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यूक्रेन संकट: 'ओके' रूस से इंडिया के संबंध हमारे जैसे नहीं, सुरक्षा परिषद में भारत के रुख पर बाइडन प्रशासन ने कहा 

पीटीआई, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 26 Feb 2022 08:30 AM IST

सार

बाइडन प्रशासन ने कहा कि हमने हर देश से कहा था कि वह रूस को नियम आधारित विश्व व्यवस्था पर अमल की खातिर राजी करने के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल करे।

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ मतदान के बाद अमेरिका ने भारत के रुख को ‘ओके’ (ठीक) बताया है। अमेरिका ने यह भी कहा कि भारत-रूस के संबंध हमारे जैसे नहीं हैं। भारत हमारा भी मित्र है। 
 

बाइडन प्रशासन ने कहा कि हमने हर देश से कहा था कि वह रूस को नियम आधारित विश्व व्यवस्था पर अमल की खातिर राजी करने के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल करे। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका व भारत महत्वपूर्ण हित व मूल्य साझा करते हैं। हम जानते हैं कि भारत के रूस के साथ अलग रिश्ते हैं और ये वैसे नहीं हैं जैसे कि रूस के साथ हमारे हैं। निश्चित रूप से ये उचित हैं। वॉशिंगटन में अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राइस ने यह बात कही। 

प्राइस ने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा समेत तमाम क्षेत्रों में एक रिश्ता है, जो हमारे जैसा नहीं है। हमने रूस से संबंध रखने वाले हर उस देश से कहा था कि वह अपने रिश्तों का इस्तेमाल करते हुए विश्व व्यवस्था कायम रखने के लिए उसे तैयार करे। 

प्राइस ने कहा कि अमेरिका की भी भारत के साथ व्यापक साझेदारी है। जैसा कि आप जानते हैं कुछ दिनों पूर्व ही आस्ट्रेलिया में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात हुई थी। वहां क्वाड बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर मंथन  हुआ था। 

उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने अपने खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। प्रस्ताव के पक्ष में 11 देशों ने मतदान किया जबकि भारत, चीन व यूएई ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 

रूस व यूक्रेन के बीच तीसरे दिन शनिवार को भी भीषण जंग जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आज की रात को सबसे कठिन बताया है। रूस की सेना यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार तेज करते हुए जल्द ही कीव पर कब्जा कर सकती है। पिछले तीन दिनों में रूसी सेना ने यूक्रेन पर चार तरफ से हमला कर उसकी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया है। हालांकि, राजधानी कीव अभी तक रूसी सेना के कब्जे से दूर रही थी। अब खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने चिंता जताई है कि कीव पर रूसी सेना के कब्जे का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन हमें खड़े रहना होगा। 

विस्तार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ मतदान के बाद अमेरिका ने भारत के रुख को ‘ओके’ (ठीक) बताया है। अमेरिका ने यह भी कहा कि भारत-रूस के संबंध हमारे जैसे नहीं हैं। भारत हमारा भी मित्र है। 

 

बाइडन प्रशासन ने कहा कि हमने हर देश से कहा था कि वह रूस को नियम आधारित विश्व व्यवस्था पर अमल की खातिर राजी करने के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल करे। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका व भारत महत्वपूर्ण हित व मूल्य साझा करते हैं। हम जानते हैं कि भारत के रूस के साथ अलग रिश्ते हैं और ये वैसे नहीं हैं जैसे कि रूस के साथ हमारे हैं। निश्चित रूप से ये उचित हैं। वॉशिंगटन में अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राइस ने यह बात कही। 

प्राइस ने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा समेत तमाम क्षेत्रों में एक रिश्ता है, जो हमारे जैसा नहीं है। हमने रूस से संबंध रखने वाले हर उस देश से कहा था कि वह अपने रिश्तों का इस्तेमाल करते हुए विश्व व्यवस्था कायम रखने के लिए उसे तैयार करे। 

प्राइस ने कहा कि अमेरिका की भी भारत के साथ व्यापक साझेदारी है। जैसा कि आप जानते हैं कुछ दिनों पूर्व ही आस्ट्रेलिया में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात हुई थी। वहां क्वाड बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर मंथन  हुआ था। 

उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने अपने खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। प्रस्ताव के पक्ष में 11 देशों ने मतदान किया जबकि भारत, चीन व यूएई ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 

रूस व यूक्रेन के बीच तीसरे दिन शनिवार को भी भीषण जंग जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आज की रात को सबसे कठिन बताया है। रूस की सेना यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार तेज करते हुए जल्द ही कीव पर कब्जा कर सकती है। पिछले तीन दिनों में रूसी सेना ने यूक्रेन पर चार तरफ से हमला कर उसकी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया है। हालांकि, राजधानी कीव अभी तक रूसी सेना के कब्जे से दूर रही थी। अब खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने चिंता जताई है कि कीव पर रूसी सेना के कब्जे का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन हमें खड़े रहना होगा। 

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