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विदेश सचिव बोले: यूक्रेन से 1000 भारतीय रोमानिया-हंगरी के रास्ते निकाले गए, हजार अन्य जमीनी रास्ते से निकाले जा रहे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 27 Feb 2022 06:49 PM IST

सार

विदेश सचिव हर्शवर्धन श्रृंगला ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन गंगा के बारे में जानकारी दी।

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यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए भारत सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को लेकर रविवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे हमारे नागरिकों को निकालने के लिए बहु आयामी ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है। निकासी की यह पूरी प्रक्रिया सरकारी खर्च पर होगी। 

विदेश सचिव ने कहा कि कीव (यूक्रेन की राजधानी) में हमारे दूतावास ने बदलती परिस्थितियों को देखते हुए कई एडवायजरी जारी की हैं। हमारे 4000 नागरिक इन एडवायजरी के अनुसार संघर्ष से पहले ही यूक्रेन से बाहर चले गए थे। उन्होंने आगे कहा कि हमने अनुमान लगाया था कि लगभग 15 हजार भारतीय नागरिक युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंस गए थे। 

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि यूक्रेन में एयरस्पेस बंद है, हमने हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया से जमीनी रास्ते से निकलने के स्थानों की पहचान की। सीमा पार करने के विशेष बिंदु चिह्नित किए गए और विदेश मंत्रालय ने निकासी की प्रक्रिया में सहयोग के लिए अपने दलों को तैनात किया। यूक्रेन ने नागरिक उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।

साझा की ऑपरेशन गंगा के तहत निर्धारित उड़ानों की सूची
श्रृंगला ने कहा कि अभी तक ऑपरेशन गंगा के तहत विमान हमारे कई नागरिकों को लेकर रोमानिया और हंगरी से उड़ान भर चुके हैं और करीब एक हजार अन्य लोगों को जमीनी रास्ते से यूक्रेन से बाहर निकाला जा रहा है। इनके लिए उड़ानों का इंतजाम किया गया है। उन्होंने पड़ोसी देशों के रास्ते भारतीयों को निकालने के लिए उड़ानों की सूची भी साझा की।

विदेश सचिव ने कहा कि हंगरी और रोमानिया के लिए बॉर्डर क्रॉसिंग चल रही है। हालांकि, पोलैंड में निकलने का बिंदु अवरुद्ध हो गया है क्योंकि लाखों की संख्या में विदेशी नागरिक वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग हंगरी और रोमानिया की सीमाओं के पास मौजूद हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से सीमा बिंदुओं की ओर जाने के लिए कहा जा रहा है।

श्रृंगला ने कहा कि मैंने रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के राजदूतों से अलग-अलग बात की है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं साझा की हैं। मैंने उनसे उन स्थानों की जानकारी साझा की है जहां भारतीय नागरिक मौजूद हैं। दोनों राजदूतों ने हमारी चिंताओं का संज्ञान लिया है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया है।

विस्तार

यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए भारत सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को लेकर रविवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे हमारे नागरिकों को निकालने के लिए बहु आयामी ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है। निकासी की यह पूरी प्रक्रिया सरकारी खर्च पर होगी। 

विदेश सचिव ने कहा कि कीव (यूक्रेन की राजधानी) में हमारे दूतावास ने बदलती परिस्थितियों को देखते हुए कई एडवायजरी जारी की हैं। हमारे 4000 नागरिक इन एडवायजरी के अनुसार संघर्ष से पहले ही यूक्रेन से बाहर चले गए थे। उन्होंने आगे कहा कि हमने अनुमान लगाया था कि लगभग 15 हजार भारतीय नागरिक युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंस गए थे। 

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि यूक्रेन में एयरस्पेस बंद है, हमने हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया से जमीनी रास्ते से निकलने के स्थानों की पहचान की। सीमा पार करने के विशेष बिंदु चिह्नित किए गए और विदेश मंत्रालय ने निकासी की प्रक्रिया में सहयोग के लिए अपने दलों को तैनात किया। यूक्रेन ने नागरिक उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।

साझा की ऑपरेशन गंगा के तहत निर्धारित उड़ानों की सूची

श्रृंगला ने कहा कि अभी तक ऑपरेशन गंगा के तहत विमान हमारे कई नागरिकों को लेकर रोमानिया और हंगरी से उड़ान भर चुके हैं और करीब एक हजार अन्य लोगों को जमीनी रास्ते से यूक्रेन से बाहर निकाला जा रहा है। इनके लिए उड़ानों का इंतजाम किया गया है। उन्होंने पड़ोसी देशों के रास्ते भारतीयों को निकालने के लिए उड़ानों की सूची भी साझा की।

विदेश सचिव ने कहा कि हंगरी और रोमानिया के लिए बॉर्डर क्रॉसिंग चल रही है। हालांकि, पोलैंड में निकलने का बिंदु अवरुद्ध हो गया है क्योंकि लाखों की संख्या में विदेशी नागरिक वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग हंगरी और रोमानिया की सीमाओं के पास मौजूद हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से सीमा बिंदुओं की ओर जाने के लिए कहा जा रहा है।

श्रृंगला ने कहा कि मैंने रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के राजदूतों से अलग-अलग बात की है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं साझा की हैं। मैंने उनसे उन स्थानों की जानकारी साझा की है जहां भारतीय नागरिक मौजूद हैं। दोनों राजदूतों ने हमारी चिंताओं का संज्ञान लिया है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया है।

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