जावेद अख्तर
– फोटो : सोशल मीडिया
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। अपने बेबाक बोल और खुली विचारधारा के चलते वह आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर रहते हैं। हाल ही में जावेद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इन दिनों फैबइंडिया का दिवाली ऐड सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, यूजर्स को ऐड में इस्तेमाल उर्दू शब्द ‘जश्न-ए-रिवाज’ से दिक्कत थी।
इस एड के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे टारगेट करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि दिवाली के फेस्टिव कलेक्शन को ‘जश्न-ए-रिवाज’ का नाम क्यों दिया गया, क्योंकि यह हिंदुओं का त्योहार है। ऐसे में अब जावेद अख्तर ने इस पर अपना पक्ष रखा। हमेशा की तरह हर मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए मशहूर जावेद अक्सर अपनी बात बेबाकी से रखते नजर आते हैं।
जावेद अख्तर
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इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए जावेद अख्तर ने किया ट्वीट किया, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि फैबइंडिया के ‘जश्न-ए-रिवाज’ से लोगों को आखिर इतनी परेशानी क्यों है। उन्होंने कहा कि इस उर्दू के इस शब्द का मतबल होता है पारंपरिक सेलिब्रेशन। इससे किसी को कैसे परेशानी हो सकती है। यह देखना काफी अजीब नजर आ रहा है।”
फैबइंडिया
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दरअसल, यूजर्स के फैबइंडिया के इस ऐड पर सोशल मीडिया पर बवाल होते देख कंपनी ने इसे कंपनी ने इसे डिलीट कर दिया। फैबइंडिया ने इस ऐड शेयर करते हुए कैप्शन दिया था, “प्यार और रोशनी के त्यौहार का स्वागत करते हुए फैबइंडिया का ‘जश्न-ए-रिवाज’ कलेक्शन भारतीय कल्चर को पारंपरिक रूप से मनाता है।”
फैबइंडिया
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गौरतबल है कि अपने क्लोदिंग लाइन को लॉन्च करते हुए कंपनी ने यह वीडियो 9 अक्टूबर को रिलीज किया था। वहीं, इस पर बढ़ते बवाल को देखते हुए कंपनी ने इस ऐड को हटाते हुे कहा कि तो फैब इंडिया में हम हमेशा भारत और इसकी असंख्य परंपराओं को सेलिब्रेट करते हैं।
फैबइंडिया
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उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि हमारा टैगलाइन ही – फैबइंडिया-सेलिब्रेट इंडिया है। असल में जश्न-ए-रिवाज के तहत जो भी प्रोडक्ट आए हैं वह भारतीय परंपराओं का सेलिब्रेशन है। यह दिवाली कलेक्शन नहीं है।