हिमांशु मिश्र, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 15 Nov 2021 05:29 AM IST
सार
पूरे चुनाव का संदेश यह होगा कि उत्तर प्रदेश में योगी ने केंद्र में मोदी सरकार की तरह शासन चलाया है। अपने कार्यकाल में योगी ने पूरे उत्तर प्रदेश की पुरानी और ढुलमुल व्यवस्था को बदल दिया है।
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
– फोटो : Facebook
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विस्तार
पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह तय हो जाने के बाद कि राज्य में चुनावी चेहरा योगी होंगे और रणनीति की कमान गृह मंत्री अमित शाह संभालेंगे, पार्टी चुनावी रणनीति को धार देने में जुट गई है।
‘सबसे बड़े लड़इया’ को मुख्य चुनावी गीत इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि यह पहले ही लोकप्रिय हो चुका है और सोशल मीडिया पर वायरल है। पार्टी के रणनीतिकार बताते हैं कि इस जिंगल से पार्टी योगी के संदर्भ में जो संदेश देना चाहती है, इसमें वह सब कुछ है।
पार्टी चाहती है कि योगी की सख्त प्रशासक, त्यागी और भ्रष्टाचार विरोधी नेता की छवि बने। उनके कार्यकाल में माफिया राज खत्म हुआ है। बड़े-बड़े माफिया या तो जेल में बंद हैं या फिर एनकाउंटर में मारे गए हैं। कोरोना काल में जनता की सेवा में जुटे सीएम अपने पिता के अंतिम संस्कार तक में नहीं गए। राज्य में व्यापक पैमाने पर जिलों और जगहों के नाम बदले गए।
विपक्ष नहीं है मुकाबले में, ऐसी धारणा बनाएगी
चुनाव के दौरान भाजपा विपक्ष के कहीं मुकाबले में नहीं होने की भी धारणा बनाएगी। इस रणनीति के तहत अगले सप्ताह से दूसरे दलों खासकर सपा और बसपा से थोक के भाव नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा।
काशी में हुए मंथन में गृह मंत्री शाह ने ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर के नेताओं को दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी से जोडऩे का दायित्व दिया है। सूत्रों के मुताबिक ब्लॉक स्तर पर भी दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं-नेताओं को जोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंकने के लिए कहा गया है। ऐसा होने पर विपक्ष के कमजोर होने का संदेश जाएगा।
चुनाव के महत्व को समझाने की कोशिश
काशी मंथन में शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मतदाताओं को इस चुनाव का महत्व समझाने का निर्देश दिया। उन्होंनेे कहा कि मतदाताओं को बताएं कि भाजपा के लिए यह चुनाव जीतना भारत के हित में है। भाजपा को सत्ता नहीं मिली तो पीएम मोदी कमजोर होंगे। यूपी में माफियाराज कायम होगा और पूरे देश में देश विरोधी तत्वों के हौसले बुलंद होंगे।