सार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इनमें भी विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाने के मामलों की संख्या ज्यादा है। यहां के सिंध प्रांत में धार्मिक चरमपंथियों द्वारा हिंदू महिलाओं का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराने के कई मामले सामने आ चुके हैं। अब इस कड़ी में 18 वर्षीय हिंदू लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराने से जुड़ा एक और मामला सामने आया है।
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विस्तार
जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित कई महिलाओं विशेष रूप से सिंध में हिंदुओं का अपहरण किया जाता है और धार्मिक चरमपंथियों द्वारा उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है।
पाकिस्तान में लगातार हो रहीं है जबरन धर्मांतरण की घटनाएं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय लंबे समय से जबरन विवाह और धर्मांतरण के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। पीपुल्स कमिशन फॉर माइनॉरिटीज राइट्स और सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के अनुसार, 2013 और 2019 के बीच जबरन धर्मांतरण की 156 घटनाएं हुईं।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में सिंध सरकार ने दूसरी बार जबरन धर्मांतरण और विवाह को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ धार्मिक प्रदर्शनकारियों ने बिल का विरोध किया। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो ने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की कुल जनसंख्या 1.60 फीसदी और सिंध में 6.51 फीसदी की रिपोर्ट दी है।
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े अल्पसंख्यक
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हैं। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, समुदाय के अनुसार देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं। पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी है जहां वे मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा साझा करते हैं। वे अक्सर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत करते हैं।