वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 06 Mar 2022 11:01 PM IST
सार
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पहले पुतिन की तारीफ करते नजर आए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आलोचना के बाद अपना रुख बदल लिया है। अब वह इस युद्ध के लिए बाइडन प्रशासन को निशाने पर ले रहे हैं। इसी बीच उन्होंने यूक्रेन संकट को समाप्त करने का एक तरीका भी बताया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस संघर्ष को खत्म करने का एक अलग स्तर का तरीका बताया है। शनिवार को शीर्ष रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के दानदाताओं के सामने अपने संबोधन में बताया कि अमेरिका को इस युद्ध को खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई में सीधे तौर पर दखल न देने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना करते रहे हैं।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, ‘अमेरिका को अपने एफ-22 लड़ाकू विमानों पर चीन का झंडा लगाना चाहिए और रूस पर बम बरसा देने चाहिए। इसके बाद हम कह दें कि यह चीन ने किया है। तब चीन और रूस आपस में लड़ने लगेंगे और हम आराप से पीछे बैठ कर तमाशा देखेंगे।’ यह जानकारी अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में सामने आई है। ट्रंप की इस बात पर वहां मौजूद लोगों ने इसे मजाक की तरह लेते हुए ठहाके लगाए और तालियां बजाईं।
नाटो के बताया ‘कागज का शेर’, बाइडन पर साधा निशाना
इसके साथ ही ट्रंप ने नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को कागज का शेर बताया। उन्होंने कहा, ‘आखिर किस बिंदु पर देश कहेंगे कि नहीं, हम मानवता के खिलाफ इतना भीषण अपराध होने नहीं दे सकते? हम ऐसा नहीं होने दे सकते, हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते।’ ट्रंप ने कहा कि अब बाइडन को यह कहना बंद कर देना चाहिए कि हम रूस पर हमला इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि वह एक परमाणु शक्ति से संपन्न देश है।
पहले की थी पुतिन की तारीफ, आलोचना के बाद बदला रुख
यहां एक रोचक बात यह है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया था तब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ की थी। इसके लिए उनकी ही पार्टी के नेताओं ने उनकी निंदा की थी। अब उन्होंने अपना रुख बदल लिया है और राष्ट्रपति बाइडन को निशाने पर ले रहे हैं। ट्रंप ने यह दावा भी कर चुके है कि इस समय अगर मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो पुतिन ने जो भी किया है वैसा वह कभी नहीं करते।
विस्तार
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस संघर्ष को खत्म करने का एक अलग स्तर का तरीका बताया है। शनिवार को शीर्ष रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के दानदाताओं के सामने अपने संबोधन में बताया कि अमेरिका को इस युद्ध को खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई में सीधे तौर पर दखल न देने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना करते रहे हैं।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, ‘अमेरिका को अपने एफ-22 लड़ाकू विमानों पर चीन का झंडा लगाना चाहिए और रूस पर बम बरसा देने चाहिए। इसके बाद हम कह दें कि यह चीन ने किया है। तब चीन और रूस आपस में लड़ने लगेंगे और हम आराप से पीछे बैठ कर तमाशा देखेंगे।’ यह जानकारी अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में सामने आई है। ट्रंप की इस बात पर वहां मौजूद लोगों ने इसे मजाक की तरह लेते हुए ठहाके लगाए और तालियां बजाईं।
नाटो के बताया ‘कागज का शेर’, बाइडन पर साधा निशाना
इसके साथ ही ट्रंप ने नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को कागज का शेर बताया। उन्होंने कहा, ‘आखिर किस बिंदु पर देश कहेंगे कि नहीं, हम मानवता के खिलाफ इतना भीषण अपराध होने नहीं दे सकते? हम ऐसा नहीं होने दे सकते, हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते।’ ट्रंप ने कहा कि अब बाइडन को यह कहना बंद कर देना चाहिए कि हम रूस पर हमला इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि वह एक परमाणु शक्ति से संपन्न देश है।
पहले की थी पुतिन की तारीफ, आलोचना के बाद बदला रुख
यहां एक रोचक बात यह है कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया था तब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ की थी। इसके लिए उनकी ही पार्टी के नेताओं ने उनकी निंदा की थी। अब उन्होंने अपना रुख बदल लिया है और राष्ट्रपति बाइडन को निशाने पर ले रहे हैं। ट्रंप ने यह दावा भी कर चुके है कि इस समय अगर मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो पुतिन ने जो भी किया है वैसा वह कभी नहीं करते।
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