न्यूज डेस्क, अमर अजाला, नई दिल्ली
Published by: सुभाष कुमार
Updated Tue, 07 Dec 2021 06:54 AM IST
सार
जस्टिस शांतनगौदर को 17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था और उनका कार्यकाल 5 मई 2023 तक था। उनकी मृत्यु 62 वर्ष की उम्र में 24 अप्रैल की देर रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में हुई थी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
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विस्तार
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहन एम शांतनगौदार को श्रद्धांजलि देते हुए उनके निधन को शीर्ष अदालत के लिए सबसे बड़ा नुकसान बताया। जस्टिस शांतनगौदर का सेवानिवृत्ति से करीब तीन साल पहले 24 अप्रैल को गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
जस्टिस शांतनगौदर को 17 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था और उनका कार्यकाल 5 मई 2023 तक था। उनकी मृत्यु 62 वर्ष की उम्र में 24 अप्रैल की देर रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में हुई थी। सीजेआई ने दिवंगत न्यायाधीश की स्मृति में शीर्ष अदालत में हाइब्रिड मोड में आयोजित ‘फुल कोर्ट रिफ्रेंस’ में कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे अपने सबसे मूल्यवान सहयोगियों में से एक की मृत्यु पर शोक व्यक्त करना होगा। उनका आकस्मिक निधन शीर्ष अदालत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से देश ने ‘आम आदमी का जज’ खो दिया है। एजेंसी