एजेंसी,लाहौर।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 25 Feb 2022 07:29 AM IST
सार
अगर मांगें पूरी नहीं की गई तो प्रदर्शन कर रहे किसान और मजदूर पंजाब विधानसभा को घेर लेंगे।
पाक की इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी (जेआई) की किसान शाखा ने उर्वरकों की बढ़ती कीमतों को लेकर इमरान खान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। छोटे जोत वाले किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था किसान बोर्ड पाकिस्तान (केबीपी) के क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी शौकत ने कहा कि उर्वरक महंगे और अनुपलब्ध हो गए हैं। ऐसे में हालात नहीं बदले तो फसलों उत्पादन गिर जाएगा।
प्रदर्शनकारियों नेकहा कि फसलों की बिक्री मूल्य खर्च से बहुत कम है। ऐसे में किसानों को बीज और कृषि उपकरणों पर सामान्य बिक्री कर में छूट दी जानी चाहिए। जेआई प्रमुख सिराज-उल हक ने बताया कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार ने अत्याचार और अन्याय के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
हक ने आगे कहा कि आईएमएफ की गुलाम बन चुकी सरकार की गलत नीतियों से सभी विभाग और क्षेत्र चरमरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अपनी मांगें पूरी नहीं की गई तो प्रदर्शन कर रहे किसान और मजदूर पंजाब विधानसभा को घेर लेंगे।
आंदोलनकारियों ने गिरफ्तार किसानों की तत्काल रिहाई की भी मांग की। इस मांग में खासतौर पर लाहौर में गिरफ्तार किए गए 200 किसान शामिल हैं, जिन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
विस्तार
पाक की इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी (जेआई) की किसान शाखा ने उर्वरकों की बढ़ती कीमतों को लेकर इमरान खान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। छोटे जोत वाले किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था किसान बोर्ड पाकिस्तान (केबीपी) के क्षेत्रीय अध्यक्ष चौधरी शौकत ने कहा कि उर्वरक महंगे और अनुपलब्ध हो गए हैं। ऐसे में हालात नहीं बदले तो फसलों उत्पादन गिर जाएगा।
प्रदर्शनकारियों नेकहा कि फसलों की बिक्री मूल्य खर्च से बहुत कम है। ऐसे में किसानों को बीज और कृषि उपकरणों पर सामान्य बिक्री कर में छूट दी जानी चाहिए। जेआई प्रमुख सिराज-उल हक ने बताया कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार ने अत्याचार और अन्याय के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
हक ने आगे कहा कि आईएमएफ की गुलाम बन चुकी सरकार की गलत नीतियों से सभी विभाग और क्षेत्र चरमरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अपनी मांगें पूरी नहीं की गई तो प्रदर्शन कर रहे किसान और मजदूर पंजाब विधानसभा को घेर लेंगे।
आंदोलनकारियों ने गिरफ्तार किसानों की तत्काल रिहाई की भी मांग की। इस मांग में खासतौर पर लाहौर में गिरफ्तार किए गए 200 किसान शामिल हैं, जिन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
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