Desh

नवाब मलिक: हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राकांपा नेता, जल्द होगी सुनवाई 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 13 Apr 2022 12:03 PM IST

सार

मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि, PMLA कानून 2005 में लागू हुआ था। जिन लेन-देन के लिए ED इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 से पहले के हैं।

ख़बर सुनें

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चल रहे राकांपा नेता नवाब मलिक ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिहाई की मांग की है। दरअसल, हाई कोर्ट ने रिहाई की मांग वाले उनके अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने संबंधित मामले में जल्द ही सुनवाई का आश्वासन दिया है। 

दरअसल, मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि, PMLA कानून 2005 में लागू हुआ था। जिन लेन-देन के लिए ED इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 से पहले के हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि, वह जल्द ही मामले को सूचीबद्ध कर सुनवाई करेगा।  

विस्तार

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चल रहे राकांपा नेता नवाब मलिक ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिहाई की मांग की है। दरअसल, हाई कोर्ट ने रिहाई की मांग वाले उनके अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने संबंधित मामले में जल्द ही सुनवाई का आश्वासन दिया है। 

दरअसल, मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि, PMLA कानून 2005 में लागू हुआ था। जिन लेन-देन के लिए ED इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 से पहले के हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि, वह जल्द ही मामले को सूचीबद्ध कर सुनवाई करेगा।  

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

10
Desh

XE Variant: कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता, स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने विशेषज्ञों के साथ की बैठक 

9
Desh

माधवपुर मेला: त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने किया संबोधित, बोले- पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर भारत और देश के बीच की खाई को खत्म किया

To Top
%d bloggers like this: