्टोकरेंसी को ‘हराम’ घोषित कर दिया है।

मास्टरकार्ड की घोषणा के मुताबिक उसने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने क्रेडिट कार्ड्स को इस रूप में सक्षम बना देगा, जिससे वह क्रिप्टोकरेंसी को तुरंत स्थानीय मुद्रा में बदल देगा। ये सुविधा उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों के लिए साथ एक साथ चालू होगी। मास्टरकार्ड ने इस हफ्ते बताया कि वह क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की सुविधा अमेरिका में देने की भी तैयारी में जुटा हुआ है।

उलेमा बोले- शरिया कानून का उल्लंघन

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को पहले चीन में प्रतिबंधित किया गया था। अब इंडोनेशिया की उलेमा काउंसिल ने देशवासियों से कहा है कि वे बिटकॉइन या किसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि ऐसा करना शरिया कानून का उल्लंघन है। उलेमा काउंसिल ने कहा कि इस मुद्रा में जिस तरह की अनिश्चितता है, उससे यह साफ है कि इसमें पैसा लगाना जुआ खेलने जैसा है। जुआ खेलना इस्लाम में हराम है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 23 करोड़ की आबादी वाले मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में उलेमा काउंसिल के निर्देशों का पालन कानूनन बाध्यकारी नहीं है। लेकिन धार्मिक संस्था होने की वजह से उसकी बातों को वहां बड़ी संख्या में लोग महत्त्व देते हैँ।

इंडोनेशिया में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2020 लगभग 40 लाख देशवासियों ने क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाया था। इस साल ये संख्या 65 लाख हो चुकी है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के मुताबिक मई के आखिर तक इंडोनेशियाई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 26 अरब डॉलर का कुल निवेश कर रखा था।

इलेक्ट्रॉनिक संपत्तियों का वायदा कारोबार भी ‘हराम’

इंडोनेशिया सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में मान्यता नहीं दी है। लेकिन उसने वायदा और कमोडिटी कारोबार में डिजिटल सिक्कों के जरिए निवेश की इजाजत दे रखी है। जानकारों के मुताबिक उलेमा काउंसिल ने इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक संपत्तियों के वायदा कारोबार को भी हराम घोषित किया था। लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उसके निर्देश से भी इंडोनेशनिया में मौजूदा ट्रेंड में ज्यादा फर्क पड़ेगा, इसकी संभावना कम मानी जा रही है।

इस साल अक्टूबर से क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के भाव में तेज उछाल आया हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले महीने दुनिया भर में लोगों ने इस डिजिटल मुद्रा में एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया। क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर नजर रखने वाली एजेंसी कॉइन मार्केटकैप के मुताबिक अक्तूबर में क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार भाव तीन ट्रिलियन डॉलर हो गया। क्रिप्टोकरेंसियों को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से चलाया जाता है। इस टेक्नोलॉजी के आंकड़ों का अध्ययन करने वाली एजेंसी ग्लासनोड के मुताबिक बिटकॉइन वॉलेट्स की संख्या मई में लगभग 39 लाख हो चुकी थी। उसके बाद उसमें और बढ़ोतरी हुई है।

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