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राजस्थान: लव मैरिज के 40 साल बाद सास-ससुर की करवाई गई दोबारा शादी, हल्दी-मेहंदी से लेकर जूता चुराई तक की रस्में निभाई गईं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 20 Jan 2022 11:19 PM IST

सार

करीब 40 साल पहले रूपगढ़ के वड़लीपाड़ा में रहने वाले बाबू को तलाईपाड़ा निवासी कांता से प्यार हो गया था। परिवार के दबाव के कारण उस वक्त दोनों रीति-रिवाजों से शादी नहीं कर पाए थे, लेकिन दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया था। 

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Istock

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विस्तार

राजस्थान के बांसवाड़ा में एक बुजुर्ग दंपति की लव मैरिज के 40 साल बाद अब उनकी पूरे रीति-रिवाज से शादी करवाई गई है। मजेदार बात यह है कि इस दंपति की शादी में हल्दी, मेहंदी से लेकर जूते छिपाई तक की रस्मों को निभाया गया। साथ ही महिला संगीत के कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कोरोना महामारी के बावजूद शादी समारोह में गाइडलाइंस का पालन करते हुए पूरा परिवार उत्साह के साथ शामिल हुआ।

बताया गया है कि बुजुर्ग दंपति ने 40 साल पहले कोर्ट के जरिए शादी कर ली थी। लेकिन सामाजिक रीति रिवाजों से शादी नहीं हो सकी थी। ऐसे में अब बुजुर्ग दंपति की बेटी और दामाद ने सभी परंपराओं का पालन करते हुए रूपगढ़ निवासी बाबू (60) और कांता (60) की शादी करवाई। 

पहले क्यों नहीं हो पाई थी परंपरागत शादी?

करीब 40 साल पहले रूपगढ़ के वड़लीपाड़ा में रहने वाले बाबू को तलाईपाड़ा निवासी कांता से प्यार हो गया था। दोनों एक-दूसरे को पसंद भी करते थे। लेकिन तब प्रेम-विवाह करना लड़का-लड़की के लिए नामुमकिन जैसा था। पूरा परिवार दोनों के इस फैसले के विरोध में खड़ा हो गया। हालांकि, दबाव में पीछे हटने के बजाय इस दंपति ने एक-दूसरे का हाथ थामा और लव मैरिज के बाद साथ रहने लगे। 

दामाद ने बनाई शादी की पूरी योजना

इस बुजुर्ग दंपति को सालों तक परिवार और समाज का विरोध भी झेलना पड़ा। इसी के चलते दोनों की सामाजिक रीति-रिवाज से शादी नहीं हो सकी थी। उनकी बेटी सीमा यह किस्सा काफी समय से सुनती आ रही थीं। शादी की बाद भी सीमा को अपने माता-पिता की पूरे रीति-रिवाज से शादी न होने की बात कचोटती रही। जब सीमा ने यह बात अपने पति राजू को बताई, तो उसने अपने सास-ससुर की शादी कराने के लिए खास योजना बनाई। 

इस योजना के तहत ही मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया। शादी की तारीख तय हुई और दूल्हा-दुल्हन के परिवारवालों को बुलाया गया। हल्दी की रस्म से लेकर सात फेरे तक कराए गए। इस पूरे समारोह में दोनों के परिवार ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

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