सवाल: गोवा में आपको दोबारा सत्ता मिली है। आपके प्लान में अब गोवा की बेहतरी के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं।
जवाब: मैं आभार व्यक्त करता हूं गोवा की जनता का और केंद्र सरकार का। गोवा की जनता ने डबल इंजन की सरकार पर भरोसा किया और दोबारा चुना। केंद्र सरकार भी गोवा की लगातार मदद कर रही है। हमारा पूरा फोकस गोवा के इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट पर है। महिलाओं से लेकर युवाओं और रोजगार से लेकर पर्यटन तक को बढ़ाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार काम शुरू कर चुकी है।
सवाल: मेहनत तो बहुत करनी होगी। क्योंकि कोरोना ने तो गोवा की पर्यटन इंडस्ट्री को तबाह कर दिया था। क्या प्लान किया है आपने पर्यटन इंडस्ट्री समेत रोजगार के अन्य संसाधनों को बूस्ट करने के लिए।
जवाब: बिल्कुल। हम और हमारी सरकार जी जान से गोवा के एक एक व्यक्ति और उसके रोजगार से जुड़े संसाधनों को बढ़ाने के लिए पहले भी मेहनत करती आई थी और आगे भी मेहनत करेगी। हमने अभी नया टूरिज्म बोर्ड बनाया है। यह बोर्ड पर्यटन को बढ़ाने की नई नीतियां न सिर्फ बनाएगा बल्कि उनको अमल में भी लाया जाएगा।
सवाल: नया टूरिज्म बोर्ड किस तरीके की योजनाएं लेकर आने वाला है। क्या कुछ नया करने वाले हैं आप लोग।
जवाब: जी बिल्कुल गोवा सरकार इस बार पर्यटन के लिहाज से बहुत कुछ नया करने वाली है। गोवा में अब “बीच टूरिज्म” ही सिर्फ लोगों की रोजी-रोटी का जरिया नहीं होगा बल्कि अब राज्य सरकार इंटरनल टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। इसके अलावा गोवा सरकार स्प्रिचुअल टूरिज्म को बढ़ावा देगी। साथ ही साथ मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। गोवा में छत्रपति शिवाजी महाराज का किला है। इसके अलावा और भी बहुत से किले हैं जिनको सरकार अब पर्यटन के दृष्टिकोण से पर्यटकों के लिए खोल रही है।
सवाल: गोवा में तो पुर्तगालियों के दौर के बड़े ऐतिहासिक मंदिर हैं। उनके लिए आपकी सरकार कुछ करने जा रही है क्या।
जवाब: पुर्तगालियों के दौर के न जाने कितने मंदिर अभी भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े हुए हैं। यह वह मंदिर हैं जिनको उस दौर में नष्ट कर दिया गया था। अब हमारी सरकार इन सभी मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने जा रही है। इसके लिए पहले चरण में गोवा सरकार ने बीस हज़ार करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। अब उनका पुनरुद्धार भी शुरू हो गया है। हमारी सरकार 16वीं सदी और 17वीं सदी के मंदिरों के माध्यम से स्प्रिचुअल टूरिज्म को बढ़ावा देगी। ताकि देश और दुनिया के लोग गोवा आकर भारतीय संस्कृति और उनकी परंपराओं को समझ सके।
सवाल: आपने भी धर्मांतरण पर एक बयान दिया था कि अब धर्मांतरण गोवा में बर्दाश्त नहीं होगा। ऐसा क्यों कहा था आपने। क्या आपके पास कोई इंटरनल रिपोर्ट है कि गोवा में बड़े स्तर पर धर्मांतरण हो रहा है?
जवाब: देखिए, एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि गोवा में धर्मांतरण किसी भी कीमत पर किसी का भी नहीं हो सकता है। धर्मांतरण का विरोध तो ग़ोवा में होगा ही। मेरे कहने का आशय यह है कि चाहे हिंदू हो या मुस्लिम या ईसाई। वह अपने धर्म में रहे। उसका धर्म परिवर्तन ना किया जाए। हिंदू से मुस्लिम और मुस्लिम से हिंदू भी नहीं बनाया जाना चाहिए। इसका विरोध होता रहेगा।
सवाल: आप रोकेंगे कैसे इसको। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई ने आपके इस बयान पर विरोध प्रकट किया।
जवाब: पीएफआई जैसे अलगाववादी संगठन बेवजह इस मामले में अपना दखल दे रहे हैं। यह बिल्कुल ठीक नहीं है। उनकी सरकार केंद्र सरकार को लिखकर देगी कि ऐसे अलगाववादी संगठन को पूरी तरीके से प्रतिबंधित किया जाए। अगर यह संगठन ऐसे ही अपना दखल देता रहा तो गोवा में इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। धर्मांतरण को लेकर गोवा सरकार बहुत सख्त है। आप गोवा के धर्मनिरपेक्ष कानून को देखिए। पूरे देश में उदाहरण है यह। हमारे यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश के अलग अलग राज्य फॉलो करने जा रहे हैं। हमारे राज्य के लोग इस कानून से बहुत खुश है। कोई अलगाववादी संगठन बेवजह अपनी दखलअंदाजी करके राज्य का माहौल नहीं खराब कर सकता है।
सवाल: गोवा में डबल इंजन की सरकार किस तरीके से अपना रोडमैप तैयार कर रही है। विकास की योजनाएं क्या-क्या हैं आपकी।
जवाब: हमको अभी केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाओं के लिए 22 हज़ार करोड़ रुपए का बजट मिला है। आप देखिएगा, यह अभी सिर्फ शुरुआत है। अगले पांच साल के भीतर गोवा देश का मॉडल स्टेट बनकर खड़ा होगा। हमारी योजनाओं में पर्यटन से लेकर महिलाओं के एंपावरमेंट का पूरा रोडमैप तैयार है। युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर लोगों को खुद के बिजनेस मॉड्यूल के साथ अपग्रेड करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।