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दो भाषाओं में फ्लॉप रही थी पचास के दशक की ये फिल्म, हिंदी भाषा में किया सिनेमा जगत पर राज

मुगल ए आजम
– फोटो : मुगल ए आजम

अगर बात हिंदी सिनेमा के अतीत की करें तो यह बहुत ही समृद्धशाली रहा है। हिंदी सिनेमा जगत ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में दी हैं। बात अगर पचास और अस्सी के दशक की करें तो हिंदी सिनेमा में भारतीय संस्कृति पर आधारित कई फिल्मों का निर्माण किया गया। ये फिल्में और इनके कलाकारों की अदायगी आज भी लोगों के जेहन में है। पचास के दशक में ऐसी भी एक फिल्म बनी थी जिसका नाम था ‘मुगल-ए-आजम’। इस फिल्म में उस समय के सबसे मशहूर कलाकार दिलीप कुमार ने शहजादे सलीम की भूमिका निभाई थी, तो वहीं उस समय की खूबसूरत अदाकारा ने मधुबाला को रोल अदा किया था। क्या आपको पता है कि पचास के दशक में बनी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ को एक नहीं बल्कि तीन भाषाओं में बनाया गया था।

 

मुगल-ए-आजम
– फोटो : सोशल मीडिया

तीन भाषाओं में बनाई गई थी मुगल-ए-आजम

‘मुगल-ए-आजम’ हिंदी सिनेमा के लिए एर ऐतिहासिक फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्न को तीन भाषाओं में बनाया गया था, हिंदी, इंग्लिश और तमिल। इस फिल्म को भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, इटली, जापान, अमेरिका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया में भी अलग-अलग भाषाओं में रिलीज किया गया था।  तमिल भाषा में फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ फ्लॉप हो गई, तो वहीं इंग्लिश वाली का हाल भी बहुत बुरा हुआ था। हालांकि हिंदी में फिल्म छा गई और सुपरहिट साबित हुई। यह फिल्म हिंदी सिनेमा की सरताज बनी, लेकिन अफसोस की बात रही कि इस फिल्म बनाने के पीछे अपना सबकुछ दांव पर लगाने वाले करीमुद्दीन आसिफ इसकी सफलता देखने से पहले ही इस दुनिया से रुखसत हो गए थे।

 

मुगल-ए-आजम
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई

5 अगस्त 1960 में फिल्म मुगल-ए-आजम को रिलीज किया गया था। उस समय में यह हिंदी सिनेमा की पहली सबसे शानदार और महंगी फिल्म थी। इस फिल्म को करीमुद्दीन आसिफ ने बनाया था। कहा जाता है कि आसिफ ने फिल्म मुगल-ए-आजम को बनाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। उस समय में भी इस फिल्म में तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये की लागत आई थी, जो उस समय के हिसाब से बहुत ही ज्यादा थी। ‘मुगल-ए-आजम’ को बनाने में 14 साल का समय लगा था और आज भी इस फिल्म को शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये जाना जाता है।

‘मुगल-ए-आजम’ में दिलीप कुमार और मधुूबाला

 मुगल-ए-आजम से रातों रात स्टार बन गए थे दिलीप कुमार

फिल्म मुगल-ए-आजम में शहजादे सलीम और नृतिका अनारकली के बीच की प्रेम कहानी को दर्शाया गया था। दर्शकों को ये कहानी बेहद पसंद आई थी। मुगल-ए-आजम की फिल्म की वजह से ही दिलीप कुमार और मधुबाला रातों रात स्टार बन गए थे। 

मुगल ए आजम

जिस समय में सिनेमा की टिकट एक या डेढ़ रुपये की हुआ करती थी,उस जमाने में फिल्म मुगले आजम की टिकट पूरे सौ रुपये की बिकती थी। हालांकि मुगल-ए-आजम की टिकट कोई साधारण टिकट नहीं थी बल्कि इसमें यादों का पूरा पिटारा हुआ करता था। इसमें फिल्म के गानों की बुकलेट, फोटोग्राफ्स और कई अन्य चीजें हुआ करती थी। हिंदी भाषा में मुगल-ए-आजम के सुपरहिट होने का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि रिलीज से पहले एडवांस बुकिंग के लिए आस-पास के शहरों से भी लोग टिकट खरीदने मुंबई पहुंच गए थे।

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