वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 28 Mar 2022 09:09 AM IST
सार
तालिबान ने पहले कहा था कि वह 21 मार्च से कक्षा छठी से लड़कियों की शिक्षा पर सात महीने पुराने प्रतिबंध को हटा देगा, लेकिन इसके दो दिन बाद वह वादे से पीछे हट गया।
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विस्तार
सुरक्षा परिषद ने संयुक्त बयान में कहा कि अफगानिस्तान में सभी लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। तालिबान ने पहले कहा था कि वह 21 मार्च से कक्षा छठी से लड़कियों की शिक्षा पर सात महीने पुराने प्रतिबंध को हटा देगा और अफगानिस्तान के नए शैक्षणिक वर्ष के पहले दिन स्कूलों को फिर से खोलेंगे। हालांकि इसके दो दिन बाद वह वादे से पीछे हट गया।
अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, गैबॉन, आयरलैंड, मैक्सिको, यूके, यूएस, नॉर्वे और यूएई की ओर से संयुक्त अरब अमीरात और नॉर्वे के स्थायी प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए एक संयुक्त बयान में सदस्यों ने इसके लिए तालिबान की आलोचना की है। सुरक्षा परिषद ने कहा कि इस हफ्ते 10 लाख से अधिक अफगान लड़कियां स्कूल लौटने को तैयार हो रही थीं, लेकिन उनकी उम्मीदें आखिरी मिनट में धराशायी हो गईं जब उन्हें पता चला कि शिक्षा के अधिकार से उन्हें अब भी वंचित रखा जाएगा। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कहा कि तालिबान का हालिया फैसला परेशान करने वाला है।
16 देशों की महिला विदेश मंत्रियों ने भी की अपील
इससे पहले दुनियाभर के 16 देशों की महिला विदेश मंत्रियों ने भी कहा था कि अफगानिस्तान की लड़कियों को माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने की अनुमति न देने से वे ‘बहुत निराश हैं’। उन्होंने तालिबान से अपने इस फैसले को पलटने की अपील की। विदेश मंत्रियों ने कहा कि यह फैसला खासतौर पर परेशान करने वाला है क्योंकि हम सभी बच्चों के लिए सभी स्कूल खोलने की प्रतिबद्धता के बारे में बार-बार सुन रहे थे। उन्होंने कहा, हम तालिबान से हाल में लिया गया फैसला पलटने और देश के सभी प्रांतों में हर स्तर पर शिक्षा में समान अवसर देने की अपील करते हैं।
विमान में महिलाओं के अकेले सफर पर रोक
तालिबान अपने तुगलकी फैसलों के लिए दुनियाभर में चर्चित है। हाल ही में उसने अफगानिस्तान से जाने वाली उड़ानों में महिलाओं के अकेले सफर करने पर रोक लगा दी है।
अफगान एयरलाइंस के दो अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि शुक्रवार को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची दर्जनों महिलाओं को बताया गया कि पुरुष संरक्षक के बिना वे हवाई यात्रा नहीं कर सकतीं। इनमें से कई महिलाओं के पास दोहरी नागरिकता है और वे कनाडा समेत विदेश स्थित अपने घर लौट रही थीं। कैम एयर और अफगान स्वामित्व वाली एरियाना एयरलाइंस में अकेली महिलाओं को इस्लामाबाद, दुबई और तुर्की आदि जाने की अनुमति नहीं मिली। एक अधिकारी ने बताया कि हुक्म तालिबान नेतृत्व से आया है।
