न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 16 Feb 2022 09:57 PM IST
सार
सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल्स में नियुक्ति के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। कोर्ट ने कहा कि कुछ ट्रिब्यूनल्स में खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने बिना सोचे-समझे नियुक्ति कर दी।
सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : ani
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विस्तार
देशभर में मौजूद ट्रिब्यूनल्स में लंबे समय से खाली पड़े पदों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नाराजगी जताई। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि नौकरशाही इस मुद्दे को काफी हल्के में ले रहा है। बेंच ने केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि वे सरकार से इस पर अपना पक्ष रखने को कहें।
सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल्स में नियुक्ति के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। कोर्ट ने कहा कि कुछ ट्रिब्यूनल्स में खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने बिना सोचे-समझे नियुक्ति कर दी। बेंच ने पूछा- “यह ट्रिब्यूनल्स से जुड़ा मामला है। हर दिन हमसे इन मामलों का जिक्र हो रहा है जिन पर ट्रिब्यूनल्स की तरफ से सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार ने कुछ बिना सोचे नियुक्तियां की हैं, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें इनके सदस्यों के भाग्य के बारे में नहीं पता और उनमें से कई रिटायर भी हो रहे हैं। नौकरशाही इसे काफी हल्के में ले रही है।” कोर्ट की इस नाराजगी पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार इस मामले में जल्द ही एक एफिडेविट दायर करेगी। सुप्रीम कोर्ट अब तीन हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई करेगा।