सार
हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हिस्सेदारी में दिसंबर तिमाही में 10 वर्षों में सबसे बड़ा विस्तार देखा गया। ऐसे में सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी की ओर से जरूरी उत्पादों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी देश में खुदरा महंगाई पर पड़ने वाले असर पर चिंता पैदा करती है। आने वाले सप्ताह में अन्य कंपनियां भी उत्पादों के दाम बढ़ा सकती हैं।
लगातार बढ़ रही महंगाई लोगों की मुसीबतें बढ़ा रही है। महंगे पेट्रोल-डीजल और खाने के तेल के बाद अब साबुन, सर्फ, डिशवॉश जैसे उत्पादों की कीमतों में इजाफा हुआ है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने फरवरी में इन उत्पादों के दाम 3 से 10 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं।
कंपनी ने दो महीने में लगातार दूसरी बार दाम बढ़ाए हैं। एचयूएल का कहना है कि कच्चे माल की ऊंची कीमतों के असर को कम करने के लिए इन उत्पादों के दाम दूसरी बार बढ़ाने का फैसला किया गया है। कीमतों में बढ़ोतरी दिसंबर तिमाही की आय के बाद प्रबंधन ने जैसा कहा था, यह वृद्धि उसी के अनुरूप है।
कंपनी ने दिसंबर में संकेत दिया था कि अगर कच्चे माल की महंगाई दिसंबर तिमाही के मुकाबले ज्यादा होगी तो वह चरणबद्ध तरीके से दाम बढ़ाने पर विचार करेगी। एचयूएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) रितेश तिवारी ने कहा कि बढ़ रही लागत को देखते हुए हमारी पहली प्राथमिकता बहुत कठिन बचत करना और फिर चरणबद्ध तरीके से कीमतें बढ़ाना है।
कंपनी खुद जता चुकी है मांग पर चिंता
ब्रोकरेज फर्म एडलवीज सिक्योरिटीज का कहना है कि एफएमसीजी कंपनी ने फरवरी में साबुन, सर्फ, डिशवॉश और अन्य दूसरे उत्पादों की कीमतों में 3-10 फीसदी तक वृद्धि की है। जांच में पता चला है कि सर्फ एक्सेल ईजी वॉश, सर्फ एक्सेल क्विक वॉश, विम बार एवं लिक्विड, लक्स एवं रेक्सोना साबुन और पॉन्ड्स टेल्कम पाउडर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने बढ़ोतरी ऐसे समय में की है, जब उसने खुद मांग के मांग का माहौल चिंता जताई है। खासकर ग्रामीण बाजार में।
जनवरी में बढ़ाए थे 20 फीसदी तक दाम
एचयूएल ने इस साल जनवरी में भी व्हील, रिन, सर्फ एक्सेल और लाइफब्वॉय श्रेणी के उत्पादों के दाम 3-20 फीसदी तक बढ़ाए थे। चाय, कच्चे पाम तेल एवं अन्य कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कंपनी ने दिसंबर और सितंबर तिमाही में भी दाम बढ़ाए थे। इससे वह उन एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हुई थी, जिनका परिचालन आय दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर बढ़ा था।
अन्य कंपनियां भी महंगे कर सकती हैं उत्पाद
अपने उत्पादों के दम पर हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हिस्सेदारी में दिसंबर तिमाही में 10 वर्षों में सबसे बड़ा विस्तार देखा गया। ऐसे में सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी की ओर से जरूरी उत्पादों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी देश में खुदरा महंगाई पर पड़ने वाले असर पर चिंता पैदा करती है। आने वाले सप्ताह में अन्य कंपनियां भी उत्पादों के दाम बढ़ा सकती हैं।
विस्तार
लगातार बढ़ रही महंगाई लोगों की मुसीबतें बढ़ा रही है। महंगे पेट्रोल-डीजल और खाने के तेल के बाद अब साबुन, सर्फ, डिशवॉश जैसे उत्पादों की कीमतों में इजाफा हुआ है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने फरवरी में इन उत्पादों के दाम 3 से 10 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं।
कंपनी ने दो महीने में लगातार दूसरी बार दाम बढ़ाए हैं। एचयूएल का कहना है कि कच्चे माल की ऊंची कीमतों के असर को कम करने के लिए इन उत्पादों के दाम दूसरी बार बढ़ाने का फैसला किया गया है। कीमतों में बढ़ोतरी दिसंबर तिमाही की आय के बाद प्रबंधन ने जैसा कहा था, यह वृद्धि उसी के अनुरूप है।
कंपनी ने दिसंबर में संकेत दिया था कि अगर कच्चे माल की महंगाई दिसंबर तिमाही के मुकाबले ज्यादा होगी तो वह चरणबद्ध तरीके से दाम बढ़ाने पर विचार करेगी। एचयूएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) रितेश तिवारी ने कहा कि बढ़ रही लागत को देखते हुए हमारी पहली प्राथमिकता बहुत कठिन बचत करना और फिर चरणबद्ध तरीके से कीमतें बढ़ाना है।
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