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आपातकालीन सहायता: चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जगह अब 112, हिरासत से भागे सैकड़ों रोहिंग्या, पढ़ें देश-दुनिया की कुछ खास खबरें

सार

हेल्पलाइन 24 घंटे बच्चों की मदद और काउंसिलिंग उपलब्ध कराती है। इसके लिए वित्त सहायता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है,

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चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जगह जल्द ही राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर 112 होगा। दरअसल, अब तक केंद्र सरकार संकट में फंसे बच्चों के लिए नि:शुल्क आपातकालीन सहायता 1098 हेल्पलाइन को एनजीओ की मदद से संचालित करता रहा है।

हेल्पलाइन 24 घंटे बच्चों की मदद और काउंसिलिंग उपलब्ध कराती है। इसके लिए वित्त सहायता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अब इसे मिशन वात्सल्य का हिस्सा बनाया है। इसके तहत हर बच्चे के लिए स्वास्थ्य और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करेगा। 

गुणवत्ता जांच और किराया बढ़ने से मिस्र को गेहूं निर्यात करने में आएगी मुश्किल
भारत सबसे बड़े आयातक मिस्र को सस्ती कीमतों पर गेहूं का निर्यात कर सकता है। हालांकि, उसे गुणवत्ता जांच और किराया के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मिस्र के कृषि मंत्रालय ने पिछले सप्ताह भारत से गेहूं खरीदने को मंजूरी दी है। साथ ही उसने गुणवत्ता जांचने की शर्तें भी रखी है।

शर्तों में निर्यात से पहले पेस्टिसाइड की जांच भी शामिल है। प्लांट क्वारंटीन विभाग के प्रमुख अहमद अल अत्तार ने कहा, हमने भारत से गेहूं निर्यात को मंजूरी दी है। इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी भी तरह का गेहूं खरीद लेंगे। इसमें कुछ तकनीकी शर्तें हैं, जिनका पालन किया जाएगा। इसके अलावा, अधिक किराया भी आपूर्तिकर्ताओं के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। 

प्रति टन निर्यात लागत में करीब दोगुनी बढ़ोतरी
नई दिल्ली के प्रमुख गेहूं कारोबारी ने कहा कि किराये की बढ़ी लागत भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए चुनौती बन सकती है। मंगलवार को मिस्र के लिए गेहूं निर्यात का किराया कम-से-कम 70 डॉलर प्रति टन था। यह ब्लैक सी के रास्ते निर्यात लागत का करीब दोगुना है। ब्लैक सी के रास्ते भारत जब गेहूं का निर्यात करता है तो लागत
30-40 डॉलर प्रति टन पड़ती है।

मलयेशिया में हिरासत से भागे सैकड़ों रोहिंग्या, 362 फिर पकड़े
मलयेशिया में एक विरोध प्रदर्शन के बाद हिरासत से भागे 500 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों में से अधिकांश बुधवार को फिर गिरफ्तार कर लिए गए। फरारी के दौरान कम से कम छह की मौत हो गई जबकि 362 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। अन्य की तलाश जारी है। आप्रवासन विभाग के मुताबिक, 528 रोहिंग्या उत्तरी पिनांग प्रांत में बने एक अस्थायी हिरासत केंद्र का दरवाजा और बैरियर ग्रिल तोड़कर भाग गए।

भारत-वियतनाम की उड़ानें 29 अप्रैल से होंगी शुरू : वियतजेट
वियतजेट एयरलाइंस की भारत और वियतनाम के बीच उड़ानें चरणबद्ध तरीके से 29 अप्रैल से शुरू होंगी। एयरलाइंस ने बताया कि दिल्ली-हनोई और दिल्ली-हो ची मिन्ह के लिए उड़ानें 29 और 30 अप्रैल से शुरू हो जाएंगी। मुंबई-हनोई और मुंबई-हो ची मिन्ह सिटी के नए रूट पर उड़ानें 3 व 4 जून से शुरू होंगी। मुंबई-फु क्योक और नई दिल्ली-फु क्योक की उड़ानें 9 सितंबर से शुरू करने की योजना है। महामारी के कारण दो साल बाद भारत ने 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की हैं। 

युवक ने की पानी सड़क की मांग, कांग्रेस विधायक ने जड़ा थप्पड़
गांव में सड़क और पेयजल पहुंचाने की मांग कर रहे एक युवा को कर्नाटक में कांग्रेस विधायक वेंकटरामनप्पा ने थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसे राज्य के भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसके अनुसार तुमकुर के पवगड़ तालुका ऑफिस में यह घटना हुई।

