न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 09 Mar 2022 12:16 PM IST
सार
वह राजनीति में नहीं आएंगे और न ही कोई चुनाव लड़ेंगे। वह राजनीति, दिल्ली व संसद को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे। वह 1970 में विधायक बने थे। इसके बाद एंटनी 37 की उम्र में पहली बार केरल के मुख्यमंत्री भी बने।
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विस्तार
दरअसल, कांग्रेस नेता एके एंटनी का राज्यसभा में दो अप्रैल को कार्यकाल पूरा हो रहा है। उन्होंने घोषणा की है कि, इसके बाद वह राजनीति में नहीं आएंगे और न ही कोई चुनाव लड़ेंगे। वह राजनीति, दिल्ली व संसद को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे।
52 साल से राजनीति में सक्रिय हैं एंटनी
एके एंटनी पिछले 52 साल से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। छात्र राजनीति से शुरू होकर वह पहली बार वह 1970 में विधायक बने थे। इसके बाद एंटनी 37 की उम्र में पहली बार केरल के मुख्यमंत्री भी बने। अब तक वह तीन बार केरल के मुख्यमंत्री, तीन बार केंद्रीय मंत्री, पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। 10 साल तक वह कांग्रेस संसदीय समिति के अध्यक्ष भी रहे।
पहले ही बना लिया था राजनीति से दूर होने का मन
एके एंटनी ने पहले ही राजनीति से हमेशा के लिए दूर होने का मन बना लिया था। उन्होंने बताया कि, बहुत विचार करने के बाद मैनें कुछ समय पहले सोनिया गांधी को अपने निर्णय के बारे में बता दिया था। उन्होंने राज्यसभा के लिए दोबारा न खड़े होने की इच्छा जताई थी। इसके अलावा एंटनी ने केरल में राज्य प्रभारी व अन्य सदस्यों को अपने निर्णय के बारे में सूचित कर दिया था।
दिग्गजों के साथ किया काम
एके एंटनी कांग्रेस के भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं। उन्होंने इंदिरा और राजीव गांधी के समय में भी काम किया है। इंदिरा व राजीव के समय में वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव थे। इसके बाद वह 2004 में मनमोहन सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे। धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया और वह कांग्रेस की सबसे भरोसेमंद नेताओं में शुमार हो गए।