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श्रद्धांजलिः विहिप ने कहा- देश ने खोया हिंदुओं का महान नेता, भाजपा ने कहा- आदर्शों के लिए स्वार्थों के त्याग की पेश की थी अद्भुत मिसाल

डिजिटल ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 22 Aug 2021 12:34 AM IST

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राममंदिर आंदोलन के शीर्ष योद्धा कल्याण सिंह का शनिवार शाम लखनऊ में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। कल्याण सिंह के निधन पर शीर्ष नेताओं ने गहरा दुख जताया है। नेताओं ने उन्हें हिंदू राजनीति का शीर्ष व्यक्तित्व और भारतीय जनता पार्टी की राजनीति को उत्तर प्रदेश में स्थायित्व देने वाला पुरूष बताया है। कई नेताओं का मानना है कि अगर कल्याण सिंह ने 6 दिसंबर 1992 को राममंदिर आंदोलन के दौरान अपनी सरकार को बलिदान देने का त्याग न दिया होता तो यह आंदोलन कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचता।

विश्व हिंदू परिषद ने कहा, देश की हिंदूवादी राजनीति ने अपना सबसे बड़ा मसीहा खो दिया
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कल्याण सिंह के निधन पर अमर उजाला से कहा कि देश की हिंदूवादी राजनीति ने अपना सबसे बड़ा मसीहा खो दिया है। कल्याण सिंह भारतीय राजनीति में हिंदूवादी राजनीति को उच्च स्तर तक ले जाने वाले महान ऐतिहासिक पुरूष थे। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के बिना राममंदिर आंदोलन का इतिहास लिखना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को राममंदिर आंदोलन के पीछे संगठित करने का जो महान कार्य कल्याण सिंह ने कर दिखाया, पूरा हिंदू समाज इसके लिए उनका सदैव ऋणी रहेगा।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन कल्याण सिंह ने जन भावना का सम्मान किया था। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास की पहली घटना थी जब जनभावनाओं का सम्मान करने के लिए एक चुने हुए मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी सरकार दांव पर लगा दी थी।

कल्याण सिंह के उसी एक फैसले ने उन्हें हिंदूवादी राजनीति का शिखर पुरुष बना दिया। इस निर्णय के कारण एक दिन राममंदिर आंदोलन अपने परिणाम तक पहुंचा और भाजपा देश में बेहद मजबूत दल के रूप में प्रतिष्ठित हो गई। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज अपने इस महान सपूत को खोने पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है।

राममंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि आज राममंदिर आंदोलन का महानायक चला गया। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर की घटना ने पूरे इतिहास के सामने अपने आदर्शों के लिए स्वार्थों के बलिदान का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। हिंदू समाज अपने इस महान योद्धा का सदैव आभारी रहेगा। उन्होंने कहा कि राममंदिर आंदोलन की नींव रखने से लेकर उसे एक परिणाम तक पहुंचाने में जिन लोगों की भूमिका रही, कल्याण सिंह उनमें से एक हैं।

जनता दल (यूनाइटेड) नेता केसी त्यागी ने कल्याण सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पिछड़े वर्गों को देश की मुख्यधारा की राजनीति में आगे लाने का कार्य किया। उन्होंने अपने पूरे जीवन आदर्श के मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ी और अंत में इसी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह और उनके पूरे परिवार से उनके बेहद नजदीकी संबंध हैं और वे अपनी पार्टी की ओर से स्वयं कल्याण सिंह की अंतिम क्रिया में शामिल होंगे।

केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा को यूपी में एक राजनीतिक शक्ति बनाने का श्रेय निर्विवाद रूप से किसी को दिया जा सकता है तो वह कल्याण सिंह ही हो सकते हैं। जब उन्होंने यूपी में भाजपा की बागडोर संभाली थी, तब भाजपा अन्य सामान्य दलों की तरह एक छोटा दल हुआ करती थी, लेकिन कल्याण सिंह ने अपने मजबूत फैसलों और हिंदूवादी छवि के कारण इसे बड़े जनाधार तक ले जाने में सफल रहे।