युवक का कहना था कि उसके गांव नगेहल्ली की सड़क खराब है, इसके लिए पैसा जारी किया जाए। इस दौरान उसने अभद्र भाषा उपयोग की। इस पर यहां के विधायक ने उसे थप्पड़ लगा दिया। राज्य भाजपा ने ट्विटर पर लिखा कि कांग्रेस विधायक समस्याएं सुलझाना तो दूर, युवाओं को थप्पड़ मार देते हैं।

पोलैंड : कोयला खदान में मीथेन विस्फोट, 4 की मौत
दक्षिणी पोलैंड में बुधवार को एक कोयला खदान में मीथेन विस्फोट होने से चार खनिकों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए। इस हादसे में सात अन्य लोग लापता हैं। यह धमाका बुधवार को पावलोविस में पनिओवेक खदान में तड़के हुआ, जो जेएसडब्ल्यू खनन कंपनी द्वारा संचालित है। जेएसडब्ल्यू के अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के कारण बचाव अभियान को तत्काल रोकना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। खदान अधिकारियों ने कहा कि अभियान के दौरान सात बचावकर्मियों से संपर्क टूट गया है। अस्पताल में भर्ती कुछ घायलों की हालत जानलेवा है।

अमेरिका में फर्जी कोविड टीकाकरण कार्ड बेचकर 11 अरब से ज्यादा का घपला
अमेरिका में फर्जी कोरोना टीकाकरण कार्ड बेचकर 11 अरब डॉलर से ज्यादा का घपला सामने आया है। विधि विभाग ने नकली टीकाकरण प्रमाणपत्र बनाकर 15 करोड़ डॉलर (करीब 11.45 अरब रुपये) के इस घोटाले का खुलासा किया है। सरकार से इसमें से 152 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हो चुका है।  भारत में भी ऐसा घोटाला होना असंभव नहीं है। सरकारी वकीलों ने दो हफ्ते के दौरान कोरोना से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में फर्जीवाड़े में करीब 20 लोगों को आरोपी बनाया है। 

तीन ओलंपियनों को भी बेचे नकली कार्ड
गत सितंबर में कोलराडो के कारोबारी रॉबर्ट कैंप ने संभावित ग्राहक बन पहुंचे अंडरकवर एजेंट से कहा कि उसके पास नकली टीकाकरण कार्ड है। उसने कहा कि उसने तीन ओलंपिक एथलीट सहित कई लोगों को नकली कार्ड बेचे हैं।

विस्तार

चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जगह जल्द ही राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर 112 होगा। दरअसल, अब तक केंद्र सरकार संकट में फंसे बच्चों के लिए नि:शुल्क आपातकालीन सहायता 1098 हेल्पलाइन को एनजीओ की मदद से संचालित करता रहा है।

हेल्पलाइन 24 घंटे बच्चों की मदद और काउंसिलिंग उपलब्ध कराती है। इसके लिए वित्त सहायता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अब इसे मिशन वात्सल्य का हिस्सा बनाया है। इसके तहत हर बच्चे के लिए स्वास्थ्य और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करेगा। 

गुणवत्ता जांच और किराया बढ़ने से मिस्र को गेहूं निर्यात करने में आएगी मुश्किल

भारत सबसे बड़े आयातक मिस्र को सस्ती कीमतों पर गेहूं का निर्यात कर सकता है। हालांकि, उसे गुणवत्ता जांच और किराया के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मिस्र के कृषि मंत्रालय ने पिछले सप्ताह भारत से गेहूं खरीदने को मंजूरी दी है। साथ ही उसने गुणवत्ता जांचने की शर्तें भी रखी है।

शर्तों में निर्यात से पहले पेस्टिसाइड की जांच भी शामिल है। प्लांट क्वारंटीन विभाग के प्रमुख अहमद अल अत्तार ने कहा, हमने भारत से गेहूं निर्यात को मंजूरी दी है। इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी भी तरह का गेहूं खरीद लेंगे। इसमें कुछ तकनीकी शर्तें हैं, जिनका पालन किया जाएगा। इसके अलावा, अधिक किराया भी आपूर्तिकर्ताओं के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। 

प्रति टन निर्यात लागत में करीब दोगुनी बढ़ोतरी

नई दिल्ली के प्रमुख गेहूं कारोबारी ने कहा कि किराये की बढ़ी लागत भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए चुनौती बन सकती है। मंगलवार को मिस्र के लिए गेहूं निर्यात का किराया कम-से-कम 70 डॉलर प्रति टन था। यह ब्लैक सी के रास्ते निर्यात लागत का करीब दोगुना है। ब्लैक सी के रास्ते भारत जब गेहूं का निर्यात करता है तो लागत

30-40 डॉलर प्रति टन पड़ती है।

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