एजेंसी, बीजिंग।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 15 Feb 2022 05:12 AM IST
सार
स्केटर वालिएवा को 25 दिसंबर को प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया था, लेकिन स्वीडन की लैब का जांच नतीजा एक हफ्ते पहले ही आया है। इससे पहले वह रूसी ओलंपिक समिति के लिए स्वर्ण जीत चुकी थीं।
शीतकालीन बीजिंग ओलंपिक से पहले डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद रूस की टीनएजर कामिला वालिएवा खेलों में महिलाओं की फिगर स्केटिंग स्पर्धा में भाग ले सकेंगी। सोमवार को खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने कहा कि 15 वर्ष की वालिएवा को पूरी जांच के बिना अस्थायी तौर पर निलंबित करने की जरूरत नहीं है। पंचाट ने खिलाड़ी के पक्ष में फैसला इसलिए दिया क्योंकि वह अभी अवयस्क (नाबालिग) हैं और उसके लिए नियम वयस्क खिलाड़ियों से अलग होंगे।
सीएएस के महानिदेशक मथियू रीब ने बताया कि पैनल ने विचार के बाद माना कि इस खिलाड़ी को ओलंपिक में भाग लेने से रोकने पर उसे नुकसान होगा। इस फैसले के बाद वालिएवा और रूस के अन्य स्केटरों का लक्ष्य महिलाओं की फिगर स्केटिंग स्पर्धा में क्लीन स्वीप करने पर होगा। यह प्रतियोगिता मंगलवार से बृहस्पतिवार तक चलेगी। निर्णय के बाद वालिएवा ने मिले हुए समय में अभ्यास सत्र में भाग लिया।
पिछले साल दिसंबर में पाई गई थी दोषी
स्केटर वालिएवा को 25 दिसंबर को प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया था, लेकिन स्वीडन की लैब का जांच नतीजा एक हफ्ते पहले ही आया है। इससे पहले वह रूसी ओलंपिक समिति के लिए स्वर्ण जीत चुकी थीं। रिपोर्ट आने में छह हफ्ते के विलंब का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन रूसी अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार के कारण लैब में स्टाफ कम था।
स्वर्ण पदक पर नहीं आया फैसला
रूसी डोपिंग निरोधक एजेंसी ने स्केटर कामिला पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया था जिसे एक दिन बाद हटा दिया गया। आईओसी और अन्य ने अपील की जिससे मामले की त्वरित सुनवाई हुई। वालिएवा ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अपना पक्ष रखा। इस फैसले के बाद यह तो तय हो गया कि वह आगे खेल सकेगी लेकिन जो स्वर्ण पदक उसने जीता है, उस पर फैसला नहीं आया है। उस पर फैसला विस्तृत जांच के बाद आएगा।
विस्तार
शीतकालीन बीजिंग ओलंपिक से पहले डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद रूस की टीनएजर कामिला वालिएवा खेलों में महिलाओं की फिगर स्केटिंग स्पर्धा में भाग ले सकेंगी। सोमवार को खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने कहा कि 15 वर्ष की वालिएवा को पूरी जांच के बिना अस्थायी तौर पर निलंबित करने की जरूरत नहीं है। पंचाट ने खिलाड़ी के पक्ष में फैसला इसलिए दिया क्योंकि वह अभी अवयस्क (नाबालिग) हैं और उसके लिए नियम वयस्क खिलाड़ियों से अलग होंगे।
सीएएस के महानिदेशक मथियू रीब ने बताया कि पैनल ने विचार के बाद माना कि इस खिलाड़ी को ओलंपिक में भाग लेने से रोकने पर उसे नुकसान होगा। इस फैसले के बाद वालिएवा और रूस के अन्य स्केटरों का लक्ष्य महिलाओं की फिगर स्केटिंग स्पर्धा में क्लीन स्वीप करने पर होगा। यह प्रतियोगिता मंगलवार से बृहस्पतिवार तक चलेगी। निर्णय के बाद वालिएवा ने मिले हुए समय में अभ्यास सत्र में भाग लिया।
पिछले साल दिसंबर में पाई गई थी दोषी
स्केटर वालिएवा को 25 दिसंबर को प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया था, लेकिन स्वीडन की लैब का जांच नतीजा एक हफ्ते पहले ही आया है। इससे पहले वह रूसी ओलंपिक समिति के लिए स्वर्ण जीत चुकी थीं। रिपोर्ट आने में छह हफ्ते के विलंब का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन रूसी अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार के कारण लैब में स्टाफ कम था।
स्वर्ण पदक पर नहीं आया फैसला
रूसी डोपिंग निरोधक एजेंसी ने स्केटर कामिला पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया था जिसे एक दिन बाद हटा दिया गया। आईओसी और अन्य ने अपील की जिससे मामले की त्वरित सुनवाई हुई। वालिएवा ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अपना पक्ष रखा। इस फैसले के बाद यह तो तय हो गया कि वह आगे खेल सकेगी लेकिन जो स्वर्ण पदक उसने जीता है, उस पर फैसला नहीं आया है। उस पर फैसला विस्तृत जांच के बाद आएगा।
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