एजेंसी, बीजिंग।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 22 Dec 2021 06:01 AM IST
सार
चीन की संसदीय स्थायी समिति इस हफ्ते महिला अधिकार व हित संरक्षण कानून संशोधन समेत कई विधेयकों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी। यह कानून सबसे पहले 1992 में पारित हुआ था। फिलहाल, पति की मंजूरी के बाद ही कोई अस्पताल गर्भवती को सिजेरियन प्रसव की अनुमति देता है।
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– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
चीन की संसदीय स्थायी समिति इस हफ्ते महिला अधिकार व हित संरक्षण कानून संशोधन समेत कई विधेयकों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी। यह कानून सबसे पहले 1992 में पारित हुआ था। फिलहाल, पति की मंजूरी के बाद ही कोई अस्पताल गर्भवती को सिजेरियन प्रसव की अनुमति देता है।
पुरानी समस्याएं नहीं हुईं खत्म
यह कानून कई वर्षों से प्रभाव में है, लेकिन समाज व अर्थव्यवस्था की तरक्की के साथ कुछ समस्याएं खत्म नहीं हुईं और कुछ नई दिक्कतें भी सामने आ खड़ी हुईं। लिहाजा, इसमें संशोधन किया जाएगा। -ही यीतिंग, सामाजिक मुद्दों के संसदीय अधिकारी
झेलना पड़ता है पारिवारिक-सामाजिक दबाव
मौजूदा कानून के तहत महिलाओं को बराबर अधिकार मिले थे, लेकिन अब भी उन्हें विवाह व बच्चे पैदा करने से लेकर करियर बनाने तक में पारिवारिक-सामाजिक दबावों का सामना करना पड़ता है।
चीनी समाज में बहस तेज
नए कानून पर भी चीनी समाज में बहस तेज हो गई है। कुछ लोगों का कहना है कि सिजेरियन प्रसव से महिला और शिशु को नुकसान हो सकता है। ऑपरेशन कराने वाली माताओं को ठीक होने में भी ज्यादा समय लगेगा।