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रूस-यूक्रेन युद्ध : कीव में हवाई हमले का अलर्ट, लोगों से कहा- बंकरों में जाएं, अब तक बीस लाख लोग कर चुके पलायन

सार

न्यूजीलैंड के सांसदों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है। रूस पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुके कई देशों के विपरीत न्यूजीलैंड ने पहले इस तरह के कदम नहीं उठाए थे और कहा था कि ऐसे कदम संयुक्त राष्ट्र के व्यापक प्रयास का हिस्सा होने चाहिए। प्रतिबंध विधेयक में उन कुलीन वर्गों पर कार्रवाई की बात कही गई है जो यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़े हैं।

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रूस-यूक्रेन युद्ध के 14वें दिन तक 20 लाख लोगों ने पूर्वी यूरोपीय देश छोड़ दिया है। यूक्रेन छोड़ने वाले लोगों में आधे बच्चे हैं और हर दिन नए पलायन के साथ यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बन चुका है। इस बीच, यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास बुधवार को हवाई अलर्ट घोषित कर निवासियों से जल्द बंकरों व सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा गया है।

रूसी सेना से घिरे यूक्रेनी शहरों में मानवीय हालात और भी विकट हो गए हैं। क्षेत्रीय प्रशासन प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने टेलीग्राम पर कहा, कई शहर रूसी सैनिकों ने घेर लिए हैं, ऐसे में कीव पर हवाई हमलों का खतरा है, लोग सुरक्षित जगहों पर छिप जाएं।

जमीनी हालात पर नजर डालें तो रूसी सेना ने यूक्रेन की तटरेखा पर बढ़त बना ली है। अजोव सागर स्थित मैरियूपोल को रूसी सैनिकों ने घेर रखा है और सड़कों पर शव दिखाई दे रहे हैं। 4.30 लाख की आबादी वाले इस शहर में मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जबकि यहां कोई मानवीय मदद नहीं पहुंच पाई है।

अंतरिक्ष से नजर आई बड़े हमलों की रूसी तैयारी
‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ के उपग्रह की तस्वीरों में बेलारूस की राजधानी मिंस्क के बाहर ‘माचुलिशची एयर बेस’ पर बेलारूसी और रूसी हेलीकॉप्टर दिख रहे हैं। अंदेशा है कि ये कभी भी कीव पर कार्रवाई कर सकते हैं। मैरियूपोल से अब भी लोग नहीं निकाले जा सके हैं।

सड़कों, घरों और चौराहों पर तबाही का मंजर
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मिशन की अधिकारी नतालिया मुद्रेंको ने रूस पर लोगों को ‘बंधक’ बनाने का आरोप लगते हुए कहा, मैरियूपोल व अन्य शहरों में हालात गंभीर हैं। खारकीव और मैरियूपोल में तबाही का मंजर सड़कों पर पड़े शवों के रूप में देखा जा सकता है। यहां बमबारी जारी है। झितोमीर के पास 25,000 लोगों की आबादी वाले शहर मालिन में बमबारी से दो बच्चों सहित पांच लोग मारे गए और एक कपड़ा कारखाना तथा सात मकान तबाह हो गए। खारकीव के पास चुहूयीव में सात वर्षीय बच्चे सहित दो लोग मारे गए। कीव के उपनगरों होस्तोमेल, इरपिन, विश्होरोद व बोरोदियांका में भी सड़कों पर तबाही देखी जा सकती है।

मैं क्यों न रोऊं, मुझे मेरा घर-नौकरी वापस चाहिए
यूक्रेन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मैरियूपोल में रूसी गोलाबारी की आवाज से कांपते हुए हजारों लोगों ने जान बचाने के लिए तहखानों में पनाह ली है। यहां कई दिन से भूखे लोग अब भोजन की तलाश में दुकानों के ताले तोड़ रहे हैं, प्यास बुझाने के लिए बर्फ पिघलाकर पी रहे हैं। महिलाओं और बच्चों के बीच तहखाने में तेल के दीपक की रोशनी में रोते हुए गोमा जाना ने कहा, मैं क्यों ना रोऊं ? मुझे मेरा घर वापस चाहिए, मेरी नौकरी वापस चाहिए। मैं लोगों और शहर को लेकर दुखी हूं।

जेलेंस्की की पत्नी का पत्र : 8 साल की एलिना व कई बच्चे सड़कों पर मारे गए
यूक्रेन  की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्की ने एक पत्र लिख रूस को आईना दिखाने की कोशिश की है और दुनिया को बताया है कि किस तरह से यूक्रेन पर किए गए हमले में मासूम बच्चों की मौतें हो रही हैं। ओलेना ने रूस द्वारा बच्चों व नागरिकों की सामूहिक हत्या की निंदा की और रूसी हमले पर वैश्विक मीडिया को एक भावुक खुला पत्र लिखा। उन्होंने बताया, ओखतिर्का की 8 वर्षीय एलिस भी सड़क पर मारी गई।

