यूक्रेन को कीव में मिली अहम सफलता के कारण अब रूसी सेना राजधानी को फिलहाल उत्तर पश्चिम दिशा से नहीं घेर पाएगी। बौखलाए रूस ने कीव में बमबारी और तेज कर दी। राजधानी के उत्तरी इलाके से काले धुएं के गुबार उठते नजर आए, जबकि उत्तर पश्चिम में वह तोपखाने से हमला करने की कोशिश कर रहा है।
मैरियूपोल पर भीषण हवाई हमला जारी है। यूक्रेन का आरोप है, रूस ने मंगलवार को जैपोरिझिया में मानवीय गलियारे पर बमबारी की। मैरियूपोल से निकलने वाले अधिकतर लोग जैपोरिझिया के रास्ते ही सुरक्षित इलाकों में जा रहे हैं। सोमवार को मैरियूपोल से करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
रूसी फौजियों ने बरसाईं गोलियां, टैंकों के सामने डटे रहे लोग
रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी शहर खेरसान में कई नागरिक दुश्मन फौज के टैंकों के खिलाफ डट गए हैं। सोमवार शाम एक चौराहे पर स्थानीय नागरिकों ने रैलियां निकालीं। लोगों ने रूस वापस जाओ के नारे लगाते हुए हमलावरों के टैंकों व बख्तरबंद वाहनों की आवाजाही ठप कर दी। प्रदर्शन से बौखलाए रूसी फौजियों ने निहत्थे नागरिकों पर गोलीबारी करके तितर-बितर करने की कोशिश की। इससे कुछ प्रदर्शनकारी घायल हुए, लेकिन लोगों ने रूसियों को पीछे हटाकर ही दम लिया।
10 हजार सैनिक मरने की खबर, फिर पलट गए
रूस के लोकप्रिय अखबार कोमसोमोलस्क्या प्रावदा ने सोमवार को वेबसाइट पर खबर दी कि यूक्रेन से लड़ाई में रूस के 10 हजार से अधिक सैनिक मारे गए हैं। हालांकि कुछ मिनट बाद खबर हटा ली गई। बाद में, अखबार ने सफाई दी कि वेबसाइट हैक हो गई थी और सैनिक मरने की खबर गलत थी।
पुतिन से सीधी बात के बिना लड़ाई नहीं थमेगी : जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है, जब तक रूसी राष्ट्रपति पुतिन से उनकी सीधी बात नहीं होती, युद्ध समाप्ति का समझौता नहीं हो सकता। जेलेंस्की ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बात की है और बृहस्पतिवार को होने वाली पश्चिमी देशों की बैठक में यूक्रेन का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया।
बाइडन को रासायनिक-जैविक हमले की आशंका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आशंका जताई कि यूक्रेन में रूस रासायनिक या जैविक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
दस यूक्रेनी अस्पताल पूरी तरह नष्ट
यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर लाएस्कोव ने बताया कि रूसी हमले में अब तक दस अस्पताल पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। लगातार हमले के कारण दूसरे अस्पतालों को भी दवा तथा अन्य जरूरी चीजें नहीं मिल पा रही हैं। कोविड-19 की जांच भी सिर्फ उन्हीं इलाकों में हो पा रही है, जहां लड़ाई नहीं चल रही है।