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नई तकनीक: चीनी उपग्रह देगा स्मार्टफोन पर धरती पर कहीं से भी इंस्टैंट लाइव स्ट्रीमिंग की सेवा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हांग कांग
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 23 Mar 2022 04:58 PM IST

सार

लुओजिया-3 01 के बारे में बताया गया है कि यह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट होगा। उस पर एक शक्तिशाली दूरबीन लगी होगी। इसके जरिए 0.7 मीटर रिजोल्यूशन की तस्वीर या वीडियो हासिल करना संभव हो सकेगा। बताया गया है कि इसका उपयोग करते हुए 500 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित किसी कार के ब्रांड या दूसरी किसी वस्तु की तुरंत पहचान करना संभव हो जाएगा…

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यूक्रेन संकट के बीच दुनिया में अपनी हैसियत बढ़ाने में जुटे चीन की एक ताजा घोषणा अब दुनिया का ध्यान खींच रही है। इस बारे में सबसे पहले खबर हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने दी। उसके बाद से इस बारे में और जानकारियां सामने आई हैं।

चीन ने एक नई तकनीक पेश करने की घोषणा की है। उसका दावा है कि उसके इस्तेमाल से लगभग तुरंत स्मार्टफोन के जरिए अंतरिक्ष में मौजूद हाई डिफिनिशन कैमरों तक पहुंच बनाई जा सकेगी। ये सेवा इस साल जुलाई में एक नए चीनी उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद दी जाएगी। इस उपग्रह का नाम लुओजिया-3 01 के बताया गया है।

उपग्रह खींच सकेगा 0.7 मीटर रिजोल्यूशन की तस्वीर

लुओजिया-3 01 के बारे में बताया गया है कि यह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट होगा। उस पर एक शक्तिशाली दूरबीन लगी होगी। इसके जरिए 0.7 मीटर रिजोल्यूशन की तस्वीर या वीडियो हासिल करना संभव हो सकेगा। बताया गया है कि इसका उपयोग करते हुए 500 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित किसी कार के ब्रांड या दूसरी किसी वस्तु की तुरंत पहचान करना संभव हो जाएगा।

चीनी वैज्ञानिकों ने कहा है कि छोटा और कम लागत वाला ये उपग्रह व्यापक नेटवर्क से जुड़ा होगा। उनका दावा है कि इसके जरिए स्मार्टफोन के जरिए लगभग तुरंत (रियल टाइम में) धरती पर कहीं भी मौजूद किसी चीज का फोटो खींचना या वीडियो बनाना संभव हो जाएगा। चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में रिमोट सेंसिंग इंजीनियरिंग के प्रोफेसर वांग मी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए धरती के किसी भी स्थल से किसी घटना की लाइव स्ट्रीमिंग मोबाइल फोन पर की जा सकेगी।

जानकारों के मुताबिक ऐसी तकनीक अभी भी कुछ देशों के वॉर रूम में मौजूद है। लेकिन नागरिकों को ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। वांग ने कहा कि चीन के प्रोग्राम का मकसद हर व्यक्ति को मुफ्त में ऐसी सुविधा मुहैया कराना है। उन्होंने कहा- ‘हम ये सुविधा दुनिया में सबको उपलब्ध कराएंगे।’

लाइव स्ट्रीमिंग का घट जाएगा वक्त

इस प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम का दावा है कि लॉन्च किए जाने वाले उपग्रह में हाई स्पीड डेटा ट्रांसमिशन की क्षमता भी होगी, जिससे वह अमेरिकी जीपीएस और चीनी बेइदू की तरह सबको नेविगेशन की सुविधाएं भी दे सकेगा। परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक ली दारेन ने इस बारे में एक चीनी जर्नल में लेख लिखा है। उनका कहना है कि नई सेवा का अंतिम मकसद लाइव स्ट्रीमिंग में होने वाली देर को घटा कर सेकंडों में ले आना है।

चीनी वेबसाइट ईसीएनएस.सीएन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास अभी भी अंतरिक्ष से लाइव ब्रॉडकास्टिंग का सिस्टम है। उसका इस्तेमाल अभी कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस साल चीनी नव वर्ष के दिन चीन के अंतरिक्ष केंद्र तियान्हे से लाइव स्ट्रीमिंग की गई थी।