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राममंदिर आंदोलन के शीर्ष योद्धा कल्याण सिंह का शनिवार शाम लखनऊ में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। कल्याण सिंह के निधन पर शीर्ष नेताओं ने गहरा दुख जताया है। नेताओं ने उन्हें हिंदू राजनीति का शीर्ष व्यक्तित्व और भारतीय जनता पार्टी की राजनीति को उत्तर प्रदेश में स्थायित्व देने वाला पुरूष बताया है। कई नेताओं का मानना है कि अगर कल्याण सिंह ने 6 दिसंबर 1992 को राममंदिर आंदोलन के दौरान अपनी सरकार को बलिदान देने का त्याग न दिया होता तो यह आंदोलन कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचता।

विश्व हिंदू परिषद ने कहा, देश की हिंदूवादी राजनीति ने अपना सबसे बड़ा मसीहा खो दिया

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कल्याण सिंह के निधन पर अमर उजाला से कहा कि देश की हिंदूवादी राजनीति ने अपना सबसे बड़ा मसीहा खो दिया है। कल्याण सिंह भारतीय राजनीति में हिंदूवादी राजनीति को उच्च स्तर तक ले जाने वाले महान ऐतिहासिक पुरूष थे। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के बिना राममंदिर आंदोलन का इतिहास लिखना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को राममंदिर आंदोलन के पीछे संगठित करने का जो महान कार्य कल्याण सिंह ने कर दिखाया, पूरा हिंदू समाज इसके लिए उनका सदैव ऋणी रहेगा।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दिन कल्याण सिंह ने जन भावना का सम्मान किया था। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास की पहली घटना थी जब जनभावनाओं का सम्मान करने के लिए एक चुने हुए मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी सरकार दांव पर लगा दी थी।

कल्याण सिंह के उसी एक फैसले ने उन्हें हिंदूवादी राजनीति का शिखर पुरुष बना दिया। इस निर्णय के कारण एक दिन राममंदिर आंदोलन अपने परिणाम तक पहुंचा और भाजपा देश में बेहद मजबूत दल के रूप में प्रतिष्ठित हो गई। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज अपने इस महान सपूत को खोने पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है।

राममंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि आज राममंदिर आंदोलन का महानायक चला गया। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर की घटना ने पूरे इतिहास के सामने अपने आदर्शों के लिए स्वार्थों के बलिदान का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। हिंदू समाज अपने इस महान योद्धा का सदैव आभारी रहेगा। उन्होंने कहा कि राममंदिर आंदोलन की नींव रखने से लेकर उसे एक परिणाम तक पहुंचाने में जिन लोगों की भूमिका रही, कल्याण सिंह उनमें से एक हैं।

जनता दल (यूनाइटेड) नेता केसी त्यागी ने कल्याण सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पिछड़े वर्गों को देश की मुख्यधारा की राजनीति में आगे लाने का कार्य किया। उन्होंने अपने पूरे जीवन आदर्श के मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ी और अंत में इसी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह और उनके पूरे परिवार से उनके बेहद नजदीकी संबंध हैं और वे अपनी पार्टी की ओर से स्वयं कल्याण सिंह की अंतिम क्रिया में शामिल होंगे।

केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा को यूपी में एक राजनीतिक शक्ति बनाने का श्रेय निर्विवाद रूप से किसी को दिया जा सकता है तो वह कल्याण सिंह ही हो सकते हैं। जब उन्होंने यूपी में भाजपा की बागडोर संभाली थी, तब भाजपा अन्य सामान्य दलों की तरह एक छोटा दल हुआ करती थी, लेकिन कल्याण सिंह ने अपने मजबूत फैसलों और हिंदूवादी छवि के कारण इसे बड़े जनाधार तक ले जाने में सफल रहे।

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