न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 23 Mar 2022 12:27 PM IST
सार
मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में 20 जनवरी 2020 को ब्रजेश ठाकुर और 18 अन्य को कई लड़कियों के यौन शोषण एवं शारीरिक उत्पीड़न का दोषी करार दिया था। इन आरोपों में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
बिहार के मुजफ्फरपुर समेत दूसरे आश्रय गृह में लड़कियों/नाबालिगों के शोषण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से 2 हफ्ते में बताने को कहा है कि उसने लापरवाही बरतने वाले अपने अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की। वहीं बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सीबीआई की सिफारिशों के अनुसार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस दौरान सीबीआई ने भी अपना पक्ष रखा। सीबीआई ने कहा कि जांच पूरी हो गई है। 19 लोगों को निचली अदालत ने दोषी ठहराया है।
क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला
मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (टीआईएसएस) की टीम ने मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह से 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था। इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं। वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये पीड़ित लड़कियां गायब हुई थीं। इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई। पहले तो मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई। गायब हुई लड़कियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद मामला सीबीआई के पास पहुंचा। सीबीआई जांच में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। सीबीआई जांच में शेल्टर परिसर में हड्डियां बरामद की गईं। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों पर सीबीआई ने जार्जशीट दायर की है। मामले पर पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई हुई। इसके बाद मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंचा।
विस्तार
बिहार के मुजफ्फरपुर समेत दूसरे आश्रय गृह में लड़कियों/नाबालिगों के शोषण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से 2 हफ्ते में बताने को कहा है कि उसने लापरवाही बरतने वाले अपने अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की। वहीं बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सीबीआई की सिफारिशों के अनुसार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस दौरान सीबीआई ने भी अपना पक्ष रखा। सीबीआई ने कहा कि जांच पूरी हो गई है। 19 लोगों को निचली अदालत ने दोषी ठहराया है।
क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला
मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (टीआईएसएस) की टीम ने मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह से 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था। इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं। वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये पीड़ित लड़कियां गायब हुई थीं। इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई। पहले तो मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई। गायब हुई लड़कियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद मामला सीबीआई के पास पहुंचा। सीबीआई जांच में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। सीबीआई जांच में शेल्टर परिसर में हड्डियां बरामद की गईं। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों पर सीबीआई ने जार्जशीट दायर की है। मामले पर पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई हुई। इसके बाद मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट पहुंचा।
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