ओलेना जेलेंस्की ने अपने पत्र में जिक्र किया कि एलिस के दादा ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पाए। इसी तरह कीव की पोलीना अपने माता-पिता के साथ गोलाबारी में मर गई। 14 वर्षीय आर्सेनी के सिर में मलबे से चोट लगी और उसे भी बचाया नहीं जा सका। ओलेना ने पत्र लिखा, जब रूस कहता है कि वह नागरिकों के खिलाफ युद्ध नहीं छेड़ रहा है तो मैं सबसे पहले इन मारे गए बच्चों के नाम पुकारती हूं। उन्होंने बच्चों की मौत को सबसे भयानक और विनाशकारी बताया। ओलेना ने पत्र में स्पष्ट लिखा कि यूक्रेन हार नहीं मानने वाला और रूस को पूरा जवाब देगा।

खेलने कूदने की उम्र में सीख रहे जान बचाने का सबक
हर आपदा की सबसे बड़ी मार बच्चों पर ही पड़ती है। रूसी बमबारी, मिसाइल-रॉकेट हमलों का सामना करते यूक्रेन के लाखों बच्चे भी हमलांे के सबसे प्रमुख शिकार बन गए हैं। हंसता-खेलता बचपन मस्ती और किताबों की पढ़ाई छोड़कर जान बचाने का पाठ सीख रहे हैं। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, अकेले मैरियूपोल में चार हजार से ज्यादा बच्चों के िलए खाने का संकट उत्पन्न हो गया है।

जमीन के नीचे जिंदगी…
मैरियूपोल के एक भूमिगत बंकर में दिन गुजार रहे कुछ बच्चे। सैकड़ों परिवारों ने बम हमलों से जान बचाने के लिए भूमिगत बंकरों और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में शरण ले
रखी है। मैरियूपोल उन शहरों में है, जहां रूसी सेना ने सबसे पहले हवाई हमलों और मिसाइलों का निशाना बनाया था। शहर की अधिकतर इमारतें अब रहने लायक नहीं रह गई हैं।

 

न्यूजीलैंड ने पारित किया रूस के खिलाफ प्रतिबंध विधेयक
न्यूजीलैंड के सांसदों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है। रूस पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुके कई देशों के विपरीत न्यूजीलैंड ने पहले इस तरह के कदम नहीं उठाए थे और कहा था कि ऐसे कदम संयुक्त राष्ट्र के व्यापक प्रयास का हिस्सा होने चाहिए। प्रतिबंध विधेयक में उन कुलीन वर्गों पर कार्रवाई की बात कही गई है जो यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़े हैं। इससे न्यूजीलैंड संबंधित संपत्तियों को जब्त कर पाएगा और रूस के विमानों को न्यूजीलैंड में आने से रोक पाएगा।

विस्तार

रूस-यूक्रेन युद्ध के 14वें दिन तक 20 लाख लोगों ने पूर्वी यूरोपीय देश छोड़ दिया है। यूक्रेन छोड़ने वाले लोगों में आधे बच्चे हैं और हर दिन नए पलायन के साथ यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बन चुका है। इस बीच, यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास बुधवार को हवाई अलर्ट घोषित कर निवासियों से जल्द बंकरों व सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा गया है।

रूसी सेना से घिरे यूक्रेनी शहरों में मानवीय हालात और भी विकट हो गए हैं। क्षेत्रीय प्रशासन प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने टेलीग्राम पर कहा, कई शहर रूसी सैनिकों ने घेर लिए हैं, ऐसे में कीव पर हवाई हमलों का खतरा है, लोग सुरक्षित जगहों पर छिप जाएं।

जमीनी हालात पर नजर डालें तो रूसी सेना ने यूक्रेन की तटरेखा पर बढ़त बना ली है। अजोव सागर स्थित मैरियूपोल को रूसी सैनिकों ने घेर रखा है और सड़कों पर शव दिखाई दे रहे हैं। 4.30 लाख की आबादी वाले इस शहर में मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जबकि यहां कोई मानवीय मदद नहीं पहुंच पाई है।

अंतरिक्ष से नजर आई बड़े हमलों की रूसी तैयारी

‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ के उपग्रह की तस्वीरों में बेलारूस की राजधानी मिंस्क के बाहर ‘माचुलिशची एयर बेस’ पर बेलारूसी और रूसी हेलीकॉप्टर दिख रहे हैं। अंदेशा है कि ये कभी भी कीव पर कार्रवाई कर सकते हैं। मैरियूपोल से अब भी लोग नहीं निकाले जा सके हैं।

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