ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Tue, 21 Dec 2021 12:09 PM IST
सार
राशि के अनुसार निर्धारित किया नाम का पहला अक्षर बच्चे के अंदर के गुणों को प्रभावित करता है। हिंदू धर्म में बच्चों के नामकरण के संबंध में कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं नामकरण पर किन बातों का ध्यान देना चाहिए-
भूलकर भी न करें इस नक्षत्र में बच्चों का नामकरण, ध्यान रखें ये बातें (prateekatmak tasveer)
– फोटो : pixa
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विस्तार
इन तिथियों में न करें नामकरण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बच्चे के नाम रखते समय दिन यानि तिथि का भी विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार किसी बच्चे के जन्म के 11वें ,12वें और 16वें दिन में नामकरण संस्कार किया जाता है। लेकिन भूलकर भी पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर बच्चे का नामकरण संस्कार नहीं करना चाहिए।
इन नक्षत्रों में कर सकते हैं नामकरण
ज्योतिष शस्त्र के अनुसार कोई भी शुभ कार्य शुभ नक्षत्रों को देख कर ही किया जाता है। ऐसे में नामकरण संस्कार करते समय शुभ नक्षत्र में ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र शुभ कार्य करने के लिए अच्छे माने गए हैं तो कुछ अशुभ। अनुराधा, पुनर्वसु, माघ, उत्तरा, उत्तराषाढा, उत्तरभाद्र, शतभिषा, स्वाती, धनिष्ठा, श्रवण, रोहिणी, अश्विनी, मृगशिरा, रेवती, हस्त और पुष्य नक्षत्र को बच्चे के नामकरण के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। इसके अतिरतिक्त अन्य नक्षत्रों में नामकरण करना अशुभ माना गया है
अर्थपूर्ण नाम रखें
नाम का तब तक कोई महत्व नहीं होता हब तक उसका अर्थ न हो। इसलिए ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बच्चों का जब भी कोई नाम रखें उसका अर्थ अवश्य होना चाहिए। नाम का प्रभाव बच्चों के व्यक्तित्व पर नजर आता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि नाम वही रखें जिसके कोई मायने निकलते हों।