एएनआई, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 07 Feb 2022 10:16 AM IST
सार
पिछले तीन सालों से लता मंगेशकर का इलाज करने वाले डॉक्टर समदानी ने बताया कि इस बार उनकी हालत दिनोंदिन गिरती जा रही थी। हमने उन्हें बचाने के प्रयास निरंतर जारी रखे, लेकिन दुर्भाग्य से हम उन्हें बचा नहीं सके।
महान गायिका, भारत रत्न लता मंगेशकर की तमाम विशेषताओं के बीच एक और बड़ी बात सामने आई है। रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांसें लेते वक्त भी लता जी मन में संतोष का भाव व चेहरे पर मुस्कान थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी घड़ी में लता मंगेशकर के समीप मौजूद रहे डॉ. प्रतीत समदानी ने यह दावा किया है। पिछले तीन सालों से लता मंगेशकर का इलाज करने वाले डॉक्टर समदानी ने बताया कि जब भी वह बीमार होतीं और उनकी हालत बिगड़ती तो वह उनका इलाज करते थे, लेकिन इस बार उनकी हालत दिनोंदिन गिरती जा रही थी। हालांकि हमने उन्हें बचाने के प्रयास निरंतर जारी रखे, लेकिन दुर्भाग्य से हम उन्हें बचा नहीं सके।
डॉ. समदानी ने यह भी खुलासा किया कि जब भी उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता था तो वह कहा करती थीं कि ‘सभी की देखभाल समान रूप से होनी चाहिए’। इसके साथ ही वह अपना जो भी इलाज जरूरी होता था, उसके लिए हमेशा तैयार रहती थीं। इलाज से बचने का उन्होंने कभी कोई प्रयास नहीं किया।
लता जी के सरल स्वभाव का जिक्र करते हुए डॉ. समदानी ने कहा, ‘मैं उन्हें उनकी मुस्कान के लिए जीवनभर याद रखूंगा। यहां तक कि अंतिम घड़ी में उनके चेहरे पर मुस्कान थी।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि पिछले कुछ सालों से लता दीदी की सेहत ठीक नहीं थी, इसलिए वह किसी से बहुत ज्यादा नहीं मिल पाती थीं। लता दीदी किसी से भी बहुत कम बात करती थीं और ज्यादा बोलती नहीं थीं। वह तब से उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन उनके लिए ईश्वर की अपनी योजना थी। आखिरकार वह हमें छोड़कर हमेशा के लिए चल दीं।’
महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को 92 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें कोविड-19 व निमोनिया की शिकायत के बाद 8 जनवरी को भर्ती कराया गया था।
विस्तार
महान गायिका, भारत रत्न लता मंगेशकर की तमाम विशेषताओं के बीच एक और बड़ी बात सामने आई है। रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांसें लेते वक्त भी लता जी मन में संतोष का भाव व चेहरे पर मुस्कान थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी घड़ी में लता मंगेशकर के समीप मौजूद रहे डॉ. प्रतीत समदानी ने यह दावा किया है। पिछले तीन सालों से लता मंगेशकर का इलाज करने वाले डॉक्टर समदानी ने बताया कि जब भी वह बीमार होतीं और उनकी हालत बिगड़ती तो वह उनका इलाज करते थे, लेकिन इस बार उनकी हालत दिनोंदिन गिरती जा रही थी। हालांकि हमने उन्हें बचाने के प्रयास निरंतर जारी रखे, लेकिन दुर्भाग्य से हम उन्हें बचा नहीं सके।
डॉ. समदानी ने यह भी खुलासा किया कि जब भी उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता था तो वह कहा करती थीं कि ‘सभी की देखभाल समान रूप से होनी चाहिए’। इसके साथ ही वह अपना जो भी इलाज जरूरी होता था, उसके लिए हमेशा तैयार रहती थीं। इलाज से बचने का उन्होंने कभी कोई प्रयास नहीं किया।
लता जी के सरल स्वभाव का जिक्र करते हुए डॉ. समदानी ने कहा, ‘मैं उन्हें उनकी मुस्कान के लिए जीवनभर याद रखूंगा। यहां तक कि अंतिम घड़ी में उनके चेहरे पर मुस्कान थी।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि पिछले कुछ सालों से लता दीदी की सेहत ठीक नहीं थी, इसलिए वह किसी से बहुत ज्यादा नहीं मिल पाती थीं। लता दीदी किसी से भी बहुत कम बात करती थीं और ज्यादा बोलती नहीं थीं। वह तब से उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन उनके लिए ईश्वर की अपनी योजना थी। आखिरकार वह हमें छोड़कर हमेशा के लिए चल दीं।’
महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को 92 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें कोविड-19 व निमोनिया की शिकायत के बाद 8 जनवरी को भर्ती कराया गया था।
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