एजेंसी, सिडनी।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 24 Mar 2022 06:54 AM IST
सार
हिलसॉन्ग चर्च ने बयान दिया कि ब्रायन हाउस्टन ने चर्च में आस्था रखने वालों का विश्वास तोड़ा है। खुद चर्च इससे प्रभावित है। ब्रायन को हटाने की घोषणा कर कहा कि यह चर्च को लेकर सोचने का भी समय है, इसके संचालन के तरीकों व ढांचे का स्वतंत्र मूल्यांकन करवाया जा रहा है। ब्रायन ने सिडनी में अपनी पत्नी बॉबी के साथ मिलकर इस चर्च की स्थापना की थी।
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विस्तार
हिलसॉन्ग चर्च ने बयान दिया कि ब्रायन ने चर्च में आस्था रखने वालों का विश्वास तोड़ा है। खुद चर्च इससे प्रभावित है। ब्रायन को हटाने की घोषणा कर कहा कि यह चर्च को लेकर सोचने का भी समय है, इसके संचालन के तरीकों व ढांचे का स्वतंत्र मूल्यांकन करवाया जा रहा है। ब्रायन ने सिडनी में अपनी पत्नी बॉबी के साथ मिलकर इस चर्च की स्थापना की थी। 80 के दशक में इसकी शाखाएं यूरोप, एशिया और उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका में भी स्थापित कीं। उसके पिता द्वारा 70 के दशक में किए गए यौन शोषण को छिपाने का आपराधिक आरोप भी ब्रायन पर लगा।
अपनी करनी का दोष नींद की गोलियों पर डाला
करीब एक दशक पहले ब्रायन ने चर्च की एक महिला स्टाफ को अशोभनीय एसएमएस भेजा था। इस वजह से इस महिला ने चर्च छोड़ दिया। चर्च ने 2018 में यह खुलासा किया। ब्रायन ने अपने बचाव में कहा कि वे नींद की गोलियों के असर में थे।
2019 में चर्च की कॉन्फ्रेंस के बाद ब्रायन ने एक अनजान महिला के होटल के कमरे में जाकर कुछ समय बिताया। चर्च ने उसका बचाव कर कहा कि ‘उस समय ब्रायन ने नींद की गोलियां और शराब दोनों का सेवन कर रखा था, वह बहका हुआ था।’ हालांकि बाद में चर्च को मानना पड़ा कि ब्रायन का आचरण गलत था।
पीएम मॉरिसन ने भी की थी इस चर्च में प्रार्थना
ब्रायन के कारनामे से चर्च की बिगड़ती छवि को और नुकसान हुआ है। हिलसॉन्ग चर्च में कई जाने-माने व्यक्ति और राजनेता आते रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने 2019 में यहां प्रार्थना का नेतृत्व भी किया था। ऑस्ट्रेलिया में जल्द ही चुनाव होने जा रहे हैं, चर्च के इस प्रकरण से उनकी लोकप्रियता पर बुरा असर पड़ सकता है।