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वीर वणक्कम: अपने-अपने घर पहुंचाए गए हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सैनिकों के पार्थिव शरीर, देश में शोक की लहर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 10 Dec 2021 11:16 AM IST

सार

Soldiers Who Lost Their Lives In Helicopter Crash: सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ जान गंवाने वाले 11 सैन्य कर्मी अपने क्षेत्र में महारथी थे। यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है। किसी ने एलएससी पर अपना दम दिखाया था तो कोई युद्ध लड़ने में माहिर था। आइए जानते हैं दुनिया को अलविदा कहने वाले इन वीर जवानों के बारे में ।

सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश
– फोटो : ANI

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बुधवार को तमिलनाडु में कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के साथ 11 अन्य लोगों ने अपनी जान गंवा दी। यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है। सीडीएस के साथ जान गंवाने वाले ये सभी अपने क्षेत्र में महारथी थे। किसी ने एलएससी पर अपना दम दिखाया था तो कोई युद्ध लड़ने में माहिर था। सभी सैन्य कर्मियों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा दिए गए हैं। आइए जानते हैं दुनिया को अलविदा कहने वाले इन वीर जवानों के बारे में । 

प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पहुंचकर दी थी श्रद्धांजलि
हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर गुरुवार को दिल्ली लाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर सभी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी थी। प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद थे। सीडीएस के साथ जान गंवाने वालों में ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर भी शामिल थे, उन्हें दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरएफ) में शामिल किया गया था। ब्रिगेडियर लिद्दर ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ जेएकेआरएफ की एक बटालियन की कमान संभाली थी। 1969 में जन्मे लिद्दर के परिवार में उनके बाद पत्नी गीतिका और बेटी आशना हैं।

आईएमए में प्रशिक्षक रहे थे लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर
लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह भी उन लोगों में शामिल थे, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर में मौजूद थे और अब नहीं रहे। उनके परिवार में पत्नी मेजर (रिटायर्ड) एग्नेस पी मेनेजेस और बेटी प्रीत कौर हैं। 1978 में जन्मे हरजिंदर 2001 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। उन्होंने गोरखा राइफल्स रेजिमेंट में रहते हुए देश के उत्तर-पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भी काम किया। उन्होंने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में प्रशिक्षक के रूप में भी सेवाएं दीं। 

अन्य का भी देश की सेवा में बड़ा योगदान 
इस सूची में हवलदार सतपाल राय का नाम भी शामिल है जो गोरखा राइफल्स रेजिमेंट का हिस्सा थे। उन्होंने सियाचिन और नौशेरा जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी थीं। इसके अलावा नायक गुरुसेवक सिंह पैरा स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा थे और उन्होंने मार्च 2004 में सेना में सेवाएं देना शुरू किया था। गुरुसेवक को करीब से होने वाली लड़ाई लड़ने में भी माहिर माना जाता था। इसके साथ ही लांस नायक बी साई तेजा पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे। वे मिश्रित मार्शल आर्ट और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ थे। तेजा के साथ ही लांस नायक जितेंद्र कुमार भी पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे और एक विशेषज्ञ स्नाइपर थे। उन्होंने एलएसी पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। लांस नायक विवेक कुमार भी पैरा स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा थे। 

बेहतरीन पायलट थे विंग कमांडर पीएस चौहान
आगरा के रहने वाले विंग कमांडर पीएस चौहान 2002 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल हुए थे। इसके सज्ञथ ही राजस्थान के स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप भी हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना को सेवाएं दे रहे थे। इनके साथ ही इस हादसे का शिकार हुए केरल के रहने वाले जूनियर वारंट अधिकारी ए प्रदीप फ्लाइट गनर थे। तो जूनियर वारंट ऑफिसर आर पी दास फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर तैनात थे। पूरा देश आज इन सैन्य कर्मियों को नमन कर रहा है। 

विस्तार

बुधवार को तमिलनाडु में कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के साथ 11 अन्य लोगों ने अपनी जान गंवा दी। यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है। सीडीएस के साथ जान गंवाने वाले ये सभी अपने क्षेत्र में महारथी थे। किसी ने एलएससी पर अपना दम दिखाया था तो कोई युद्ध लड़ने में माहिर था। सभी सैन्य कर्मियों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा दिए गए हैं। आइए जानते हैं दुनिया को अलविदा कहने वाले इन वीर जवानों के बारे में । 

प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पहुंचकर दी थी श्रद्धांजलि

हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर गुरुवार को दिल्ली लाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर सभी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी थी। प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद थे। सीडीएस के साथ जान गंवाने वालों में ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर भी शामिल थे, उन्हें दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरएफ) में शामिल किया गया था। ब्रिगेडियर लिद्दर ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ जेएकेआरएफ की एक बटालियन की कमान संभाली थी। 1969 में जन्मे लिद्दर के परिवार में उनके बाद पत्नी गीतिका और बेटी आशना हैं।

आईएमए में प्रशिक्षक रहे थे लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर

लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह भी उन लोगों में शामिल थे, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर में मौजूद थे और अब नहीं रहे। उनके परिवार में पत्नी मेजर (रिटायर्ड) एग्नेस पी मेनेजेस और बेटी प्रीत कौर हैं। 1978 में जन्मे हरजिंदर 2001 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। उन्होंने गोरखा राइफल्स रेजिमेंट में रहते हुए देश के उत्तर-पूर्व में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भी काम किया। उन्होंने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में प्रशिक्षक के रूप में भी सेवाएं दीं। 

अन्य का भी देश की सेवा में बड़ा योगदान 

इस सूची में हवलदार सतपाल राय का नाम भी शामिल है जो गोरखा राइफल्स रेजिमेंट का हिस्सा थे। उन्होंने सियाचिन और नौशेरा जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी थीं। इसके अलावा नायक गुरुसेवक सिंह पैरा स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा थे और उन्होंने मार्च 2004 में सेना में सेवाएं देना शुरू किया था। गुरुसेवक को करीब से होने वाली लड़ाई लड़ने में भी माहिर माना जाता था। इसके साथ ही लांस नायक बी साई तेजा पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे। वे मिश्रित मार्शल आर्ट और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ थे। तेजा के साथ ही लांस नायक जितेंद्र कुमार भी पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे और एक विशेषज्ञ स्नाइपर थे। उन्होंने एलएसी पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। लांस नायक विवेक कुमार भी पैरा स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा थे। 

बेहतरीन पायलट थे विंग कमांडर पीएस चौहान

आगरा के रहने वाले विंग कमांडर पीएस चौहान 2002 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल हुए थे। इसके सज्ञथ ही राजस्थान के स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप भी हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना को सेवाएं दे रहे थे। इनके साथ ही इस हादसे का शिकार हुए केरल के रहने वाले जूनियर वारंट अधिकारी ए प्रदीप फ्लाइट गनर थे। तो जूनियर वारंट ऑफिसर आर पी दास फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर तैनात थे। पूरा देश आज इन सैन्य कर्मियों को नमन कर रहा है। 

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