प्रोजेक्ट टीम के मुताबिक लुओजिया-3 01 पहले प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों की दुनिया में अधिक मात्रा में डाटा की प्रोसेसिंग करने में सक्षम होगा। उस पर लगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक उन डाटा का विश्लेषण करेगी। इन सब वजहों से लोगों को ऐसा अनुभव प्राप्त होगा, जिसके बारे में अभी सोचा भी नहीं गया है।

विस्तार

यूक्रेन संकट के बीच दुनिया में अपनी हैसियत बढ़ाने में जुटे चीन की एक ताजा घोषणा अब दुनिया का ध्यान खींच रही है। इस बारे में सबसे पहले खबर हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने दी। उसके बाद से इस बारे में और जानकारियां सामने आई हैं।

चीन ने एक नई तकनीक पेश करने की घोषणा की है। उसका दावा है कि उसके इस्तेमाल से लगभग तुरंत स्मार्टफोन के जरिए अंतरिक्ष में मौजूद हाई डिफिनिशन कैमरों तक पहुंच बनाई जा सकेगी। ये सेवा इस साल जुलाई में एक नए चीनी उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद दी जाएगी। इस उपग्रह का नाम लुओजिया-3 01 के बताया गया है।

उपग्रह खींच सकेगा 0.7 मीटर रिजोल्यूशन की तस्वीर

लुओजिया-3 01 के बारे में बताया गया है कि यह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट होगा। उस पर एक शक्तिशाली दूरबीन लगी होगी। इसके जरिए 0.7 मीटर रिजोल्यूशन की तस्वीर या वीडियो हासिल करना संभव हो सकेगा। बताया गया है कि इसका उपयोग करते हुए 500 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित किसी कार के ब्रांड या दूसरी किसी वस्तु की तुरंत पहचान करना संभव हो जाएगा।

चीनी वैज्ञानिकों ने कहा है कि छोटा और कम लागत वाला ये उपग्रह व्यापक नेटवर्क से जुड़ा होगा। उनका दावा है कि इसके जरिए स्मार्टफोन के जरिए लगभग तुरंत (रियल टाइम में) धरती पर कहीं भी मौजूद किसी चीज का फोटो खींचना या वीडियो बनाना संभव हो जाएगा। चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में रिमोट सेंसिंग इंजीनियरिंग के प्रोफेसर वांग मी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए धरती के किसी भी स्थल से किसी घटना की लाइव स्ट्रीमिंग मोबाइल फोन पर की जा सकेगी।

जानकारों के मुताबिक ऐसी तकनीक अभी भी कुछ देशों के वॉर रूम में मौजूद है। लेकिन नागरिकों को ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। वांग ने कहा कि चीन के प्रोग्राम का मकसद हर व्यक्ति को मुफ्त में ऐसी सुविधा मुहैया कराना है। उन्होंने कहा- ‘हम ये सुविधा दुनिया में सबको उपलब्ध कराएंगे।’

लाइव स्ट्रीमिंग का घट जाएगा वक्त

इस प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम का दावा है कि लॉन्च किए जाने वाले उपग्रह में हाई स्पीड डेटा ट्रांसमिशन की क्षमता भी होगी, जिससे वह अमेरिकी जीपीएस और चीनी बेइदू की तरह सबको नेविगेशन की सुविधाएं भी दे सकेगा। परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक ली दारेन ने इस बारे में एक चीनी जर्नल में लेख लिखा है। उनका कहना है कि नई सेवा का अंतिम मकसद लाइव स्ट्रीमिंग में होने वाली देर को घटा कर सेकंडों में ले आना है।

चीनी वेबसाइट ईसीएनएस.सीएन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास अभी भी अंतरिक्ष से लाइव ब्रॉडकास्टिंग का सिस्टम है। उसका इस्तेमाल अभी कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस साल चीनी नव वर्ष के दिन चीन के अंतरिक्ष केंद्र तियान्हे से लाइव स्ट्रीमिंग की गई थी।

प्रोजेक्ट टीम के मुताबिक लुओजिया-3 01 पहले प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों की दुनिया में अधिक मात्रा में डाटा की प्रोसेसिंग करने में सक्षम होगा। उस पर लगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक उन डाटा का विश्लेषण करेगी। इन सब वजहों से लोगों को ऐसा अनुभव प्राप्त होगा, जिसके बारे में अभी सोचा भी नहीं गया है।

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