सार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि तुर्की में रूस के साथ इस सप्ताह होने जा रही बातचीत में प्राथमिकता यूक्रेन की संप्रभुता और भूभागीय अखंडता पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा हम वास्तव में, बिना किसी विलंब के, शांति चाहते हैं। तुर्की में आमने-सामने होने जा रही बातचीत एक अवसर है और जरूरत भी, यह बुरा नहीं है। देखते हैं कि क्या नतीजे मिलते हैं।
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से एक रिपोर्ट में यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि रूस ने बड़ी क्षति के बाद कीव के आसपास जमा अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं, वहीं मैरियूपोल में हालात बेहद खराब हैं। शहर के विनाश की तुलना सीरिया के अलेप्पो शहर से की जा रही है। यहां तक कि मृतकों को कब्रिस्तानों में ले जाना मुश्किल होने के चलते मनोरंजन पार्कों व स्कूलों में शव दफन किए जा रहे हैं।
मैरियूपोल में संचार सेवा खत्म होने के चलते जो लोग बंकरों से बाहर भोजन या पानी के इंतजाम के लिए जा रहे हैं उनकी वापसी समय से न होने पर बंकरों में विलाप शुरू हो जाता है। यही नहीं, दूसरे देशों में रह रहे लोग भी मैरियूपोल में अपनों की जानकारी नहीं ले पा रहे हैं।
हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यूक्रेन में काम कर रहे लोग मृतकों और शहर छोड़कर जाने वालों की जो सूची हर दिन सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं सिर्फ उसी से सूचनाएं मिल रही हैं। पोलैंड में पहुंचे शरणार्थियों को यहां मौजूद परिजनों की मौत की सूचना भी कब्र के फोटो देखकर मिली है।
सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में मैरियूपोल के लोगों ने कहा कि रूसी सेना, यूक्रेनियों के पासपोर्ट व अन्य पहचान पत्र छीनकर उन्हें जबरदस्ती रूस की सीमा में भेज रही है। करीब तीन हजार लोगों को वहां भेजे जा चुके हैं। रूसी सेना, यूक्रेनियों की मदद का झूठा प्रोपेगंडा भी कर रही है।
बाइडन से संयम बरतने की अपील
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन संघर्ष से निपटने के लिए शब्दों व कार्यों में संयम बरतने की अपील की। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्लादिमीर पुतिन को कसाई बोला था और कहा था कि उन्हें सत्ता में नहीं रहना चाहिए। वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर मैरियूपोल में तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।
चेर्नोबिल : पूरे यूरोप में विकिरण रिसाव का खतरा
यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने रूस पर कब्जे वाले चेर्नोबिल पावर स्टेशन के आसपास गैर-जिम्मेदार कृत्यों का आरोप लगाया है जो पूरे यूरोप को विकिरण से प्रभावित कर सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से जोखिमों का आकलन करने के लिए एक मिशन भेजने का आग्रह किया।
भारत को पुतिन की निंदा करनी चाहिए : रो खन्ना
भारतीय मूल के एक प्रभावशाली भारतीय सांसद रो खन्ना ने कहा है कि भारत को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को रूस या चीन से तेल भी नहीं खरीदना चाहिए। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद रो खन्ना ने कहा कि अब भारत के लिए अपना पक्ष चुनने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा, मैं भारत पर स्पष्ट हूं और मुझे लगता है कि भारत को पुतिन की निंदा करनी ही चाहिए। हमें पुतिन को अलग-थलग करने के लिए दुनिया को एकजुट करना चाहिए।
रूस से संप्रभुता पर केंद्रित होगी वार्ता : जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि तुर्की में रूस के साथ इस सप्ताह होने जा रही बातचीत में प्राथमिकता यूक्रेन की संप्रभुता और भूभागीय अखंडता पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा हम वास्तव में, बिना किसी विलंब के, शांति चाहते हैं। तुर्की में आमने-सामने होने जा रही बातचीत एक अवसर है और जरूरत भी, यह बुरा नहीं है। देखते हैं कि क्या नतीजे मिलते हैं। उन्होंने कहा, मैं दूसरे देशों की संसद से लगातार अपील करूंगा और उन्हें घेरेबंदी वाले मैरियूपोल जैसे शहरों के भयावह हालात की याद दिलाऊंगा।
विस्तार
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से एक रिपोर्ट में यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि रूस ने बड़ी क्षति के बाद कीव के आसपास जमा अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं, वहीं मैरियूपोल में हालात बेहद खराब हैं। शहर के विनाश की तुलना सीरिया के अलेप्पो शहर से की जा रही है। यहां तक कि मृतकों को कब्रिस्तानों में ले जाना मुश्किल होने के चलते मनोरंजन पार्कों व स्कूलों में शव दफन किए जा रहे हैं।
मैरियूपोल में संचार सेवा खत्म होने के चलते जो लोग बंकरों से बाहर भोजन या पानी के इंतजाम के लिए जा रहे हैं उनकी वापसी समय से न होने पर बंकरों में विलाप शुरू हो जाता है। यही नहीं, दूसरे देशों में रह रहे लोग भी मैरियूपोल में अपनों की जानकारी नहीं ले पा रहे हैं।
हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यूक्रेन में काम कर रहे लोग मृतकों और शहर छोड़कर जाने वालों की जो सूची हर दिन सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं सिर्फ उसी से सूचनाएं मिल रही हैं। पोलैंड में पहुंचे शरणार्थियों को यहां मौजूद परिजनों की मौत की सूचना भी कब्र के फोटो देखकर मिली है।
सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में मैरियूपोल के लोगों ने कहा कि रूसी सेना, यूक्रेनियों के पासपोर्ट व अन्य पहचान पत्र छीनकर उन्हें जबरदस्ती रूस की सीमा में भेज रही है। करीब तीन हजार लोगों को वहां भेजे जा चुके हैं। रूसी सेना, यूक्रेनियों की मदद का झूठा प्रोपेगंडा भी कर रही है।
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