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समानता: मिस्र में पहली बार एक साथ 98 महिलाओं ने ली जज की शपथ, लैंगिक भेदभाव मिटने के संकेत

न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, काहिरा।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 22 Oct 2021 12:56 AM IST

सार

राष्ट्रपति राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी ने इस संबंध में एक आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत हुई कार्रवाई की वजह से देश में लैंगिक भेदभाव धीरे-धीरे खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं।मिस्र स्टेट काउंसिल 1946 में स्थापित एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है।

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मिस्र में जब सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायालय में सेवा के लिए 98 महिलाओं को शपथ ली तो सरकारी टीवी पर इस समारोह को एक घंटे तक दिखाया गया। मिस्र की महिलाओं के लिए यह एक गर्व का क्षण था क्योंकि देश में इतनी सारी महिलाओं को इतने बड़े औहदे पर पहली बार नियुक्ति मिली। 

उन्हें यह नियुक्ति राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी के आदेश पर मिल पाई। सरकार ने इस शपथ से पहले अदालत में कार्यरत प्रशासनिक अभियोजकों और वकीलों का पूरा एक पूल भी तैयार किया था। 

स्टेट काउंसिल में पहली बार जज बनने वाली महिलाओं के माध्यम से यह संकेत देने की कोशिश की गई कि देश में लैंगिक भेदभाव को मिटाने की तैयारी है। महिला सदस्यों के पहले बैच में सहायक सलाहकार के रूप में 48 और उप परामर्शदाता के रूप में 50 जजों की नियुक्ति की गई है। 

काउंसिल के उपाध्यक्ष ताहा करसौआ ने कहा, यह कदम मिस्र में महिलाओं के लिए एक खूबसूरत उपहार है। महिला जजों को पुरुष न्यायाधीशों के समान कार्य व अधिकार दिए गए हैं। 

मिस्र स्टेट काउंसिल, 1946 में स्थापित, एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है। यह प्रशासनिक विवादों, अनुशासनात्मक मामलों, अपीलों और अपने निर्णयों से संबंधित विवादों पर निर्णय लेने के लिए विशेष रूप से सक्षम है।

विस्तार

मिस्र में जब सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायालय में सेवा के लिए 98 महिलाओं को शपथ ली तो सरकारी टीवी पर इस समारोह को एक घंटे तक दिखाया गया। मिस्र की महिलाओं के लिए यह एक गर्व का क्षण था क्योंकि देश में इतनी सारी महिलाओं को इतने बड़े औहदे पर पहली बार नियुक्ति मिली। 

उन्हें यह नियुक्ति राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी के आदेश पर मिल पाई। सरकार ने इस शपथ से पहले अदालत में कार्यरत प्रशासनिक अभियोजकों और वकीलों का पूरा एक पूल भी तैयार किया था। 

स्टेट काउंसिल में पहली बार जज बनने वाली महिलाओं के माध्यम से यह संकेत देने की कोशिश की गई कि देश में लैंगिक भेदभाव को मिटाने की तैयारी है। महिला सदस्यों के पहले बैच में सहायक सलाहकार के रूप में 48 और उप परामर्शदाता के रूप में 50 जजों की नियुक्ति की गई है। 

काउंसिल के उपाध्यक्ष ताहा करसौआ ने कहा, यह कदम मिस्र में महिलाओं के लिए एक खूबसूरत उपहार है। महिला जजों को पुरुष न्यायाधीशों के समान कार्य व अधिकार दिए गए हैं। 

मिस्र स्टेट काउंसिल, 1946 में स्थापित, एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है। यह प्रशासनिक विवादों, अनुशासनात्मक मामलों, अपीलों और अपने निर्णयों से संबंधित विवादों पर निर्णय लेने के लिए विशेष रूप से सक्षम है।

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