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प्रस्ताव: उर्वरकों के वितरण, मूल्य, गुणवत्ता को नियंत्रित करने का मिलेगा अधिकार, केंद्र ला रहा कानून

पीटीआई, दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 16 Feb 2022 02:18 AM IST

सार

प्रस्तावित कानून का उद्देश्य जैव-उर्वरक, जैव-उत्तेजक, नैनो-उर्वरक और जैविक उर्वरकों सहित संतुलित उर्वरकों के विकास और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है।

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केंद्र सरकार ने एक कानून का प्रस्ताव रखा है जो उसे उर्वरकों का अधिकतम बिक्री मूल्य तय करने और इसकी गुणवत्ता और वितरण को नियंत्रित करने का अधिकार देगा। उर्वरक विभाग ने 26 फरवरी तक एकीकृत पौध पोषण प्रबंधन विधेयक, 2022 के मसौदे पर सभी हितधारकों से राय मांगी हैं।

इस मसौदे के जरिए भारतीय एकीकृत पादप पोषण प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। विभाग की वेबसाइट पर जारी मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि यह घोषित किया जाता है कि यह जनहित में समीचीन है कि संघ को उर्वरकों के वितरण, मूल्य और मानकों की गुणवत्ता को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए।

व्यापार करने में सुधार होगा
प्रस्तावित कानून का उद्देश्य जैव-उर्वरक, जैव-उत्तेजक, नैनो-उर्वरक और जैविक उर्वरकों सहित संतुलित उर्वरकों के विकास और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही बताया गया है कि यह भारत में उर्वरकों के निर्माण, उत्पादन, वितरण और मूल्य प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास करता है, जो बदले में, व्यापार करने में आसानी में सुधार करेगा।

मसौदे में कहा गया है कि केंद्र सरकार, उर्वरकों के समान वितरण को विनियमित करने और उर्वरकों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने की दृष्टि से, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, अधिकतम मूल्य या दरें तय कर सकती है, जिस पर कोई भी डीलर, निर्माता आयातक या उर्वरक विपणन इकाई द्वारा उर्वरक बेचा जा सकता है। इसमें आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति उचित पंजीकरण प्राप्त किए बिना निर्माण, बिक्री, बिक्री के लिए आयात या इस बाजार में काम नहीं कर सकता है।

विस्तार

केंद्र सरकार ने एक कानून का प्रस्ताव रखा है जो उसे उर्वरकों का अधिकतम बिक्री मूल्य तय करने और इसकी गुणवत्ता और वितरण को नियंत्रित करने का अधिकार देगा। उर्वरक विभाग ने 26 फरवरी तक एकीकृत पौध पोषण प्रबंधन विधेयक, 2022 के मसौदे पर सभी हितधारकों से राय मांगी हैं।

इस मसौदे के जरिए भारतीय एकीकृत पादप पोषण प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। विभाग की वेबसाइट पर जारी मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि यह घोषित किया जाता है कि यह जनहित में समीचीन है कि संघ को उर्वरकों के वितरण, मूल्य और मानकों की गुणवत्ता को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए।

व्यापार करने में सुधार होगा

प्रस्तावित कानून का उद्देश्य जैव-उर्वरक, जैव-उत्तेजक, नैनो-उर्वरक और जैविक उर्वरकों सहित संतुलित उर्वरकों के विकास और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही बताया गया है कि यह भारत में उर्वरकों के निर्माण, उत्पादन, वितरण और मूल्य प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास करता है, जो बदले में, व्यापार करने में आसानी में सुधार करेगा।

मसौदे में कहा गया है कि केंद्र सरकार, उर्वरकों के समान वितरण को विनियमित करने और उर्वरकों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने की दृष्टि से, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, अधिकतम मूल्य या दरें तय कर सकती है, जिस पर कोई भी डीलर, निर्माता आयातक या उर्वरक विपणन इकाई द्वारा उर्वरक बेचा जा सकता है। इसमें आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति उचित पंजीकरण प्राप्त किए बिना निर्माण, बिक्री, बिक्री के लिए आयात या इस बाजार में काम नहीं कर सकता है।

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