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भारतीय रेलवे: सभी ट्रेनों में क्यों नहीं उपलब्ध हो पा रहे कंबल और चादर, सरकार ने बताई ये वजह

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 24 Mar 2022 10:24 PM IST

सार

10 मार्च को रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को एक निर्देश भेजा था कि तत्काल प्रभाव से ट्रेनों के एसी क्लास में फिर से बेड रोल की सप्लाई शुरू की जाए। इसके साथ ही एसी कोच की खिड़की में फिर से पर्दे लटकाने का भी निर्देश था…

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भारतीय रेलवे ने भले ही सफर के दौरान यात्रियों को कंबल और चादर उपलब्ध कराने की घोषणा भले ही कर दी हो, लेकिन अभी भी ट्रेन में यात्रियों को ये सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। आए दिन रेल यात्री इसकी शिकायत रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों से करते नजर आ रहे हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए रेलवे ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि मीडिया के कुछ वर्गों ने खबर दी है कि लिनन पर से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटने के बावजूद रेलवे इन्हें उपलब्ध नहीं करा रही है। सभी संबंधित लोगों के मार्गदर्शन के लिए सूचित किया जाता है कि रेलवे द्वारा लिनन (बेडशीट, कंबल आदि) की आपूर्ति तय तारीख से फिर से शुरू कर दी गई है।

हालांकि, लिनन की उचित गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि फ्रेश लिनन की एक बड़ी मात्रा की खरीद की जा रही है, क्योंकि कोविड काल के पिछले दो वर्षों में बहुत पुराना स्टॉक अनुपयोगी हो गया है। रेलवे लिनन सर्विस को फिर से 100 फीसदी तक उसी रूप में वापस लाने के लिए ओवरटाइम काम कर रही है, जैसी कि प्री-कोविड समय में थी।

बीते 10 मार्च को रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को एक निर्देश भेजा था कि तत्काल प्रभाव से ट्रेनों के एसी क्लास में फिर से बेड रोल की सप्लाई शुरू की जाए। इसके साथ ही एसी कोच की खिड़की में फिर से पर्दे लटकाने का भी निर्देश था। ट्रेनों में यह सुविधा 21 मार्च से शुरू हो सकी और चरणबद्ध तरीके से विभिन्न ट्रेनों में लागू की जा रही है।

सांसदों ने भी उठाई मांग
जदयू के सांसद रामनाथ ठाकुर ने भी संसद में चादर कंबल नहीं मिलने के मुद्दे को उठाया। राज्यसभा में रेल बजट पर बहस के दौरान भाषण देते हुए ठाकुर ने कहा कि कंबल से बैन हटाने की जानकारी के बाद जब वह यात्रा के लिए ट्रेन में पहुंचे, तो पता चला की कंबल और लिनन नहीं मिलेगा। इस मामले में रेलवे के अफसरों से पूछताछ की जानी चाहिए और जल्द जल्द इसकी सप्लाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

दरअसल, कोविड काल में ट्रेनों में यात्रा के दौरान मिलने वाले लिनन और कंबल को बंद कर दिया गया था, लेकिन जैसे-जैसे मामले कम हुए रेलवे भी तमाम पाबंदियों को हटाने लगा। इसी क्रम में रेलवे ने बीते 10 मार्च को एक नोटिफिकेशन निकालकर कंबल और लिनन पर लगी पाबंदी को हटाया और तुरंत प्रभाव से शुरू करने का आदेश भी दिया, पर अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है।

विस्तार

भारतीय रेलवे ने भले ही सफर के दौरान यात्रियों को कंबल और चादर उपलब्ध कराने की घोषणा भले ही कर दी हो, लेकिन अभी भी ट्रेन में यात्रियों को ये सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। आए दिन रेल यात्री इसकी शिकायत रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों से करते नजर आ रहे हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए रेलवे ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि मीडिया के कुछ वर्गों ने खबर दी है कि लिनन पर से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटने के बावजूद रेलवे इन्हें उपलब्ध नहीं करा रही है। सभी संबंधित लोगों के मार्गदर्शन के लिए सूचित किया जाता है कि रेलवे द्वारा लिनन (बेडशीट, कंबल आदि) की आपूर्ति तय तारीख से फिर से शुरू कर दी गई है।

हालांकि, लिनन की उचित गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि फ्रेश लिनन की एक बड़ी मात्रा की खरीद की जा रही है, क्योंकि कोविड काल के पिछले दो वर्षों में बहुत पुराना स्टॉक अनुपयोगी हो गया है। रेलवे लिनन सर्विस को फिर से 100 फीसदी तक उसी रूप में वापस लाने के लिए ओवरटाइम काम कर रही है, जैसी कि प्री-कोविड समय में थी।

बीते 10 मार्च को रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को एक निर्देश भेजा था कि तत्काल प्रभाव से ट्रेनों के एसी क्लास में फिर से बेड रोल की सप्लाई शुरू की जाए। इसके साथ ही एसी कोच की खिड़की में फिर से पर्दे लटकाने का भी निर्देश था। ट्रेनों में यह सुविधा 21 मार्च से शुरू हो सकी और चरणबद्ध तरीके से विभिन्न ट्रेनों में लागू की जा रही है।

सांसदों ने भी उठाई मांग

जदयू के सांसद रामनाथ ठाकुर ने भी संसद में चादर कंबल नहीं मिलने के मुद्दे को उठाया। राज्यसभा में रेल बजट पर बहस के दौरान भाषण देते हुए ठाकुर ने कहा कि कंबल से बैन हटाने की जानकारी के बाद जब वह यात्रा के लिए ट्रेन में पहुंचे, तो पता चला की कंबल और लिनन नहीं मिलेगा। इस मामले में रेलवे के अफसरों से पूछताछ की जानी चाहिए और जल्द जल्द इसकी सप्लाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

दरअसल, कोविड काल में ट्रेनों में यात्रा के दौरान मिलने वाले लिनन और कंबल को बंद कर दिया गया था, लेकिन जैसे-जैसे मामले कम हुए रेलवे भी तमाम पाबंदियों को हटाने लगा। इसी क्रम में रेलवे ने बीते 10 मार्च को एक नोटिफिकेशन निकालकर कंबल और लिनन पर लगी पाबंदी को हटाया और तुरंत प्रभाव से शुरू करने का आदेश भी दिया, पर अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है।

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