Desh

नियम वापस लेने की अपील: पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी दिशानिर्देशों पर एडिटर्स गिल्ड ने जताई आपत्ति

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 21 Feb 2022 04:44 AM IST

सार

संगठन ने कहा कि यह तो और भी खराब बात है कि संबंधित पत्रकारों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, मान्यता रद्द करने के मामलों में मानहानि को भी शामिल किया गया है।

ख़बर सुनें

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्र सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी नए दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई है। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि ये मनमाने, अस्पष्ट और कठोर निर्देश सरकार से जुड़े मामलों की आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग पर पाबंदी लगाने के मकसद से जारी किए गए हैं।

संगठन ने दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की और पीआईबी से संशोधित दिशानिर्देशों के लिए सभी स्टेकहोल्डरों से बात करने की अपील की। 

संगठन ने कहा कि वह नए दिशानिर्देशों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। नए दिशानिर्देशों में कई नए प्रावधान शामिल हैं जिनके तहत एक पत्रकार की मान्यता मनमाने और बगैर कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाए रद्द की जा सकती है। यह बहुत ही अजीब बात है कि केवल आरोपी होने पर भी मान्यता रद्द करने के नियम का जिक्र किया गया है।

संगठन ने कहा कि यह तो और भी खराब बात है कि संबंधित पत्रकारों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, मान्यता रद्द करने के मामलों में मानहानि को भी शामिल किया गया है।

विस्तार

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्र सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी नए दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई है। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि ये मनमाने, अस्पष्ट और कठोर निर्देश सरकार से जुड़े मामलों की आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग पर पाबंदी लगाने के मकसद से जारी किए गए हैं।

संगठन ने दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की और पीआईबी से संशोधित दिशानिर्देशों के लिए सभी स्टेकहोल्डरों से बात करने की अपील की। 

संगठन ने कहा कि वह नए दिशानिर्देशों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। नए दिशानिर्देशों में कई नए प्रावधान शामिल हैं जिनके तहत एक पत्रकार की मान्यता मनमाने और बगैर कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाए रद्द की जा सकती है। यह बहुत ही अजीब बात है कि केवल आरोपी होने पर भी मान्यता रद्द करने के नियम का जिक्र किया गया है।

संगठन ने कहा कि यह तो और भी खराब बात है कि संबंधित पत्रकारों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, मान्यता रद्द करने के मामलों में मानहानि को भी शामिल किया गया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: