मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठी को गौरवशाली बनाना आवश्यक है। मराठी भाषा का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हमें भाषा बोलनी होगी और उस पर गर्व करना होगा।
उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र – फोटो : ANI
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग उठाई है। मराठी भाषा गौरव दिवस को लेकर हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि मराठी की महिमा को पूरे वर्ष मनाया जाना चाहिए।
सीएम ठाकरे ने कहा कि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं और यह हमें तय करना है कि हम उनकी विरासत को कैसे आगे बढ़ाते हैं। मातृभाषा किसी की मां की ओर से सबसे अच्छा उपहार है और इसे गौरवशाली बनाना आवश्यक है। मराठी भाषा का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हमें भाषा बोलनी होगी और उस पर गर्व करना होगा।
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र सरकार ने इस मांग के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पहले भेजे गए 1.2 लाख पोस्टकार्ड के अलावा 6,000 पोस्टकार्ड भेजे थे।
2020 में महाराष्ट्र की विधानसभा ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया था जिसमें केंद्र को मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी। हालांकि इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। लेकिन शिवसेना के ज्यादातर नेता इसकी वकालत करते नजर आते हैं।
विस्तार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग उठाई है। मराठी भाषा गौरव दिवस को लेकर हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि मराठी की महिमा को पूरे वर्ष मनाया जाना चाहिए।
सीएम ठाकरे ने कहा कि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं और यह हमें तय करना है कि हम उनकी विरासत को कैसे आगे बढ़ाते हैं। मातृभाषा किसी की मां की ओर से सबसे अच्छा उपहार है और इसे गौरवशाली बनाना आवश्यक है। मराठी भाषा का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हमें भाषा बोलनी होगी और उस पर गर्व करना होगा।
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र सरकार ने इस मांग के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पहले भेजे गए 1.2 लाख पोस्टकार्ड के अलावा 6,000 पोस्टकार्ड भेजे थे।
2020 में महाराष्ट्र की विधानसभा ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया था जिसमें केंद्र को मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी। हालांकि इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। लेकिन शिवसेना के ज्यादातर नेता इसकी वकालत करते नजर आते हैं।
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