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मुलाकात: श्रीराम मंदिर संघर्ष पर लिखी जा रही किताब, केंद्रीय मंत्री भट्ट ने प्रधानमंत्री से मिलकर दी जानकारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 31 Aug 2021 09:21 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट।
– फोटो : Amar Ujala

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अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर संघर्ष पर आधारित गहन शोध तथा सबसे अधिक पृष्ठों वाली एक किताब लिखी जा रही है। रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इस बात की जानकारी दी। भट्ट ने पीएम मोदी को बताया कि इस पुस्तक के लेखक वह स्वयं और कुमार सुशांत हैं। इस पुस्तक का हिंदी के अलावा 10 अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 21 देशों में इसका विमोचन किया जाएगा। 

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक पुस्तक के लेखन-कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह काफी अच्छा प्रयास है। उन्होंने इस विषय पर अपना मार्गदर्शन भी  दिया।

इतिहास के संकलन के लिए लिखी जा रही इस पुस्तक के बारे में मंत्री भट्ट ने कहा कि पुस्तक में अयोध्या में श्रीराम मंदिर संघर्ष के अलावा भारतीय भाषाओं में रामकथा समेत भगवान राम, मां सीता तथा प्रभु के मानव कल्याण संदेशों पर आधारित आलेखों को विशेष तौर पर संग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में करीब एक हजार पृष्ठों के संकलन का कार्य लगभग संपूर्ण हो चुका है। 

अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर संघर्ष पर आधारित गहन शोध तथा सबसे अधिक पृष्ठों वाली एक किताब लिखी जा रही है। रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इस बात की जानकारी दी। भट्ट ने पीएम मोदी को बताया कि इस पुस्तक के लेखक वह स्वयं और कुमार सुशांत हैं। इस पुस्तक का हिंदी के अलावा 10 अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद भी किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 21 देशों में इसका विमोचन किया जाएगा। 

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक पुस्तक के लेखन-कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह काफी अच्छा प्रयास है। उन्होंने इस विषय पर अपना मार्गदर्शन भी  दिया।

इतिहास के संकलन के लिए लिखी जा रही इस पुस्तक के बारे में मंत्री भट्ट ने कहा कि पुस्तक में अयोध्या में श्रीराम मंदिर संघर्ष के अलावा भारतीय भाषाओं में रामकथा समेत भगवान राम, मां सीता तथा प्रभु के मानव कल्याण संदेशों पर आधारित आलेखों को विशेष तौर पर संग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में करीब एक हजार पृष्ठों के संकलन का कार्य लगभग संपूर्ण हो चुका है। 

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