एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 28 Feb 2022 07:41 AM IST
सार
फरवरी में कच्चे तेल के 100 डॉलर पार पहुंचने से अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत का तेल आयात बिल दोगुना होकर 110 से 115 अरब डॉलर पहुंचेगा। भारत जरूरतों का 85% कच्चा तेल आयात करता है।
रूस-यूक्रेन संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से भारत का कच्चे तेल का आयात बिल 2021-22 में 100 अरब डॉलर के पार पहुंच सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर हुए खर्च का करीब दोगुना होगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 94.3 अरब डॉलर खर्च किए हैं। अकेले जनवरी में इस पर 11.6 अरब डॉलर खर्च हुए हैं।
फरवरी में कच्चे तेल के 100 डॉलर पार पहुंचने से अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत का तेल आयात बिल दोगुना होकर 110 से 115 अरब डॉलर पहुंचेगा। भारत जरूरतों का 85% कच्चा तेल आयात करता है।
उत्पादन लगातार घटने से बढ़ी है आयात पर निर्भरता
कोरोना से पहले 2019-20 में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक भारत ने 22.7 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात पर 101.4 अरब डॉलर खर्च किए थे। घरेलू उत्पादन लगातार घटने से भारत की आयात पर निर्भरता बढ़ी है। देश में कच्चे तेल का उत्पादन 2019-20 में 3.05 करोड़ टन था, जो इसके अगले साल घटकर 2.91 करोड़ टन रह गया। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में उत्पादन 2.38 करोड़ टन रहा, जो 2020-21 की समान अवधि में 2.44 करोड़ टन रहा था।
94.3 अरब डॉलर खर्च हुए हैं क्रूड तेल के आयात पर चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में
विस्तार
रूस-यूक्रेन संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से भारत का कच्चे तेल का आयात बिल 2021-22 में 100 अरब डॉलर के पार पहुंच सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर हुए खर्च का करीब दोगुना होगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 94.3 अरब डॉलर खर्च किए हैं। अकेले जनवरी में इस पर 11.6 अरब डॉलर खर्च हुए हैं।
फरवरी में कच्चे तेल के 100 डॉलर पार पहुंचने से अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत का तेल आयात बिल दोगुना होकर 110 से 115 अरब डॉलर पहुंचेगा। भारत जरूरतों का 85% कच्चा तेल आयात करता है।
उत्पादन लगातार घटने से बढ़ी है आयात पर निर्भरता
कोरोना से पहले 2019-20 में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक भारत ने 22.7 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात पर 101.4 अरब डॉलर खर्च किए थे। घरेलू उत्पादन लगातार घटने से भारत की आयात पर निर्भरता बढ़ी है। देश में कच्चे तेल का उत्पादन 2019-20 में 3.05 करोड़ टन था, जो इसके अगले साल घटकर 2.91 करोड़ टन रह गया। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में उत्पादन 2.38 करोड़ टन रहा, जो 2020-21 की समान अवधि में 2.44 करोड़ टन रहा था।
94.3 अरब डॉलर खर्च हुए हैं क्रूड तेल के आयात पर चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में
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